Comments - दण्डित किया ही जाएगा गद्दार देश में -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर" - Open Books Online2024-03-28T17:08:19Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1085447&xn_auth=noआ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन…tag:openbooksonline.com,2022-06-19:5170231:Comment:10857332022-06-19T23:28:49.913Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन ।गजल पर उपस्थिति व स्नेह के लिए धन्यवाद।</p>
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन ।गजल पर उपस्थिति व स्नेह के लिए धन्यवाद।</p> एक अच्छी सोच लिए है, उक्त …tag:openbooksonline.com,2022-06-11:5170231:Comment:10856152022-06-11T04:19:30.016ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p style="text-align: right;">एक अच्छी सोच लिए है, उक्त गज़ल प्रस्तुति , आ. भाई लक्ष्मण सिंह धामी मुसाफिर! हाँ </p>
<p style="text-align: right;">दूसरे शे'र का ऊला "</p>
<p>इतनी न आपने देश में फैले अशान्ति फिर " में टंकण त्रुटि है, 'आपने' के स्थान पर अपने होना चाहिए । इतिहास ।</p>
<p style="text-align: right;">एक अच्छी सोच लिए है, उक्त गज़ल प्रस्तुति , आ. भाई लक्ष्मण सिंह धामी मुसाफिर! हाँ </p>
<p style="text-align: right;">दूसरे शे'र का ऊला "</p>
<p>इतनी न आपने देश में फैले अशान्ति फिर " में टंकण त्रुटि है, 'आपने' के स्थान पर अपने होना चाहिए । इतिहास ।</p>