Comments - कब तक - लघुकथा – - Open Books Online2024-03-28T22:52:30Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1037574&xn_auth=noआदरणीय भाई, योगराज प्रभाकर, स…tag:openbooksonline.com,2020-12-11:5170231:Comment:10385452020-12-11T15:41:55.739ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आदरणीय भाई, योगराज प्रभाकर, सप्रेम वन्दे ! आदरणीय भाई, श्री तेजवीर सिंह की लघु कथा, "कब तक" के संदर्भ में आपका वक्तव्य मैंने पढा़ । बंधुवर, मैंने जो कहा, वह किसी व्यक्ति विशेष के प्रति दुर्भावना से प्रेरित होकर नहीं कहा। और, न ही मंच विशेष के प्रति कोई बुरी नीयत से कुछ कह ! ।आप मेरी टिप्पणी को कृपया पुनः पढ़े। वस्तुस्थिति यह है कि मैंने लघु कथा पर केन्द्रित रहते हुए अपने अ्ध्ययन, मनन और लेखकीय अनुभव के आधार पर सामान्य बात कही थी । बात किन्हीं लोगों को बुरी लग सकती थी, अतः अप्रिय टिप्पणी हेतु…</p>
<p>आदरणीय भाई, योगराज प्रभाकर, सप्रेम वन्दे ! आदरणीय भाई, श्री तेजवीर सिंह की लघु कथा, "कब तक" के संदर्भ में आपका वक्तव्य मैंने पढा़ । बंधुवर, मैंने जो कहा, वह किसी व्यक्ति विशेष के प्रति दुर्भावना से प्रेरित होकर नहीं कहा। और, न ही मंच विशेष के प्रति कोई बुरी नीयत से कुछ कह ! ।आप मेरी टिप्पणी को कृपया पुनः पढ़े। वस्तुस्थिति यह है कि मैंने लघु कथा पर केन्द्रित रहते हुए अपने अ्ध्ययन, मनन और लेखकीय अनुभव के आधार पर सामान्य बात कही थी । बात किन्हीं लोगों को बुरी लग सकती थी, अतः अप्रिय टिप्पणी हेतु आदरणीय भाई<br/> श्री तेजवीर सिंह जी से क्षमायाचना करते हुए अपना मत व्यक्त, इस स्वीकार के कि मुझे इस बात का दुःख है कि संयोगवश यह सामान्य बात मै उनसे कर रहा हूँ, किया था ।सो, स्पष्ट है, वरिष्ठकार के रूप में पहले ही मेरी समझ से वे सम्मानित हस्ताक्षर हैं । आदरणीय भाई, इस विषय मे आपका आक्रोश मुझे उचित नहीं जान पड़ा। साभार !</p> प्रो० चेतन प्रकाश जी, इस पटल…tag:openbooksonline.com,2020-12-11:5170231:Comment:10385392020-12-11T11:20:34.626Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
<div>प्रो० चेतन प्रकाश जी, इस पटल पर सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन कुछेक अघोषित सीमायों को ध्यान रखते हुए. आ० श्री तेजवीर सिंह जी की रचना पर दी गई आपकी टिप्पणी की भाषा से मुझे <span class="replaced" style="color: red;">सख़्त</span> आपत्ति है.</div>
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<div><strong>//<span class="replaced" style="color: red;">लघु कथा</span> तथ्यात्मक विधा है//</strong> यह आपसे किसने कह दिया लघुकथा गल्प-साहित्य नहीं है? निरोल तथ्यात्मक तो केवल रिपोर्टिंग हो सकती…</div>
<div>प्रो० चेतन प्रकाश जी, इस पटल पर सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन कुछेक अघोषित सीमायों को ध्यान रखते हुए. आ० श्री तेजवीर सिंह जी की रचना पर दी गई आपकी टिप्पणी की भाषा से मुझे <span style="color: red;" class="replaced">सख़्त</span> आपत्ति है.</div>
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<div><strong>//<span style="color: red;" class="replaced">लघु कथा</span> तथ्यात्मक विधा है//</strong> यह आपसे किसने कह दिया लघुकथा गल्प-साहित्य नहीं है? निरोल तथ्यात्मक तो केवल रिपोर्टिंग हो सकती है.</div>
