Comments - गजल : गजल-गीत संवेदना के हैं जाये // सौरभ - Open Books Online2024-03-29T10:34:48Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1075556&xn_auth=noभाई मनोज अहसास जी,
//आपने इ…tag:openbooksonline.com,2022-01-12:5170231:Comment:10766052022-01-12T10:34:28.809ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई मनोज अहसास जी, </p>
<p></p>
<p>//आपने इस ग़ज़ल में नुक्तों पर ध्यान नहीं दिया या किसी कारण से नुक्ते छोड़ दिये //</p>
<p>मैं हिंदी भाषा में देवनागरी लिपि के माध्यम से रचनाकर्म करता हूँ, जहाँ नुख्तों की न तो बाध्यता है, न ही आवश्यकता.</p>
<p>अतः यह बिन्दु रचनाकर्म के क्रम में मेरे लिए गौण है. भावबोध के संप्रेषण के लिए प्रयुक्त माध्यम में उसकी सीमाओं के पार जाकर किसी बाध्यता को मैं अनावश्यक ही मानता हूँ.</p>
<p></p>
<p>अब कोई पाठक शाब्दिक हुए भावबोध को उसमें मात्र नुख्ता के न होने के कारण…</p>
<p>भाई मनोज अहसास जी, </p>
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<p>//आपने इस ग़ज़ल में नुक्तों पर ध्यान नहीं दिया या किसी कारण से नुक्ते छोड़ दिये //</p>
<p>मैं हिंदी भाषा में देवनागरी लिपि के माध्यम से रचनाकर्म करता हूँ, जहाँ नुख्तों की न तो बाध्यता है, न ही आवश्यकता.</p>
<p>अतः यह बिन्दु रचनाकर्म के क्रम में मेरे लिए गौण है. भावबोध के संप्रेषण के लिए प्रयुक्त माध्यम में उसकी सीमाओं के पार जाकर किसी बाध्यता को मैं अनावश्यक ही मानता हूँ.</p>
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<p>अब कोई पाठक शाब्दिक हुए भावबोध को उसमें मात्र नुख्ता के न होने के कारण उसे खारिज करता है, तो उसकी पाठकीयता और ततस्थता पर संदेह होना लाजिमी है. </p>
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<p>//... मुई चूड़ियों मत उठा शोर मद्धम ... ये वाक्य क्या व्याकरण की दृष्टि से अशुद्ध नहीं हो गया है//</p>
<p>आप उस बिन्दु का संदर्भ तो दें जिसके कारण यह पंक्ति व्याकरण की दृष्टि से अशुद्ध हो या प्रतीत हो रहा हो. </p>
<p>सर्वोपरि, प्रयुक्त शब्द चुड़ियो है न कि चुड़ियों, जैसा कि आपने लिखा है. ऐसा इसलिए कि चुड़ियों को सम्बोधित किया जा रहा है. </p>
<p></p>
<p>//<span>इस ग़ज़ल की हार्दिक बधाई //</span></p>
<p><span>हार्दिक धन्यवाद. </span></p>
<p><span>वस्तुतः चर्चा प्रस्तुति पर होनी चाहिए न कि बनावटी बाध्यताओं पर. </span></p>
<p> </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अनुमो…tag:openbooksonline.com,2022-01-12:5170231:Comment:10766032022-01-12T10:22:37.900ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अनुमोदन हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद. </p>
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<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अनुमोदन हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद. </p>
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<p></p> आदरणीय सर सादर नमस्कार
एक नवी…tag:openbooksonline.com,2022-01-11:5170231:Comment:10765012022-01-11T19:00:18.237Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>आदरणीय सर सादर नमस्कार</p>
<p><strong>एक नवीन प्रयोग </strong>सी इस ग़ज़ल की हार्दिक बधाई</p>
<p>दो बातें सादर निवेदित है </p>
<p>पहली ऐसा लगता है आपने इस ग़ज़ल में नुक्तों पर ध्यान नहीं दिया या किसी कारण से नुक्ते छोड़ दिये </p>
<p>दूसरी मुई चूड़ियों मत उठा शोर मद्धम</p>
<p>ये वाक्य क्या व्याकरण की दृष्टि से अशुद्ध नहीं हो गया है</p>
<p>मार्गदर्शन सादर निवेदित है</p>
<p>आदरणीय सर सादर नमस्कार</p>
<p><strong>एक नवीन प्रयोग </strong>सी इस ग़ज़ल की हार्दिक बधाई</p>
<p>दो बातें सादर निवेदित है </p>
<p>पहली ऐसा लगता है आपने इस ग़ज़ल में नुक्तों पर ध्यान नहीं दिया या किसी कारण से नुक्ते छोड़ दिये </p>
<p>दूसरी मुई चूड़ियों मत उठा शोर मद्धम</p>
<p>ये वाक्य क्या व्याकरण की दृष्टि से अशुद्ध नहीं हो गया है</p>
<p>मार्गदर्शन सादर निवेदित है</p> आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooksonline.com,2022-01-05:5170231:Comment:10763762022-01-05T08:59:41.080Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई.</p>
<p>आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई.</p>