Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T09:08:17Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1070484&xn_auth=noजनाब लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर साह…tag:openbooksonline.com,2021-12-12:5170231:Comment:10751342021-12-12T15:15:42.900ZMd. Anis armanhttp://openbooksonline.com/profile/Mdanissheikh
<p>जनाब लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर साहब ग़ज़ल तक आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, हार्दिक आभार </p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर साहब ग़ज़ल तक आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, हार्दिक आभार </p> जनाब जवाहर लाल सिंह जी ग़ज़ल तक…tag:openbooksonline.com,2021-12-12:5170231:Comment:10749482021-12-12T15:14:51.332ZMd. Anis armanhttp://openbooksonline.com/profile/Mdanissheikh
<p>जनाब जवाहर लाल सिंह जी ग़ज़ल तक आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, हार्दिक आभार </p>
<p>जनाब जवाहर लाल सिंह जी ग़ज़ल तक आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, हार्दिक आभार </p> जनाब समर कबीर साहब देर से जवा…tag:openbooksonline.com,2021-12-12:5170231:Comment:10749462021-12-12T15:14:09.198ZMd. Anis armanhttp://openbooksonline.com/profile/Mdanissheikh
<p>जनाब समर कबीर साहब देर से जवाब देने के किए मुआफ़ी चाहता हूँ, ग़ज़ल तक आने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आपके बताए अनुसार सुधार कर लेता हूँ </p>
<p>जनाब समर कबीर साहब देर से जवाब देने के किए मुआफ़ी चाहता हूँ, ग़ज़ल तक आने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आपके बताए अनुसार सुधार कर लेता हूँ </p> आ. भाई अनीस जी, सादर अभिवादन…tag:openbooksonline.com,2021-10-27:5170231:Comment:10720172021-10-27T01:35:10.045Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अनीस जी, सादर अभिवादन । बहुत खूब गजल हुई है। हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई अनीस जी, सादर अभिवादन । बहुत खूब गजल हुई है। हार्दिक बधाई।</p> 7)काम नहीं करते हो उतनाजितनी…tag:openbooksonline.com,2021-10-19:5170231:Comment:10712522021-10-19T15:41:22.540ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>7)काम नहीं करते हो उतना<br/>जितनी बातें करते हो तुम</p>
<p></p>
<p></p>
<p>8)चैन मिलेगा कैसे तुमको<br/>गुज़री बातें करते हो तुम</p>
<p>आदरणीय अनीस अरमान जी, मुझे उपर्युक्त पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी .. बधाई स्वीकारें!</p>
<p>7)काम नहीं करते हो उतना<br/>जितनी बातें करते हो तुम</p>
<p></p>
<p></p>
<p>8)चैन मिलेगा कैसे तुमको<br/>गुज़री बातें करते हो तुम</p>
<p>आदरणीय अनीस अरमान जी, मुझे उपर्युक्त पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी .. बधाई स्वीकारें!</p> जनाब अनीस `अरमान` जी आदाब, ग़ज़…tag:openbooksonline.com,2021-10-11:5170231:Comment:10709532021-10-11T01:30:24.975ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अनीस `अरमान` जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है , बधाई स्वीकार करें I </p>
<p></p>
<p><span>व्छु`प कर मिलने क्यों आऊँ मैं</span><br/><span>ख़ाली बातें करते हो तुम`</span></p>
<p><span>इस शे`र के सानी मिसरे में उचित लगे तो `ख़ाली` की जगह `कैसी` कर सकते हैं I </span></p>
<p>जनाब अनीस `अरमान` जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है , बधाई स्वीकार करें I </p>
<p></p>
<p><span>व्छु`प कर मिलने क्यों आऊँ मैं</span><br/><span>ख़ाली बातें करते हो तुम`</span></p>
<p><span>इस शे`र के सानी मिसरे में उचित लगे तो `ख़ाली` की जगह `कैसी` कर सकते हैं I </span></p>