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<div><strong>///यहाँ अधिकतर साथियों को लघुकथा के स्वरूप का सही ज्ञान ही नहीं है।//</strong> यह बेहद आपत्तिजनक स्टेटमेंट है. इस तरह मंच पर किसी का अपमान करने का किसी को अधिकार नहीं है. और फिर आप दूसरो की समझ पर तो किंतु कर रहे हैं लेकिन ख़ुद आप 'लघुकथा' को '<span style="color: red;" class="replaced">लघु कथा</span>' लिख रहे हैं. आपसे निवेदन है कि भविष्य में ऐसी 'फुकराना' और अनर्गल टिप्पणी से गुरेज़ करें. </div> हार्दिक आभार आदरणीय चेतन प्रक…tag:openbooksonline.com,2020-12-11:5170231:Comment:10385362020-12-11T09:13:27.814ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय चेतन प्रकाश जी।आपने मेरी लघुकथा पर टिप्पणी की। बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।हालांकि आपको मेरी लघुकथा पसंद नहीं आई। आप एक उच्च कोटि के साहित्यकार हैं।आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की क्षमता और काबिलियत अभी मुझमें नहीं है। मैं तो इस विधा का एक अदना सा क्षात्र हूँ।अभी केवल प्रशिक्षण ले रहा हूँ।मेरे प्रति व्यक्त की गई आपकी भावनाओं और विचारों का हृदय तल से सम्मान करता हूँ।भविष्य में भी आप अपनी कृपा इसी प्रकार बनाये रखेंगे।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय चेतन प्रकाश जी।आपने मेरी लघुकथा पर टिप्पणी की। बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।हालांकि आपको मेरी लघुकथा पसंद नहीं आई। आप एक उच्च कोटि के साहित्यकार हैं।आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की क्षमता और काबिलियत अभी मुझमें नहीं है। मैं तो इस विधा का एक अदना सा क्षात्र हूँ।अभी केवल प्रशिक्षण ले रहा हूँ।मेरे प्रति व्यक्त की गई आपकी भावनाओं और विचारों का हृदय तल से सम्मान करता हूँ।भविष्य में भी आप अपनी कृपा इसी प्रकार बनाये रखेंगे।</p> नमस्कार , Shri TEJVIR SINGH j…tag:openbooksonline.com,2020-12-10:5170231:Comment:10384692020-12-10T04:53:26.641ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>नमस्कार , Shri TEJVIR SINGH ji,क्षमा करे, लघु कथा तथ्यात्मक विधा है, गल्प साहित्य नहीं। कदाचित यहाँ अधिकतर साथियों को लघुकथा के स्वरूप का<br/> सही ज्ञान ही नहीं है। और, दुःख की बात है कि संयोगवश यह अप्रिय बात आपकी लघु-कथा के संदर्भ मे कहने को विवश हूँ । पुनः क्षमा याचना के साथ,</p>
<p>नमस्कार , Shri TEJVIR SINGH ji,क्षमा करे, लघु कथा तथ्यात्मक विधा है, गल्प साहित्य नहीं। कदाचित यहाँ अधिकतर साथियों को लघुकथा के स्वरूप का<br/> सही ज्ञान ही नहीं है। और, दुःख की बात है कि संयोगवश यह अप्रिय बात आपकी लघु-कथा के संदर्भ मे कहने को विवश हूँ । पुनः क्षमा याचना के साथ,</p> हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर…tag:openbooksonline.com,2020-12-01:5170231:Comment:10377542020-12-01T04:32:11.091ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।आदाब।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।आदाब।</p> हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मा…tag:openbooksonline.com,2020-12-01:5170231:Comment:10377522020-12-01T04:31:20.529ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।</p> जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, अच्…tag:openbooksonline.com,2020-11-30:5170231:Comment:10380112020-11-30T12:13:19.917ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, अच्छी लघुकथा हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, अच्छी लघुकथा हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p> सादर नमस्कार। समय अनुसार आत्म…tag:openbooksonline.com,2020-11-29:5170231:Comment:10377472020-11-29T21:15:20.505ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>सादर नमस्कार। समय अनुसार आत्मविश्वास से आत्मसुरक्षा सीखने का सबक़ देती बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी। पुरानी दलीलें अपडेटिड करनी होंगीं। मानसिकता कमज़ोर नहीं सशक्त व चुनौतियों से संघर्ष करने वाली बनानी होगी।</p>
<p>सादर नमस्कार। समय अनुसार आत्मविश्वास से आत्मसुरक्षा सीखने का सबक़ देती बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी। पुरानी दलीलें अपडेटिड करनी होंगीं। मानसिकता कमज़ोर नहीं सशक्त व चुनौतियों से संघर्ष करने वाली बनानी होगी।</p>