Comments - पिता को समर्पित महाभुजंगप्रयात छन्द - Open Books Online2024-03-29T10:34:06Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1085459&xn_auth=noआद0 लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी स…tag:openbooksonline.com,2022-06-22:5170231:Comment:10857512022-06-22T15:04:09.138Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी सादर अभिवादन।</p>
<p>रचना पर आपकी उपस्थिति और आत्मिक प्रतिक्रिया का हृदयतल से आभार</p>
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी सादर अभिवादन।</p>
<p>रचना पर आपकी उपस्थिति और आत्मिक प्रतिक्रिया का हृदयतल से आभार</p> आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर…tag:openbooksonline.com,2022-06-22:5170231:Comment:10856972022-06-22T12:57:00.536Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। सुन्दर छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। सुन्दर छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई।</p> आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवा…tag:openbooksonline.com,2022-06-17:5170231:Comment:10855662022-06-17T07:18:35.032Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवादन। आपकी रचना पर उपस्थिति और आत्मिक प्रतिक्रिया से आह्लादित हूँ। आभार आपका</p>
<p>आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवादन। आपकी रचना पर उपस्थिति और आत्मिक प्रतिक्रिया से आह्लादित हूँ। आभार आपका</p> नमस्कार, भाई, नाथ सोनांचली, ब…tag:openbooksonline.com,2022-06-17:5170231:Comment:10855022022-06-17T07:05:54.469ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>नमस्कार, भाई, नाथ सोनांचली, बेहद सार्थक, सटीक भावों से ओत- प्रोत महाभुजंग प्रयात छंद लिखे, आपने । एतद्वारा आपको बधाई प्रेषित करता हूँ । आपके पिता, दीर्घायु हों !</p>
<p>नमस्कार, भाई, नाथ सोनांचली, बेहद सार्थक, सटीक भावों से ओत- प्रोत महाभुजंग प्रयात छंद लिखे, आपने । एतद्वारा आपको बधाई प्रेषित करता हूँ । आपके पिता, दीर्घायु हों !</p> आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम…tag:openbooksonline.com,2022-06-15:5170231:Comment:10854032022-06-15T02:17:04.438Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। रचना को पोस्ट करने के बाद आपकी उपस्थिति का मुझे सदैव इतंजार रहता है। आपकी टिप्पणी मेरे लिए आशीष है। हृदयतल से आभार आपका।</p>
<p>आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। रचना को पोस्ट करने के बाद आपकी उपस्थिति का मुझे सदैव इतंजार रहता है। आपकी टिप्पणी मेरे लिए आशीष है। हृदयतल से आभार आपका।</p> जनाब नाथ सोनांच्ली जी आदाब, प…tag:openbooksonline.com,2022-06-15:5170231:Comment:10854922022-06-15T02:06:20.982ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नाथ सोनांच्ली जी आदाब, पिता को समर्पित अच्छे छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें I </p>
<p>जनाब नाथ सोनांच्ली जी आदाब, पिता को समर्पित अच्छे छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें I </p> आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवा…tag:openbooksonline.com,2022-06-13:5170231:Comment:10854812022-06-13T05:16:24.247Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवादन। सुधार कर दिया हूँ। हृदयतल से आभार आपका</p>
<p>आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवादन। सुधार कर दिया हूँ। हृदयतल से आभार आपका</p> अच्छा प्रयास किया, बंधुवर, ब…tag:openbooksonline.com,2022-06-11:5170231:Comment:10856192022-06-11T11:36:28.187ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>अच्छा प्रयास किया, बंधुवर, बधाई ! किन्तु तीसरे पद को देखिए, यमाता की लय भंग हो रही है!</p>
<p>अच्छा प्रयास किया, बंधुवर, बधाई ! किन्तु तीसरे पद को देखिए, यमाता की लय भंग हो रही है!</p>