Comments - है जो कुछ भी धरती का - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ( गजल) - Open Books Online2024-03-28T22:38:03Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1014621&xn_auth=noआ. भाई सालिक गणवीर जी, सादर अ…tag:openbooksonline.com,2020-08-12:5170231:Comment:10147482020-08-12T01:16:14.926Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सालिक गणवीर जी, सादर अभिवादन ।गजल पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से खुशी हुई । इस स्नेह के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई सालिक गणवीर जी, सादर अभिवादन ।गजल पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से खुशी हुई । इस स्नेह के लिए आभार ।</p> आ. मधु जी सादर अभिवादन । गजल…tag:openbooksonline.com,2020-08-12:5170231:Comment:10146852020-08-12T01:13:45.895Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. मधु जी सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p>
<p>आ. मधु जी सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p> आ. भाई दण्डपाणि नाहक जी, सादर…tag:openbooksonline.com,2020-08-12:5170231:Comment:10147472020-08-12T01:12:28.629Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई दण्डपाणि नाहक जी, सादर अभिवादन । गजल पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई दण्डपाणि नाहक जी, सादर अभिवादन । गजल पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभार ।</p> आ. भाई रवि भसीन जी, सादर अभिव…tag:openbooksonline.com,2020-08-12:5170231:Comment:10147452020-08-12T01:10:42.768Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई रवि भसीन जी, सादर अभिवादन । आपको गजल अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है । स्नेह व सराहना के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई रवि भसीन जी, सादर अभिवादन । आपको गजल अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है । स्नेह व सराहना के लिए आभार ।</p> भाई लक्ष्मण धामी जी
सादर अभिव…tag:openbooksonline.com,2020-08-11:5170231:Comment:10147232020-08-11T09:49:52.584Zसालिक गणवीरhttp://openbooksonline.com/profile/SalikGanvir
<p>भाई लक्ष्मण धामी जी</p>
<p>सादर अभिवादन</p>
<p>सुंदर ग़ज़ल पाठकों तक पहुँचाने के लिए हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें.</p>
<p>भाई लक्ष्मण धामी जी</p>
<p>सादर अभिवादन</p>
<p>सुंदर ग़ज़ल पाठकों तक पहुँचाने के लिए हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें.</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'…tag:openbooksonline.com,2020-08-11:5170231:Comment:10147192020-08-11T06:54:36.714ZMadhu Passi 'महक'http://openbooksonline.com/profile/MadhuPassi
आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी नमस्कार! बहुत ही सुंदर ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद।
आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी नमस्कार! बहुत ही सुंदर ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद। बहुत ख़ूब आदरणीय लक्ष्मण धामी…tag:openbooksonline.com,2020-08-09:5170231:Comment:10146372020-08-09T14:39:55.250Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooksonline.com/profile/RaviBhasin
<div align="left"><p dir="ltr">बहुत ख़ूब आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a> भाई, इस सुंदर ग़ज़ल पर आपको ढेरों बधाई!</p>
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<div align="left"><p dir="ltr">बहुत ख़ूब आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a> भाई, इस सुंदर ग़ज़ल पर आपको ढेरों बधाई!</p>
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