Comments - अभिव्यक्ति - आखिरी वक़्त मुझे माँ ने दुआ दी होगी ! - Open Books Online2024-03-29T06:02:49Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A214518&xn_auth=noआभार आशीष जी !!tag:openbooksonline.com,2013-04-24:5170231:Comment:3524422013-04-24T04:30:22.516ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p><span>आभार आशीष जी !!</span></p>
<p><span>आभार आशीष जी !!</span></p> बहुत खूबtag:openbooksonline.com,2013-04-23:5170231:Comment:3519322013-04-23T05:23:55.846ZASHISH KUMAAR TRIVEDIhttp://openbooksonline.com/profile/ASHISHKUMAARTRIVEDI
<p>बहुत खूब</p>
<p>बहुत खूब</p> दिल गद गद हो गया आदरणीय श्री…tag:openbooksonline.com,2012-05-16:5170231:Comment:2258662012-05-16T07:47:44.648ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>दिल गद गद हो गया आदरणीय श्री संपादक महोद्दय आपकी विस्तृत - शेर दर शेर टिप्पणी बहुत बहुत उत्साहित करने वाली है | हार्दिक आभार आपका - ओ बी ओ का स्नेह मिलता रहे कलम काम करती रहेगी |</p>
<p>दिल गद गद हो गया आदरणीय श्री संपादक महोद्दय आपकी विस्तृत - शेर दर शेर टिप्पणी बहुत बहुत उत्साहित करने वाली है | हार्दिक आभार आपका - ओ बी ओ का स्नेह मिलता रहे कलम काम करती रहेगी |</p> //चमक लिबास में जो शख्स आम लग…tag:openbooksonline.com,2012-05-16:5170231:Comment:2257032012-05-16T06:40:50.462Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
<p>//चमक लिबास में जो शख्स आम लगता है , <br></br>उसी के छदम इरादों से जाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">वाह वाह वाह अरुण भी जी क्या ज़ोरदार मतला कहा है.</span> <br></br><br></br>//मैं हूँ खादी जिसे इस मुल्क ने पूजा था कभी , <br></br>आज गाली की तरह मेरा नाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">क्या कहने हैं, खादी जो कभी सच्चाई और इमानदारी की नुमायन्दगी किया करती थी आज वाकई एक बदनामी का पर्याय हो कर रह गई है. बेहद खूबसूरत शेअर. </span> <br></br><br></br>//त्याग बलिदान समर्पण का कभी थी ज़रिया , <br></br>अब…</p>
<p>//चमक लिबास में जो शख्स आम लगता है , <br/>उसी के छदम इरादों से जाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">वाह वाह वाह अरुण भी जी क्या ज़ोरदार मतला कहा है.</span> <br/><br/>//मैं हूँ खादी जिसे इस मुल्क ने पूजा था कभी , <br/>आज गाली की तरह मेरा नाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">क्या कहने हैं, खादी जो कभी सच्चाई और इमानदारी की नुमायन्दगी किया करती थी आज वाकई एक बदनामी का पर्याय हो कर रह गई है. बेहद खूबसूरत शेअर. </span> <br/><br/>//त्याग बलिदान समर्पण का कभी थी ज़रिया , <br/>अब सियासत में घोटालों का झाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">बहुत खूब - उम्दा शेअर. </span> <br/><br/>//ऐसा विद्रूप तेरा चेहरा सियासत क्यों है , <br/>क्यों सभी दूर से करते प्रणाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">वाह . </span> <br/><br/>//एक बाज़ार की तरह ही तो संसद है जहां , <br/>कितना अफ़सोस कि सांसद का दाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">बात कडवी ज़रूर है, मगर खरे सोए सी है - वाह </span> <br/><br/>//ये व्यवस्था अगर सच से यूँ ही घबराती रही , <br/>शायरों के भी सर होगा ईनाम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">बहुत खूब. </span> <br/><br/>//उंगलियाँ जब भी उठाता यहाँ अन्ना कोई , <br/>क्यों कहा जाता कि संघ का ये काम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">हर घोटाले में कांगेस का हाथ और हर जन संघर्ष में संघ का हाथ - सरे हिदुस्तान की