Comments - हमारे वारे न्यारे हो रहे हैं - Open Books Online2024-03-29T09:19:13Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1053611&xn_auth=noवाह बड़ी ही प्यारी ग़ज़ल कही है…tag:openbooksonline.com,2021-03-03:5170231:Comment:10559122021-03-03T15:03:39.606Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह बड़ी ही प्यारी ग़ज़ल कही है आदरणीया...बधाई</p>
<p>वाह बड़ी ही प्यारी ग़ज़ल कही है आदरणीया...बधाई</p> आदरणीय समर कबीर सर्, पता नहीं…tag:openbooksonline.com,2021-03-01:5170231:Comment:10556732021-03-01T05:58:52.792ZRachna Bhatiahttp://openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय समर कबीर सर्, पता नहीं कहाँ से सर् इतना लंबा खिंच गया । न ही एडिट का आप्शन आ रहा है कि मैं ठीक कर सकूँ हालांकि पोस्ट किए केवल ३० सैंकड ही हुए हैं।आपसे क्षमा चाहती हूँ ।</p>
<p>आशा करती हूँ आप इसे अन्यथा नहीं लेंगें।</p>
<p>सादर।</p>
<p>आदरणीय समर कबीर सर्, पता नहीं कहाँ से सर् इतना लंबा खिंच गया । न ही एडिट का आप्शन आ रहा है कि मैं ठीक कर सकूँ हालांकि पोस्ट किए केवल ३० सैंकड ही हुए हैं।आपसे क्षमा चाहती हूँ ।</p>
<p>आशा करती हूँ आप इसे अन्यथा नहीं लेंगें।</p>
<p>सादर।</p> आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्…tag:openbooksonline.com,2021-03-01:5170231:Comment:10554882021-03-01T05:52:08.145ZRachna Bhatiahttp://openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार। सर् हौसला बढ़ाने तथा इस्लाह देने के लिए आपकी आभारी हूँ।</p>
<p>सर् ्््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््</p>
शुहरत अब से ठीक लिखूँगी।मतला तथा तीसरे शे'र का सानी बदलने की कोशिश करती हूँ
<p>आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार। सर् हौसला बढ़ाने तथा इस्लाह देने के लिए आपकी आभारी हूँ।</p>
<p>सर् ्््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््</p>
शुहरत अब से ठीक लिखूँगी।मतला तथा तीसरे शे'र का सानी बदलने की कोशिश करती हूँ मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2021-02-28:5170231:Comment:10554042021-02-28T09:17:24.591ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मतला बस ठीक ठीक है ।</p>
<p></p>
<p><span>'बसा कर दिल में शोहरत की तमन्ना'</span></p>
<p><span>'शोहरत' को "शुहरत" लिखा करें, कई बार बताया जा चुका है ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'बड़े अच्छे गुज़ारे हो रहे हैं'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को बदलने का प्रयास करें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'समंदर ख़ूूूब ख़ारे हो रहे हैं'<br/></span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'ख़ूब' की जगह "और" कर लें ।</span></p>
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मतला बस ठीक ठीक है ।</p>
<p></p>
<p><span>'बसा कर दिल में शोहरत की तमन्ना'</span></p>
<p><span>'शोहरत' को "शुहरत" लिखा करें, कई बार बताया जा चुका है ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'बड़े अच्छे गुज़ारे हो रहे हैं'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को बदलने का प्रयास करें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'समंदर ख़ूूूब ख़ारे हो रहे हैं'<br/></span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'ख़ूब' की जगह "और" कर लें ।</span></p> आदरणीय आज़ी तमाम जी ग़ज़ल तक…tag:openbooksonline.com,2021-02-24:5170231:Comment:10548922021-02-24T11:14:07.154ZRachna Bhatiahttp://openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय आज़ी तमाम जी ग़ज़ल तक आने के लिए तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभार </p>
<p>आदरणीय आज़ी तमाम जी ग़ज़ल तक आने के लिए तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभार </p> आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस…tag:openbooksonline.com,2021-02-24:5170231:Comment:10549472021-02-24T11:13:39.676ZRachna Bhatiahttp://openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।फेयर में ठीक कर लेती हूँ।</p>
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।फेयर में ठीक कर लेती हूँ।</p> आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस…tag:openbooksonline.com,2021-02-24:5170231:Comment:10549462021-02-24T08:45:16.655ZRachna Bhatiahttp://openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।फेयर में ठीक कर लेती हूँ।</p>
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।फेयर में ठीक कर लेती हूँ।</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफ़िर'…tag:openbooksonline.com,2021-02-24:5170231:Comment:10548912021-02-24T08:44:14.279ZRachna Bhatiahttp://openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफ़िर'भाई नमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफ़िर'भाई नमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।</p> आदरणीय कृष मिश्रा जी ंंनमस्का…tag:openbooksonline.com,2021-02-24:5170231:Comment:10549442021-02-24T08:43:35.476ZRachna Bhatiahttp://openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय कृष मिश्रा जी ंंनमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।</p>
<p>आदरणीय कृष मिश्रा जी ंंनमस्कार। ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए आभारी हूँ।</p> वाह सादगी भरी खूबसूरत ग़ज़ल हुई…tag:openbooksonline.com,2021-02-23:5170231:Comment:10548832021-02-23T11:04:55.226ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>वाह सादगी भरी खूबसूरत ग़ज़ल हुई है। नये से बिम्ब देखने को मिले हैं, ढेरों मुबारकबाद आ. रचना जी।</p>
<p>वाह सादगी भरी खूबसूरत ग़ज़ल हुई है। नये से बिम्ब देखने को मिले हैं, ढेरों मुबारकबाद आ. रचना जी।</p>