Comments - हार न मानें लड़ें - Open Books Online2024-03-28T15:06:28Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A343016&xn_auth=noसकारात्मक सोच के महत्व व करिश…tag:openbooksonline.com,2016-08-21:5170231:Comment:7938712016-08-21T15:04:27.639ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
सकारात्मक सोच के महत्व व करिश्मे पर प्रकाश डालते बेहतरीन प्रेरक आलेख के लिए तहे दिल से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ आपको आदरणीय आशीष कुमार त्रिवेदी जी।
सकारात्मक सोच के महत्व व करिश्मे पर प्रकाश डालते बेहतरीन प्रेरक आलेख के लिए तहे दिल से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ आपको आदरणीय आशीष कुमार त्रिवेदी जी। सकारात्मक सोच का संप्रेषण आवश…tag:openbooksonline.com,2013-04-16:5170231:Comment:3481682013-04-16T19:27:45.489ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>सकारात्मक सोच का संप्रेषण आवश्यक है. एक सार्थक प्रयास हुआ है.</p>
<p>सादर</p>
<p>सकारात्मक सोच का संप्रेषण आवश्यक है. एक सार्थक प्रयास हुआ है.</p>
<p>सादर</p> आशीष जी, लेख अच्छा लगा।
विजय…tag:openbooksonline.com,2013-04-09:5170231:Comment:3444842013-04-09T17:28:41.874Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p></p>
<p>आशीष जी, लेख अच्छा लगा।</p>
<p>विजय निकोर</p>
<p></p>
<p>आशीष जी, लेख अच्छा लगा।</p>
<p>विजय निकोर</p> आशीष जी आपके सकारात्मकता पर प…tag:openbooksonline.com,2013-04-09:5170231:Comment:3446172013-04-09T15:28:52.436ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आशीष जी आपके सकारात्मकता पर प्रवचनात्मक आलेख के लिए शुभकामनाएँ </p>
<p></p>
<p>आप अपने पाठकों के साथ टिप्पणियों में संवाद भी करें व उनकी रचनाओं पर अपनी भी राय दें... सादर.</p>
<p>आशीष जी आपके सकारात्मकता पर प्रवचनात्मक आलेख के लिए शुभकामनाएँ </p>
<p></p>
<p>आप अपने पाठकों के साथ टिप्पणियों में संवाद भी करें व उनकी रचनाओं पर अपनी भी राय दें... सादर.</p> आदरणीय आशीश जी आपकी प्रेरणा…tag:openbooksonline.com,2013-04-09:5170231:Comment:3445132013-04-09T14:21:05.959Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p><span> <span>आदरणीय </span>आशीश जी आपकी प्रेरणा भरा लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा!<span>हार्दिक बधाई। सादर</span></span></p>
<p><span> <span>आदरणीय </span>आशीश जी आपकी प्रेरणा भरा लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा!<span>हार्दिक बधाई। सादर</span></span></p> आशीश जी आपकी प्रेरणा भरा लेख…tag:openbooksonline.com,2013-04-09:5170231:Comment:3440062013-04-09T05:21:37.511Zcoontee mukerjihttp://openbooksonline.com/profile/coonteemukerji
<p>आशीश जी आपकी प्रेरणा भरा लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा . ग्यान की वृद्धि होती है .प्रेरणा का स्रोत मिलता है . आपको बहुत बहुत</p>
<p>धन्यवाद.</p>
<p>आशीश जी आपकी प्रेरणा भरा लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा . ग्यान की वृद्धि होती है .प्रेरणा का स्रोत मिलता है . आपको बहुत बहुत</p>
<p>धन्यवाद.</p> धन्यवादtag:openbooksonline.com,2013-04-09:5170231:Comment:3443382013-04-09T04:54:23.437ZASHISH KUMAAR TRIVEDIhttp://openbooksonline.com/profile/ASHISHKUMAARTRIVEDI
<p><strong>धन्यवाद</strong></p>
<p><strong>धन्यवाद</strong></p> आदरणीय आशीष कुमार त्रिवेदी ज…tag:openbooksonline.com,2013-04-09:5170231:Comment:3441462013-04-09T03:24:29.673Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://openbooksonline.com/profile/kewalprasad
<p>आदरणीय आशीष कुमार त्रिवेदी जी, सादर प्रणाम! ’हार न मानें लड़ें’ बहुत सुन्दर बात लड़ना कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि नकारात्मक सोच में पड़ कर स्वयं को बरबाद कर लेना घोर जघन्य अपराध होता है। सामाजिक उत्थान के लिए आप यूं ही लिखते रहिये। आपको हार्दिक बधाई। सादर,</p>
<p>आदरणीय आशीष कुमार त्रिवेदी जी, सादर प्रणाम! ’हार न मानें लड़ें’ बहुत सुन्दर बात लड़ना कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि नकारात्मक सोच में पड़ कर स्वयं को बरबाद कर लेना घोर जघन्य अपराध होता है। सामाजिक उत्थान के लिए आप यूं ही लिखते रहिये। आपको हार्दिक बधाई। सादर,</p> हम अपने भीतर सकारात्मक सोंच क…tag:openbooksonline.com,2013-04-08:5170231:Comment:3443132013-04-08T18:50:54.782ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p><span>हम अपने भीतर सकारात्मक सोंच का विकास करें। सकारात्मक सोंच हमें बड़ी से बड़ी समस्या से लड़ने की प्रेरणा देती है। आवश्यकता है की हम समस्याओं से हार न मानकर उनसे लड़ने का इरादा बनाएं।</span></p>
<p><span><span>प्रिय त्रिवेदी जी जिन्दगी के अनूठे रंग से परिचित कराता ये उपयोगी </span><span>लेख ..अच्छा लगा ..अच्छी सीख ...</span></span></p>
<div>सुन्दर </div>
<div>भ्रमर ५ </div>
<p><span>हम अपने भीतर सकारात्मक सोंच का विकास करें। सकारात्मक सोंच हमें बड़ी से बड़ी समस्या से लड़ने की प्रेरणा देती है। आवश्यकता है की हम समस्याओं से हार न मानकर उनसे लड़ने का इरादा बनाएं।</span></p>
<p><span><span>प्रिय त्रिवेदी जी जिन्दगी के अनूठे रंग से परिचित कराता ये उपयोगी </span><span>लेख ..अच्छा लगा ..अच्छी सीख ...</span></span></p>
<div>सुन्दर </div>
<div>भ्रमर ५ </div>