यही कहानी. बहुत सुन्दर शेअर है यह भी. </span> <br/><br/>//सच तेरी जाति नहीं धर्म नहीं भाषा नहीं , <br/>तू ही मुझको रहीम और राम लगता है | // <span style="color: #ff0000;">अय हय हय हय !!! बेहतरीन ख्याल. </span> <br/><br/>//आखिरी वक़्त मुझे माँ ने दुआ दी होगी , <br/>उसी से बा असर मेरा कलाम लगता है |// <span style="color: #ff0000;">अंतिम शेअर भी बाकमाल कहा है. माँ की पवित्र दुयायों से अपने कलाम को बा-मायने होते देखने का ख्याल बहुत अच्छा लगा. इस सुन्दर कलम पर मेरी बधाई स्वीकार करें अरुण भी जी. <br/></span></p> आदरणीय श्री PRADEEP KUMAR SIN…tag:openbooksonline.com,2012-04-23:5170231:Comment:2173122012-04-23T06:54:44.214ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आदरणीय श्री <a class="fn url" href="http://www.openbooksonline.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA">PRADEEP KUMAR SINGH कुशवाहा</a> जी हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ आपके इन शब्दों के लिए !!</p>
<p>आदरणीय श्री <a class="fn url" href="http://www.openbooksonline.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA">PRADEEP KUMAR SINGH कुशवाहा</a> जी हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ आपके इन शब्दों के लिए !!</p> आपकी टिप्पणी भी सोने सी खरी ह…tag:openbooksonline.com,2012-04-23:5170231:Comment:2170902012-04-23T06:54:00.383ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आपकी टिप्पणी भी सोने सी खरी है उत्साहवर्धक !! आदरणीय राकेश जी एक लिखने वाले को और क्या चाहिए !! आभार !!</p>
<p>आपकी टिप्पणी भी सोने सी खरी है उत्साहवर्धक !! आदरणीय राकेश जी एक लिखने वाले को और क्या चाहिए !! आभार !!</p> Bahut anand aaya, ek ek sher…tag:openbooksonline.com,2012-04-21:5170231:Comment:2165782012-04-21T05:49:37.885Zराकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी'http://openbooksonline.com/profile/RakeshTripathi667
<p>Bahut anand aaya, ek ek sher sone se khare. bahut bahut badhai.</p>
<p>Bahut anand aaya, ek ek sher sone se khare. bahut bahut badhai.</p> adrniya mahodaya ji, sadar ab…tag:openbooksonline.com,2012-04-18:5170231:Comment:2157202012-04-18T17:36:21.046ZPRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHAhttp://openbooksonline.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA
<p>adrniya mahodaya ji, sadar abhivadan</p>
<p>aap likhte rahen ham padhte rahenge. baki ka kaam upar vale par chod den. badhai.</p>
<p>adrniya mahodaya ji, sadar abhivadan</p>
<p>aap likhte rahen ham padhte rahenge. baki ka kaam upar vale par chod den. badhai.</p> आदरणीय श्री आशीष जी हार्दिक आ…tag:openbooksonline.com,2012-04-18:5170231:Comment:2155252012-04-18T06:48:14.119ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आदरणीय श्री आशीष जी हार्दिक आभार आपका !!</p>
<p>आदरणीय श्री आशीष जी हार्दिक आभार आपका !!</p> आदरणीय श्री संदीप जी आपका स्न…tag:openbooksonline.com,2012-04-18:5170231:Comment:2154602012-04-18T06:46:18.310ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आदरणीय श्री संदीप जी आपका स्नेह बना रहे | जागरण में तो आपका गीत भी था और बेहद दमदार भी | .. पर खैर जिसका भी हुआ उसे हम सबकी बधाई है | हार्दिक आभार इस रचना की सराहना हेतु !!</p>
<p>आदरणीय श्री संदीप जी आपका स्नेह बना रहे | जागरण में तो आपका गीत भी था और बेहद दमदार भी | .. पर खैर जिसका भी हुआ उसे हम सबकी बधाई है | हार्दिक आभार इस रचना की सराहना हेतु !!</p>