Comments - लोटा है साँप फिर से जो उसके कलेजे पर - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' (गजल) - Open Books Online2024-03-29T06:05:31Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1011157&xn_auth=noआ. भाई बसंत कुमार जी, सादर अभ…tag:openbooksonline.com,2020-07-03:5170231:Comment:10115302020-07-03T01:20:22.393Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p><span>आ. भाई बसंत कुमार जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद।</span></p>
<p><span>आ. भाई बसंत कुमार जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद।</span></p> आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवाद…tag:openbooksonline.com,2020-07-03:5170231:Comment:10116192020-07-03T01:19:12.632Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए आभार ।</p> आदरणीय सादर नमस्कार, बहुत खूब…tag:openbooksonline.com,2020-07-02:5170231:Comment:10115112020-07-02T12:12:07.742Zबसंत कुमार शर्माhttp://openbooksonline.com/profile/37vrpfxgzfdi8
<p>आदरणीय सादर नमस्कार, बहुत खूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकारें </p>
<p>आदरणीय सादर नमस्कार, बहुत खूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकारें </p> हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण ध…tag:openbooksonline.com,2020-07-01:5170231:Comment:10112672020-07-01T14:06:35.295ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' </span>जी।बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>लोटा है साँप फिर से जो उसके कलेजे पर</span><br/><span>कहता है कौन घर मेरे रातें नहीं खिली।४।</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' </span>जी।बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>लोटा है साँप फिर से जो उसके कलेजे पर</span><br/><span>कहता है कौन घर मेरे रातें नहीं खिली।४।</span></p>