Comments - इस बार भी करेंगे ये सौदा किसान का -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' - Open Books Online2024-03-29T07:31:04Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1045202&xn_auth=noआ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवाद…tag:openbooksonline.com,2021-02-11:5170231:Comment:10480722021-02-11T08:46:13.322Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p> आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन…tag:openbooksonline.com,2021-02-11:5170231:Comment:10482272021-02-11T08:44:55.617Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व स्नेह के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व स्नेह के लिए आभार ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण ध…tag:openbooksonline.com,2021-02-11:5170231:Comment:10480502021-02-11T06:46:27.350ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</span> जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>सब के टिकी हुई है ये कुर्सी निगाह में</span><br/><span>इस बार भी करेंगे ये सौदा किसान का।६</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</span> जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>सब के टिकी हुई है ये कुर्सी निगाह में</span><br/><span>इस बार भी करेंगे ये सौदा किसान का।६</span></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी वर्तमा…tag:openbooksonline.com,2021-02-10:5170231:Comment:10478152021-02-10T15:03:17.887ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी वर्तमान को जीवंत करती बेहतरीन ग़ज़ल। हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी वर्तमान को जीवंत करती बेहतरीन ग़ज़ल। हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर।</p> "आ. भाई नाथ सोनांचली जी, अभिव…tag:openbooksonline.com,2021-02-09:5170231:Comment:10470612021-02-09T15:43:10.381Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p><span>"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद</span></p>
<p><span>"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद</span></p> आ. भाई समर जी, पुनः उपस्थिति…tag:openbooksonline.com,2021-02-09:5170231:Comment:10471322021-02-09T15:42:33.986Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p><span>आ. भाई समर जी, पुनः उपस्थिति व स्नेह के लिए आभार...</span></p>
<p><span>आ. भाई समर जी, पुनः उपस्थिति व स्नेह के लिए आभार...</span></p> 'बन के हितेशी लाभ जो अपना हैं…tag:openbooksonline.com,2021-02-09:5170231:Comment:10469752021-02-09T13:30:21.037ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p><span>'बन के हितेशी लाभ जो अपना हैंं साधते'</span></p>
<p><span>अब ठीक है ।</span></p>
<p><span>'बन के हितेशी लाभ जो अपना हैंं साधते'</span></p>
<p><span>अब ठीक है ।</span></p> आद0 लक्ष्मण धामी जी 'मुसाफ़िर'…tag:openbooksonline.com,2021-02-09:5170231:Comment:10469722021-02-09T13:23:11.527Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण धामी जी 'मुसाफ़िर' जी सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल हुई है, शेष आद0 समर साहब ने कह दिया है। </p>
<p>आद0 लक्ष्मण धामी जी 'मुसाफ़िर' जी सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल हुई है, शेष आद0 समर साहब ने कह दिया है। </p> आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooksonline.com,2021-02-09:5170231:Comment:10468762021-02-09T13:03:05.105Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, सलाह व उत्साहवर्धन के लिए आभार..</p>
<p></p>
<p><span>इंगित मिसरे को </span>यूँ देखियेगा</p>
<p><span>."बन के हितेशी लाभ जो अपना हैंं साधते'</span></p>
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, सलाह व उत्साहवर्धन के लिए आभार..</p>
<p></p>
<p><span>इंगित मिसरे को </span>यूँ देखियेगा</p>
<p><span>."बन के हितेशी लाभ जो अपना हैंं साधते'</span></p> जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' ज…tag:openbooksonline.com,2021-02-09:5170231:Comment:10469562021-02-09T12:38:12.960ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'बन के हितेशी नित्य हित अपना साधते'</span></p>
<p><span>इस मिसरे की बह्र चेक करें ।</span></p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'बन के हितेशी नित्य हित अपना साधते'</span></p>
<p><span>इस मिसरे की बह्र चेक करें ।</span></p>