Comments - अब किसी रहनुमा की जरुरत नहीं - Open Books Online2024-03-28T08:54:16Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A338462&xn_auth=noबेहद सुन्दर ग़ज़ल मित्रवर हार्द…tag:openbooksonline.com,2013-03-31:5170231:Comment:3389512013-03-31T06:10:13.566Zअरुन 'अनन्त'http://openbooksonline.com/profile/ArunSharma
<p>बेहद सुन्दर ग़ज़ल मित्रवर हार्दिक बधाई स्वीकारें</p>
<p>बेहद सुन्दर ग़ज़ल मित्रवर हार्दिक बधाई स्वीकारें</p> भाई पुष्यमित्र जी, आपकी यह ग़ज़…tag:openbooksonline.com,2013-03-30:5170231:Comment:3387572013-03-30T06:34:28.912ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई पुष्यमित्र जी, आपकी यह ग़ज़ल संयत और सही लगी. हन का अंदाज़ धीरे-धीरे कसावट में है.</p>
<p>ग़ज़ल अच्छी लगी है. बधाई स्वीकार करें</p>
<p></p>
<p><em>खुद मिलें ना मिलें अब मुझे रास्ते </em> ... इस मिसरे पर एक बात कहनी है कि ग़ज़लों में ’ना’ का प्रयोग करे से बचें.</p>
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<p>भाई पुष्यमित्र जी, आपकी यह ग़ज़ल संयत और सही लगी. हन का अंदाज़ धीरे-धीरे कसावट में है.</p>
<p>ग़ज़ल अच्छी लगी है. बधाई स्वीकार करें</p>
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<p><em>खुद मिलें ना मिलें अब मुझे रास्ते </em> ... इस मिसरे पर एक बात कहनी है कि ग़ज़लों में ’ना’ का प्रयोग करे से बचें.</p>
<p></p> पुष्यमित्र जी नाराज़गी जताने क…tag:openbooksonline.com,2013-03-29:5170231:Comment:3385602013-03-29T14:22:50.868Zcoontee mukerjihttp://openbooksonline.com/profile/coonteemukerji
<p>पुष्यमित्र जी नाराज़गी जताने का खूब सुंदर अंदाज़ है. जीवन में ये सबकुछ होता रहता है.बस आप अपनी भावनाओं को सुंदर पंख</p>
<p>देते रहिये.</p>
<p>पुष्यमित्र जी नाराज़गी जताने का खूब सुंदर अंदाज़ है. जीवन में ये सबकुछ होता रहता है.बस आप अपनी भावनाओं को सुंदर पंख</p>
<p>देते रहिये.</p> बहुत सुन्दर! मेरी बधाई स्वीका…tag:openbooksonline.com,2013-03-29:5170231:Comment:3382932013-03-29T03:01:50.191Zबृजेश नीरजhttp://openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>बहुत सुन्दर! मेरी बधाई स्वीकारें!</p>
<p>बहुत सुन्दर! मेरी बधाई स्वीकारें!</p>