Comments - दिल कितनॆ करीनॆ सॆ रखतॆ हैं,,,,,,,, - Open Books Online2024-03-29T08:10:35Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A200039&xn_auth=noआप लोगॊं का आशीष प्राण वायु क…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2005182012-03-14T16:04:44.589Zकवि - राज बुन्दॆलीhttp://openbooksonline.com/profile/kavirajbundeli
<p>आप लोगॊं का आशीष प्राण वायु का कार्य करता है,,,,,,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,,,आभार ,,,,,,,ओ.बी.ओ. परिवार,,,,,,</p>
<p>आप लोगॊं का आशीष प्राण वायु का कार्य करता है,,,,,,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,,,आभार ,,,,,,,ओ.बी.ओ. परिवार,,,,,,</p> धन्यवाद,,,,महिमा जी,,,,,,आभार…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2004132012-03-14T11:44:12.024Zकवि - राज बुन्दॆलीhttp://openbooksonline.com/profile/kavirajbundeli
<p>धन्यवाद,,,,महिमा जी,,,,,,आभारी हूं आपका,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,</p>
<p>धन्यवाद,,,,महिमा जी,,,,,,आभारी हूं आपका,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,</p> आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जात…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2000982012-03-14T09:54:50.136ZMAHIMA SHREEhttp://openbooksonline.com/profile/MAHIMASHREE
आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जातॆ हैं लॊग,<br />
ज़मानॆ सॆ नहीं मतलब जीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥६<br />
कवि जी नमस्कार<br />
बधाई......बहुत खूब कही....लाजवाब..
आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जातॆ हैं लॊग,<br />
ज़मानॆ सॆ नहीं मतलब जीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥६<br />
कवि जी नमस्कार<br />
बधाई......बहुत खूब कही....लाजवाब.. आप सब का स्नेह पाकर रचना अमरत…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2000932012-03-14T09:37:45.812Zकवि - राज बुन्दॆलीhttp://openbooksonline.com/profile/kavirajbundeli
<p>आप सब का स्नेह पाकर रचना अमरत्व को पाती है,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,</p>
<p>आप सब का स्नेह पाकर रचना अमरत्व को पाती है,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,</p> मयंक जी,,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2002682012-03-14T09:36:45.949Zकवि - राज बुन्दॆलीhttp://openbooksonline.com/profile/kavirajbundeli
<p>मयंक जी,,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,</p>
<p>मयंक जी,,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,</p> विन्धेश्वरी त्रिपाठी,,,,जी धन…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2003612012-03-14T09:36:07.192Zकवि - राज बुन्दॆलीhttp://openbooksonline.com/profile/kavirajbundeli
<p>विन्धेश्वरी त्रिपाठी,,,,जी धन्यवाद,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,</p>
<p>विन्धेश्वरी त्रिपाठी,,,,जी धन्यवाद,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,</p> अरुण,,,भाई साहब,,,,,,,,,,,,तह…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2000922012-03-14T09:34:30.066Zकवि - राज बुन्दॆलीhttp://openbooksonline.com/profile/kavirajbundeli
<p>अरुण,,,भाई साहब,,,,,,,,,,,,तहे-दिल से शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,,,,</p>
<p>अरुण,,,भाई साहब,,,,,,,,,,,,तहे-दिल से शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,,,,</p> मजबूत भाव भूमि पर सशक्त अभिव्…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2002592012-03-14T08:26:19.481ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>मजबूत भाव भूमि पर सशक्त अभिव्यक्ति !! हार्दिक बधाई कवि राज जी !!</p>
<p>मजबूत भाव भूमि पर सशक्त अभिव्यक्ति !! हार्दिक बधाई कवि राज जी !!</p> आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जात…tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2002242012-03-14T02:44:25.939Zमनोज कुमार सिंह 'मयंक'http://openbooksonline.com/profile/2pfvid8pxd2o7
<p>आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जातॆ हैं लॊग,</p>
<p>ज़मानॆ सॆ नहीं मतलब जीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥...वाह राज भाई बहुत ही उम्दा शेर है और नज्म भी..शुक्रिया आपका|</p>
<p>आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जातॆ हैं लॊग,</p>
<p>ज़मानॆ सॆ नहीं मतलब जीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥...वाह राज भाई बहुत ही उम्दा शेर है और नज्म भी..शुक्रिया आपका|</p> हर मिसरा जानदार बन पड़ा है।tag:openbooksonline.com,2012-03-14:5170231:Comment:2003102012-03-14T01:39:38.339Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttp://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
हर मिसरा जानदार बन पड़ा है।
हर मिसरा जानदार बन पड़ा है।