Comments - "श्री कृष्ण को समर्पित कुछ दोहे" - Open Books Online2024-03-29T14:39:38Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A258328&xn_auth=noहौसला अफजाही का बहुत बहुत शुक…tag:openbooksonline.com,2012-08-14:5170231:Comment:2596392012-08-14T03:43:48.871ZAjAy Kumar Bohathttp://openbooksonline.com/profile/AjAyKumarBohat
<p>हौसला अफजाही का बहुत बहुत शुक्रिया राजेश जी, रेखा जी, सुरेन्द्र कुमार शुक्ला जी, डा. प्राची जी , सौरभ सर जी, संदीप जी अशोक जी...</p>
<p>हौसला अफजाही का बहुत बहुत शुक्रिया राजेश जी, रेखा जी, सुरेन्द्र कुमार शुक्ला जी, डा. प्राची जी , सौरभ सर जी, संदीप जी अशोक जी...</p> दरस तुमरे पाने को, जुग-जुग जा…tag:openbooksonline.com,2012-08-14:5170231:Comment:2595622012-08-14T03:13:17.929ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>दरस तुमरे पाने को, जुग-जुग जाते बीत, <br/>भाग बढे सुदामा के, जो भये तुम्हारे मीत. <br/><br/>आदरणीय अजय जी एक से बढ़कर एक दोहे. बधाई.</p>
<p>दरस तुमरे पाने को, जुग-जुग जाते बीत, <br/>भाग बढे सुदामा के, जो भये तुम्हारे मीत. <br/><br/>आदरणीय अजय जी एक से बढ़कर एक दोहे. बधाई.</p> आदरणीय इस पर्व में कृष्ण भक्त…tag:openbooksonline.com,2012-08-11:5170231:Comment:2592472012-08-11T08:30:37.702ZSANDEEP KUMAR PATELhttp://openbooksonline.com/profile/SANDEEPKUMARPATEL
<p>आदरणीय इस पर्व में कृष्ण भक्ति में डूबे आपको इस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं <br/> इस प्रयास को बहुत बहुत बधाई <br/> किन्तु दोहों की दृष्टि से इनमे दोष हैजिन्हें गुरुजनों के विचार विमर्श के बाद आप सुधार कर सकते हैं</p>
<p>आदरणीय इस पर्व में कृष्ण भक्ति में डूबे आपको इस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं <br/> इस प्रयास को बहुत बहुत बधाई <br/> किन्तु दोहों की दृष्टि से इनमे दोष हैजिन्हें गुरुजनों के विचार विमर्श के बाद आप सुधार कर सकते हैं</p> कृष्णाष्टमी की हार्दिक शुभकाम…tag:openbooksonline.com,2012-08-11:5170231:Comment:2589062012-08-11T04:08:29.081ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>कृष्णाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ, अजयजी.</p>
<p>दोहों पर हुआ आपका प्रयास सुखकर लगा. बधाई. सतत प्रयासरत रहें.</p>
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<p>कृष्णाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ, अजयजी.</p>
<p>दोहों पर हुआ आपका प्रयास सुखकर लगा. बधाई. सतत प्रयासरत रहें.</p>
<p></p> अजय बोहाट जी, बहुत सुन्दर दोह…tag:openbooksonline.com,2012-08-10:5170231:Comment:2586812012-08-10T15:27:58.531ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<div>अजय बोहाट जी, बहुत सुन्दर दोहा प्रयास, कथ्य व माधुर्य बहुत बहुत बढ़िया है, बस शिल्प पर जरा सा और ध्यान दें.</div>
<div>जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई इस दोहावली के लिए.</div>
<div>अजय बोहाट जी, बहुत सुन्दर दोहा प्रयास, कथ्य व माधुर्य बहुत बहुत बढ़िया है, बस शिल्प पर जरा सा और ध्यान दें.</div>
<div>जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई इस दोहावली के लिए.</div> जिसके हरी हैं सारथि, निश्चय उ…tag:openbooksonline.com,2012-08-10:5170231:Comment:2584622012-08-10T07:20:40.263ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p><span>जिसके हरी हैं सारथि, निश्चय उसकी जीत, </span><br/><span>जिस मन हरी बसें, उस मन प्रीत ही प्रीत. </span><br/><br/><span>लाज बचाई आपने, सुन अबला मन की पीर, </span><br/><span>अबला अब सबला भयी , छोटो है गयो चीर. </span></p>
<p><span><span>प्रिय अजय जी जय श्री कृष्णा बहुत सुन्दर दोहे ...चीर हरण पर सुन्दर व्यंग्य और सन्देश भी </span><br/></span></p>
<div>जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाये आप सपरिवार और सारी प्यारी मित्र मण्डली को भी ....<div>भ्रमर ५ </div>
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<p><span>जिसके हरी हैं सारथि, निश्चय उसकी जीत, </span><br/><span>जिस मन हरी बसें, उस मन प्रीत ही प्रीत. </span><br/><br/><span>लाज बचाई आपने, सुन अबला मन की पीर, </span><br/><span>अबला अब सबला भयी , छोटो है गयो चीर. </span></p>
<p><span><span>प्रिय अजय जी जय श्री कृष्णा बहुत सुन्दर दोहे ...चीर हरण पर सुन्दर व्यंग्य और सन्देश भी </span><br/></span></p>
<div>जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाये आप सपरिवार और सारी प्यारी मित्र मण्डली को भी ....<div>भ्रमर ५ </div>
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<p><span> </span></p> जिसके हरी हैं सारथि, निश्चय उ…tag:openbooksonline.com,2012-08-10:5170231:Comment:2585072012-08-10T06:21:54.884ZRekha Joshihttp://openbooksonline.com/profile/RekhaJoshi
<p><span>जिसके हरी हैं सारथि, निश्चय उसकी जीत, </span><br/><span>जिस मन हरी बसें, उस मन प्रीत ही प्रीत. ,अति सुंदर रचना और कृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाई अजय जी </span></p>
<p><span>जिसके हरी हैं सारथि, निश्चय उसकी जीत, </span><br/><span>जिस मन हरी बसें, उस मन प्रीत ही प्रीत. ,अति सुंदर रचना और कृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाई अजय जी </span></p> वाह बहुत भक्तिमय दोहे कृष्ण ज…tag:openbooksonline.com,2012-08-10:5170231:Comment:2582642012-08-10T05:48:34.104Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p><span>वाह बहुत भक्तिमय दोहे कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई </span></p>
<p><span>वाह बहुत भक्तिमय दोहे कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई </span></p>