Comments - नदी इंकार मत करना कभी तू अपनी क़ुर्बत से (१०७ ) - Open Books Online2024-03-29T12:36:43Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1009200&xn_auth=noभाई सालिक गणवीर जी , इस उत्स…tag:openbooksonline.com,2020-06-07:5170231:Comment:10094972020-06-07T10:27:14.094Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://openbooksonline.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>भाई <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SalikGanvir" class="fn url">सालिक गणवीर</a><span> जी , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार </span></p>
<p>भाई <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SalikGanvir" class="fn url">सालिक गणवीर</a><span> जी , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार </span></p> आदरणीय गहलोत जी
सादर अभिवादन…tag:openbooksonline.com,2020-06-07:5170231:Comment:10093992020-06-07T09:59:01.065Zसालिक गणवीरhttp://openbooksonline.com/profile/SalikGanvir
<p>आदरणीय गहलोत जी</p>
<p>सादर अभिवादन</p>
<p>एक और शानदार ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें.</p>
<p>आदरणीय गहलोत जी</p>
<p>सादर अभिवादन</p>
<p>एक और शानदार ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें.</p> मैंने 'ग़लतियाँ' के बारे में न…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10093632020-06-05T14:47:24.377ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मैंने 'ग़लतियाँ' के बारे में नहीं "ग़लती" को 112 बताया था,'ग़लतियाँ'212 होगा ।</p>
<p>मैंने 'ग़लतियाँ' के बारे में नहीं "ग़लती" को 112 बताया था,'ग़लतियाँ'212 होगा ।</p> भाई TEJ VEER SINGH जी , इस…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10094552020-06-05T14:46:29.225Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://openbooksonline.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>भाई <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH" class="fn url">TEJ VEER SINGH</a><span> जी , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमन | </span></p>
<p>भाई <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH" class="fn url">TEJ VEER SINGH</a><span> जी , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमन | </span></p> आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कु…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10092782020-06-05T14:45:38.020Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://openbooksonline.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a> जी , <span>इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमन</span></p>
<p></p>
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a> जी , <span>इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमन</span></p>
<p></p> आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' साह…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10095292020-06-05T14:44:46.782Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://openbooksonline.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz" class="fn url">अमीरुद्दीन 'अमीर'</a><span> साहेब , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमन | </span></p>
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz" class="fn url">अमीरुद्दीन 'अमीर'</a><span> साहेब , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार एवं सादर नमन | </span></p> आदरणीय Samar kabeer साहेब ,…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10095272020-06-05T14:43:31.058Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://openbooksonline.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer" class="fn url">Samar kabeer</a><span> साहेब , आपकी हौसला आफजाई और नई जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार | आपने ग़लतियाँ शब्द के लिए भी १११२ बताया था | देवनागरी में लिखने वालों को शायद ही हरकत =११२ पता होगा | </span></p>
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer" class="fn url">Samar kabeer</a><span> साहेब , आपकी हौसला आफजाई और नई जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार | आपने ग़लतियाँ शब्द के लिए भी १११२ बताया था | देवनागरी में लिखने वालों को शायद ही हरकत =११२ पता होगा | </span></p> आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत 'तु…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10092742020-06-05T11:42:48.152Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी, आदाब। अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें। सादर। </p>
<p>आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी, आदाब। अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें। सादर। </p> आद0 गिरधर सिंह गहलोत जी सादर…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10094472020-06-05T08:19:04.031Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 गिरधर सिंह गहलोत जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिए</p>
<p>आद0 गिरधर सिंह गहलोत जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिए</p> हार्दिक बधाई आदरणीय गिरधारी स…tag:openbooksonline.com,2020-06-05:5170231:Comment:10095142020-06-05T07:08:41.771ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' </span>जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>गुनाहों की तरफ चल दें न ये मजदूर बेबस हों</span><br/><span>न हासिल हो उन्हें रोटी अगर मेहनत मशक्क़त से</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' </span>जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>गुनाहों की तरफ चल दें न ये मजदूर बेबस हों</span><br/><span>न हासिल हो उन्हें रोटी अगर मेहनत मशक्क़त से</span></p>