Comments - मेरे गीतों को होठों से छू लो जरा - Open Books Online2024-03-29T07:50:48Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A209932&xn_auth=noबहुत प्यारा मधुर कोमल गीत लिख…tag:openbooksonline.com,2012-07-02:5170231:Comment:2435792012-07-02T04:49:15.984ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>बहुत प्यारा मधुर कोमल गीत लिखा है आपने आ. सतीश मापतपुरी जी. हार्दिक बधाई <span id="6_TRN_i">स्वीकार </span> करे. सादर.</p>
<p>बहुत प्यारा मधुर कोमल गीत लिखा है आपने आ. सतीश मापतपुरी जी. हार्दिक बधाई <span id="6_TRN_i">स्वीकार </span> करे. सादर.</p> दिल से आभार भ्रमर जीtag:openbooksonline.com,2012-04-10:5170231:Comment:2133162012-04-10T18:34:01.955Zsatish mapatpurihttp://openbooksonline.com/profile/satishmapatpuri
<p>दिल से आभार भ्रमर जी</p>
<p>दिल से आभार भ्रमर जी</p> ज़ुल्फ बिखरा के छत पे ना आया क…tag:openbooksonline.com,2012-04-09:5170231:Comment:2124952012-04-09T13:39:40.286ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p>ज़ुल्फ बिखरा के छत पे ना आया करो , आसमाँ भी ज़मीं पर उतर आयेगा.</p>
<p>वक़्त बे वक़्त यूँ ना लो अंगड़ाइयां, देखने वाला बेमौत मर जायेगा.</p>
<p><span>सतीश जी बहुत सुन्दर और मनभावन गीत , </span></p>
<div><span>सतीश जी बहुत सुन्दर और मनभावन गीत , </span><div>मै तो गाने लगा गुनगुनाने लगा </div>
<div>आप की धुन को धडकन बनाने लगा </div>
<div>आज आये जो चन्दा तो कह दूं उसे </div>
<div>ओढ़ घूँघट निकलना जरा देर से </div>
<div>मै तो खुद को अरे हूँ भुलाने लगा </div>
<div>बधाई हो </div>
<div>.......भ्रमर…</div>
</div>
<p>ज़ुल्फ बिखरा के छत पे ना आया करो , आसमाँ भी ज़मीं पर उतर आयेगा.</p>
<p>वक़्त बे वक़्त यूँ ना लो अंगड़ाइयां, देखने वाला बेमौत मर जायेगा.</p>
<p><span>सतीश जी बहुत सुन्दर और मनभावन गीत , </span></p>
<div><span>सतीश जी बहुत सुन्दर और मनभावन गीत , </span><div>मै तो गाने लगा गुनगुनाने लगा </div>
<div>आप की धुन को धडकन बनाने लगा </div>
<div>आज आये जो चन्दा तो कह दूं उसे </div>
<div>ओढ़ घूँघट निकलना जरा देर से </div>
<div>मै तो खुद को अरे हूँ भुलाने लगा </div>
<div>बधाई हो </div>
<div>.......भ्रमर ५ </div>
</div> मृदु जी ,संदीप जी तथा महिमा ज…tag:openbooksonline.com,2012-04-06:5170231:Comment:2105132012-04-06T08:49:02.878Zsatish mapatpurihttp://openbooksonline.com/profile/satishmapatpuri
<p>मृदु जी ,संदीप जी तथा महिमा जी, आप तीनों का दिल से आभार</p>
<p>मृदु जी ,संदीप जी तथा महिमा जी, आप तीनों का दिल से आभार</p> आदरणीय सतीश सर ,
नमस्कार ,
पत…tag:openbooksonline.com,2012-04-06:5170231:Comment:2102242012-04-06T07:41:23.040ZMAHIMA SHREEhttp://openbooksonline.com/profile/MAHIMASHREE
आदरणीय सतीश सर ,<br />
नमस्कार ,<br />
पता नहीं क्यों ,मुझे आपके गीत पढ़ कर अनायास ही मुहमद रफ़ी साहब, गुलाम अली ,और जगजीत सिंह इन तीनो की याद बरबस आ गयी..उर इनके द्वारा गाये गए गीतों और गजलो को याद करने लगी.....<br />
बहुत-२ बधाई आपको..
