Comments - पांच मुक्तक - Open Books Online2024-03-28T15:25:50Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A266815&xn_auth=noआदरणीय राजेश कुमारी जी रचना क…tag:openbooksonline.com,2012-08-31:5170231:Comment:2667902012-08-31T13:44:14.385Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttp://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
आदरणीय राजेश कुमारी जी रचना की सराहना के लिये हार्दिक आभार।
आदरणीय राजेश कुमारी जी रचना की सराहना के लिये हार्दिक आभार। हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण ज…tag:openbooksonline.com,2012-08-31:5170231:Comment:2670092012-08-31T13:42:47.318Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttp://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण जी!लेकिन मेरी क्या बिसात हुजूर की में बेड़ा पार करूं ये तो करतार ही कर सकता है।<br />
सादर।
हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण जी!लेकिन मेरी क्या बिसात हुजूर की में बेड़ा पार करूं ये तो करतार ही कर सकता है।<br />
सादर। सभी मुक्तक अच्छे लिखे हैं बहु…tag:openbooksonline.com,2012-08-31:5170231:Comment:2669162012-08-31T09:27:35.019Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p><span>सभी मुक्तक अच्छे लिखे हैं बहुत बधाई </span></p>
<p><span>सभी मुक्तक अच्छे लिखे हैं बहुत बधाई </span></p> मुस्कराके इक नजर,बस देख ले मु…tag:openbooksonline.com,2012-08-31:5170231:Comment:2667002012-08-31T06:21:33.139Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p><span><font color="#0000FF"><span>मुस्कराके इक नजर,बस देख ले मुझको, </span><span>ये खुदा के इनायत से,कम नहीं होगा॥</span></font></span></p>
<div><font color="#0000FF">बहुत प्रभावपूर्ण रचना के लिए बधाई श्री विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीजी -<br/><span>मुस्कराके एक नजर, देख ली तेरी तस्वीर,</span></font><div><font color="#0000FF">अब तो इनायत बक्शों,बनजाय मेरी तक़दीर--लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला </font><blockquote><h1><span><font color="#0000FF"> </font></span></h1>
</blockquote>
</div>
</div>
<p><span><font color="#0000FF"><span>मुस्कराके इक नजर,बस देख ले मुझको, </span><span>ये खुदा के इनायत से,कम नहीं होगा॥</span></font></span></p>
<div><font color="#0000FF">बहुत प्रभावपूर्ण रचना के लिए बधाई श्री विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीजी -<br/><span>मुस्कराके एक नजर, देख ली तेरी तस्वीर,</span></font><div><font color="#0000FF">अब तो इनायत बक्शों,बनजाय मेरी तक़दीर--लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला </font><blockquote><h1><span><font color="#0000FF"> </font></span></h1>
</blockquote>
</div>
</div>