Comments - लाल गुलाब और पहली डेटिंग [एक ज्ञान वर्धक कथा } - Open Books Online2024-03-29T08:37:35Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A320984&xn_auth=no
बहुत सुंदर कहानी
डेटिंग ज…tag:openbooksonline.com,2016-08-11:5170231:Comment:7909802016-08-11T05:55:09.688ZASHISH KUMAAR TRIVEDIhttp://openbooksonline.com/profile/ASHISHKUMAARTRIVEDI
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<p><span><span> बहुत सुंदर </span><span>कहानी</span></span></p>
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<p><span>डेटिंग जो जीवन का अर्थ समझ गई।</span></p>
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<p><span><span> बहुत सुंदर </span><span>कहानी</span></span></p>
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<p><span>डेटिंग जो जीवन का अर्थ समझ गई।</span></p> गज़ब बहुत बढ़िया ......बधाई tag:openbooksonline.com,2013-07-21:5170231:Comment:4004622013-07-21T16:58:00.543ZPriyanka singhhttp://openbooksonline.com/profile/Priyankasingh
<p><span>गज़ब बहुत बढ़िया ......बधाई </span></p>
<p><span>गज़ब बहुत बढ़िया ......बधाई </span></p> आज पुनः इस कथा को पढ़ गया. बहु…tag:openbooksonline.com,2013-02-24:5170231:Comment:3237192013-02-24T21:38:49.566ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आज पुनः इस कथा को पढ़ गया. बहुत सुन्दर . ..! कथ्य को थोड़ा कस कर रखें.</p>
<p>एक उम्मीद जगी है आपसे.</p>
<p>बधाई.. .</p>
<p></p>
<p>आज पुनः इस कथा को पढ़ गया. बहुत सुन्दर . ..! कथ्य को थोड़ा कस कर रखें.</p>
<p>एक उम्मीद जगी है आपसे.</p>
<p>बधाई.. .</p>
<p></p> श्री सौरभ पांडेय जी ,
सादर प्…tag:openbooksonline.com,2013-02-20:5170231:Comment:3217682013-02-20T16:43:04.112Zajay yadavhttp://openbooksonline.com/profile/ajayyadav
<p>श्री सौरभ पांडेय जी ,</p>
<p>सादर प्रणाम |</p>
<p>आशीर्वाद के लिए बहुत बहुत आभार |</p>
<p>श्री सौरभ पांडेय जी ,</p>
<p>सादर प्रणाम |</p>
<p>आशीर्वाद के लिए बहुत बहुत आभार |</p> आदरणीय श्री बागी जी ,सादर प्र…tag:openbooksonline.com,2013-02-20:5170231:Comment:3215862013-02-20T16:40:52.842Zajay yadavhttp://openbooksonline.com/profile/ajayyadav
<p>आदरणीय श्री बागी जी ,सादर प्रणाम |</p>
<p>ओपन बुक आनलाईन का सदस्य बनने के कई महीनो तक मैं अपने निजी ब्लॉग पर ही फोकस रहा था, पर ओपन बुक की रचनाओं /कवियों /मित्रों {कम से कम ३० ब्लोगर मित्र यहाँ पर हैं } ने मुझे बहुत पहले से बहुत कुछ सिखाया हैं, कहूँ तो यह मेरा गुरुकुल हैं | मैंने यह कहानी जल्दी में लिखी हैं ......अभी मैं छोटा बच्चा ही हूँ और मुझे आप सब के सानिध्य में,आप सब के संरक्षण में बहुत कुछ सीखना हैं,सीखते जाना हैं ।</p>
<p>आदरणीय श्री बागी जी ,सादर प्रणाम |</p>
<p>ओपन बुक आनलाईन का सदस्य बनने के कई महीनो तक मैं अपने निजी ब्लॉग पर ही फोकस रहा था, पर ओपन बुक की रचनाओं /कवियों /मित्रों {कम से कम ३० ब्लोगर मित्र यहाँ पर हैं } ने मुझे बहुत पहले से बहुत कुछ सिखाया हैं, कहूँ तो यह मेरा गुरुकुल हैं | मैंने यह कहानी जल्दी में लिखी हैं ......अभी मैं छोटा बच्चा ही हूँ और मुझे आप सब के सानिध्य में,आप सब के संरक्षण में बहुत कुछ सीखना हैं,सीखते जाना हैं ।