आदरणीय सतीश सर ,<br />
नमस्कार ,<br />
पता नहीं क्यों ,मुझे आपके गीत पढ़ कर अनायास ही मुहमद रफ़ी साहब, गुलाम अली ,और जगजीत सिंह इन तीनो की याद बरबस आ गयी..उर इनके द्वारा गाये गए गीतों और गजलो को याद करने लगी.....<br />
बहुत-२ बधाई आपको.. आदरणीय सतीश जी,
आपके गीत की ल…tag:openbooksonline.com,2012-04-06:5170231:Comment:2102192012-04-06T07:29:17.976Zसंदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'http://openbooksonline.com/profile/SandeipDwivediWahidKashiwasi
<p>आदरणीय सतीश जी,</p>
<p>आपके गीत की लयात्मकता के क्या कहने हैं! जैसे ही इसे पढ़ना शुरू किया आपका गीत अपनेआप ही धुन में ढलता चला गया| वाह! बहुत ही सुन्दर गीत श्रृंगार रस से परिपूर्ण| मेरी ओर से हार्दिक बधाई!!</p>
<p>आदरणीय सतीश जी,</p>
<p>आपके गीत की लयात्मकता के क्या कहने हैं! जैसे ही इसे पढ़ना शुरू किया आपका गीत अपनेआप ही धुन में ढलता चला गया| वाह! बहुत ही सुन्दर गीत श्रृंगार रस से परिपूर्ण| मेरी ओर से हार्दिक बधाई!!</p> श्री सतीश सर सादर नमन, गीत पढ…tag:openbooksonline.com,2012-04-06:5170231:Comment:2100882012-04-06T05:41:57.714ZCA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'http://openbooksonline.com/profile/SHAILENDRAKUMARSINGHMRIDU
<p>श्री सतीश सर सादर नमन, गीत पढना शुरू किया तो बस गुनगुनाने लगा मुग्ध हो गया आपके गीत पर, सर बधाई स्वीकार करें</p>
<p>श्री सतीश सर सादर नमन, गीत पढना शुरू किया तो बस गुनगुनाने लगा मुग्ध हो गया आपके गीत पर, सर बधाई स्वीकार करें</p> नोकरिया ऐ भाई जी बड़ा जान मारे…tag:openbooksonline.com,2012-04-05:5170231:Comment:2100672012-04-05T19:40:39.486Zsatish mapatpurihttp://openbooksonline.com/profile/satishmapatpuri
<p>नोकरिया ऐ भाई जी बड़ा जान मारे ....... लेखा के उप निदेशक ... मार्च के महीना .. मार्च से निजात मिलल त तनिका तबियत फड़कल अउरी गीत में तनिका मुलामियत आ गइल ...... सराहना के लिए आभार आदरणीय</p>
<p>नोकरिया ऐ भाई जी बड़ा जान मारे ....... लेखा के उप निदेशक ... मार्च के महीना .. मार्च से निजात मिलल त तनिका तबियत फड़कल अउरी गीत में तनिका मुलामियत आ गइल ...... सराहना के लिए आभार आदरणीय</p> आदरणीय सतीश भाईजी, आपको बहुत…tag:openbooksonline.com,2012-04-05:5170231:Comment:2098872012-04-05T18:52:04.719ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय सतीश भाईजी, आपको बहुत दिनों बाद देख रहा हूँ. ए भाई ! कहवाँ रहनी हँऽ?</p>
<p>लेकिन आपने तो सारे उलाहनों से सीधे भिड़ने का मन बना रखा है. .. :-)) क्या गीत है !</p>
<p>इस मुलायम गीत के लिये आपको सादर बधाइयाँ.</p>
<p>आदरणीय सतीश भाईजी, आपको बहुत दिनों बाद देख रहा हूँ. ए भाई ! कहवाँ रहनी हँऽ?</p>
<p>लेकिन आपने तो सारे उलाहनों से सीधे भिड़ने का मन बना रखा है. .. :-)) क्या गीत है !</p>
<p>इस मुलायम गीत के लिये आपको सादर बधाइयाँ.</p> हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद अश…tag:openbooksonline.com,2012-04-05:5170231:Comment:2099762012-04-05T18:42:20.370Zsatish mapatpurihttp://openbooksonline.com/profile/satishmapatpuri
<p>हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद अश्विनीजी</p>
<p>हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद अश्विनीजी</p>