Comments - ईमान - Open Books Online2024-03-28T11:58:42Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A275516&xn_auth=noये तो अब के बनाते इतिहास का स…tag:openbooksonline.com,2012-09-27:5170231:Comment:2756382012-09-27T04:56:22.178ZSanjay Rajendraprasad Yadavhttp://openbooksonline.com/profile/SanjayRajendraprasadYadav
<p>ये तो अब के बनाते इतिहास का सिर्फ एक पैराग्राफ है. अभी तो ना जाने कितने अध्याय लिखे जा चुके है, और अभी कितने लिखे जायेंगे.....जिसके हाँथ लाठी जी भैस भी उसी की इस देश की सारी सेवा सारा हक़ सभी पर रसूखदारो का अधिकार है ...आम आदमी गरीब बेदखल होता है ........</p>
<p>ये तो अब के बनाते इतिहास का सिर्फ एक पैराग्राफ है. अभी तो ना जाने कितने अध्याय लिखे जा चुके है, और अभी कितने लिखे जायेंगे.....जिसके हाँथ लाठी जी भैस भी उसी की इस देश की सारी सेवा सारा हक़ सभी पर रसूखदारो का अधिकार है ...आम आदमी गरीब बेदखल होता है ........</p> बहुत सुन्दर कहानी...
ईमान, कह…tag:openbooksonline.com,2012-09-26:5170231:Comment:2754672012-09-26T12:15:43.966ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p><span>बहुत सुन्दर कहानी...</span></p>
<div>ईमान, कहानी के माध्यम से व्यस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार का सुन्दर वर्णन किया है. गरीब युवक को जेल, और शक्ति संपन्न ठेकेदार से रिश्वत..</div>
<div>ह्रदय स्पर्शी कहानी हेतु बधाई कुमार गौरव जी </div>
<p><span>बहुत सुन्दर कहानी...</span></p>
<div>ईमान, कहानी के माध्यम से व्यस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार का सुन्दर वर्णन किया है. गरीब युवक को जेल, और शक्ति संपन्न ठेकेदार से रिश्वत..</div>
<div>ह्रदय स्पर्शी कहानी हेतु बधाई कुमार गौरव जी </div>