</p> आदरणीय अजय जी, सही कहूँ तो कह…tag:openbooksonline.com,2013-02-20:5170231:Comment:3217532013-02-20T15:23:18.554ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय अजय जी, सही कहूँ तो कहानी की प्रस्तुति देख (पहले कई रंग में टाइप थी) कर लगा कि कोई नया लड़का बस यूँ ही कुछ लिख दिया होगा, किन्तु जैसे जैसे पढ़ता गया मैं इस कहानी में उतरता गया और दंग हो गया यह देख कर कि कहानी बहुत उच्च स्तर की है, जिस दार्शनिक अंदाज पर इस कहानी को सृजित की गई है वो देखते ही बनता है, हां जरा यह अजीब लगा कि नायिका का व्यवहार और संवाद किसी प्रौढ़ महिला जैसा है और नायक किसी टीनेजर की तरह ।</p>
<p>कुल मिलाकर अच्छी कहानी, लेखक को बहुत बहुत बधाई ।</p>
<p>आदरणीय अजय जी, सही कहूँ तो कहानी की प्रस्तुति देख (पहले कई रंग में टाइप थी) कर लगा कि कोई नया लड़का बस यूँ ही कुछ लिख दिया होगा, किन्तु जैसे जैसे पढ़ता गया मैं इस कहानी में उतरता गया और दंग हो गया यह देख कर कि कहानी बहुत उच्च स्तर की है, जिस दार्शनिक अंदाज पर इस कहानी को सृजित की गई है वो देखते ही बनता है, हां जरा यह अजीब लगा कि नायिका का व्यवहार और संवाद किसी प्रौढ़ महिला जैसा है और नायक किसी टीनेजर की तरह ।</p>
<p>कुल मिलाकर अच्छी कहानी, लेखक को बहुत बहुत बधाई ।</p> भाई अजय जी, आपकी इस विशिष्ट र…tag:openbooksonline.com,2013-02-20:5170231:Comment:3215672013-02-20T15:21:26.805ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई अजय जी, आपकी इस विशिष्ट रचना को अभी-अभी देख रहा हूँ. इस पर इत्मिनान से बातें करूँगा. आपका इस मंच पर हार्दिक स्वागत है. बहरहाल, इस प्रस्तुति पर हृदय से बधाई लें.</p>
<p>भाई अजय जी, आपकी इस विशिष्ट रचना को अभी-अभी देख रहा हूँ. इस पर इत्मिनान से बातें करूँगा. आपका इस मंच पर हार्दिक स्वागत है. बहरहाल, इस प्रस्तुति पर हृदय से बधाई लें.</p> शुक्रिया श्री राम शिरोमणी पाठ…tag:openbooksonline.com,2013-02-19:5170231:Comment:3211342013-02-19T17:50:09.660Zajay yadavhttp://openbooksonline.com/profile/ajayyadav
<p>शुक्रिया श्री राम शिरोमणी पाठक जी ,</p>
<p>शुक्रिया श्री राम शिरोमणी पाठक जी ,</p> |जोसेफ कैम्पबेल ने कहा हैं “अ…tag:openbooksonline.com,2013-02-19:5170231:Comment:3213072013-02-19T16:07:30.532Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p><strong>|जोसेफ कैम्पबेल ने कहा हैं “अगर तुम अपने हृदय के परमानंद का अनुसरण करते हों तो ऐसा करके तुम स्वयम को ऐसे मार्ग पर ले जाते हों ,जो हमेशा तुम्हारी प्रतीक्षा करता रहा हैं और फिर तुम्हारा जीवन विल्कुल वैसा ही हों जाता हैं जैसा वास्तव में होना चाहिए |उस स्थिति में तुम्हे ऐसे लोग मिलने लगते हैं ,जो तुम्हारे परमानंद के क्षेत्र में होते हैं और फिर से तुम्हारे लिए अपना दरवाजा खोल देते हैं”|</strong></p>
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<p><strong>ज़ोरदार डेटिंग हुए मित्र.......ज्ञानवर्धक ...वाह वाह </strong></p>
<p><strong>|जोसेफ कैम्पबेल ने कहा हैं “अगर तुम अपने हृदय के परमानंद का अनुसरण करते हों तो ऐसा करके तुम स्वयम को ऐसे मार्ग पर ले जाते हों ,जो हमेशा तुम्हारी प्रतीक्षा करता रहा हैं और फिर तुम्हारा जीवन विल्कुल वैसा ही हों जाता हैं जैसा वास्तव में होना चाहिए |उस स्थिति में तुम्हे ऐसे लोग मिलने लगते हैं ,जो तुम्हारे परमानंद के क्षेत्र में होते हैं और फिर से तुम्हारे लिए अपना दरवाजा खोल देते हैं”|</strong></p>
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<p><strong>ज़ोरदार डेटिंग हुए मित्र.......ज्ञानवर्धक ...वाह वाह </strong></p>