Comments - महानायक ! - Open Books Online2024-03-28T14:10:55Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A385823&xn_auth=noजवाहर भाई ! एवं आदरणीय लक्ष्म…tag:openbooksonline.com,2013-08-06:5170231:Comment:4085702013-08-06T04:39:13.890Zaman kumarhttp://openbooksonline.com/profile/amankumar
<p>जवाहर भाई ! एवं आदरणीय लक्ष्मण जी का असीर्वाद मिला आभार !</p>
<p>जवाहर भाई ! एवं आदरणीय लक्ष्मण जी का असीर्वाद मिला आभार !</p> विजय भाई एवं आदित्य कुमार जी…tag:openbooksonline.com,2013-08-06:5170231:Comment:4086742013-08-06T04:37:31.677Zaman kumarhttp://openbooksonline.com/profile/amankumar
<p>विजय भाई एवं आदित्य कुमार जी का आभार !</p>
<p>विजय भाई एवं आदित्य कुमार जी का आभार !</p> विपरीत और आपात स्थितियों आसार…tag:openbooksonline.com,2013-08-05:5170231:Comment:4080852013-08-05T12:27:03.935Zविजय मिश्रhttp://openbooksonline.com/profile/37jicf27kggmy
विपरीत और आपात स्थितियों आसारा , संकट के समय में एकमात्र संबल एवं सहारा -- भारतीय सेना की राष्ट्र और दायीत्वों के प्रति जो सेवा और समर्पण है वह नमनीय है वर्णनीय नहीं .उन्हें प्रणाम . आपकी भावना भी कम आदर पाने योग्य नहीं .
विपरीत और आपात स्थितियों आसारा , संकट के समय में एकमात्र संबल एवं सहारा -- भारतीय सेना की राष्ट्र और दायीत्वों के प्रति जो सेवा और समर्पण है वह नमनीय है वर्णनीय नहीं .उन्हें प्रणाम . आपकी भावना भी कम आदर पाने योग्य नहीं . सही कहा भाई जी tag:openbooksonline.com,2013-08-05:5170231:Comment:4080702013-08-05T09:52:33.329ZAditya Kumarhttp://openbooksonline.com/profile/AdityaKumar
<p>सही कहा भाई जी </p>
<p>सही कहा भाई जी </p> सेना के जवानो के जितनी प्रसंस…tag:openbooksonline.com,2013-06-30:5170231:Comment:3878402013-06-30T07:20:11.501Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>सेना के जवानो के जितनी प्रसंसा की जावे कम है | बधाई स्वीकारे -</p>
<p></p>
<p>बहादुर जवानो के बल पर ही अब साध रहे सब काम </p>
<p>वर्ना नेताओं के बल पर जीना भी हो रहा अब हराम |</p>
<p>सेना के जवानो के जितनी प्रसंसा की जावे कम है | बधाई स्वीकारे -</p>
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<p>बहादुर जवानो के बल पर ही अब साध रहे सब काम </p>
<p>वर्ना नेताओं के बल पर जीना भी हो रहा अब हराम |</p> सेना के जवानो के जितनी प्रसंस…tag:openbooksonline.com,2013-06-30:5170231:Comment:3876062013-06-30T07:18:43.595Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>सेना के जवानो के जितनी प्रसंसा की जावे कम है | बधाई स्वीकारे -</p>
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<p>बहादुर जवानो के बल पर ही अब साध रहे सब काम </p>
<p>वर्ना नेताओं के बल पर जीना भी हो रहा अब हराम |</p>
<p>सेना के जवानो के जितनी प्रसंसा की जावे कम है | बधाई स्वीकारे -</p>
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<p>बहादुर जवानो के बल पर ही अब साध रहे सब काम </p>
<p>वर्ना नेताओं के बल पर जीना भी हो रहा अब हराम |</p> हमला सीमा पर हो या अंदर सामने…tag:openbooksonline.com,2013-06-30:5170231:Comment:3876462013-06-30T01:39:31.587ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>हमला सीमा पर हो या अंदर सामने वो खड़े हो जाते है !</p>
<p>घर परिवार है उनके भी, अपने बच्चे याद कहा आते है !... सुंदर ये ही हमारे रक्षक महानायक हैं!</p>
<p>हमला सीमा पर हो या अंदर सामने वो खड़े हो जाते है !</p>
<p>घर परिवार है उनके भी, अपने बच्चे याद कहा आते है !... सुंदर ये ही हमारे रक्षक महानायक हैं!</p> इस ' गायब ' वाला कालाजादू मैं…tag:openbooksonline.com,2013-06-28:5170231:Comment:3866302013-06-28T12:34:08.987Zविजय मिश्रhttp://openbooksonline.com/profile/37jicf27kggmy
इस ' गायब ' वाला कालाजादू मैंने भी अपनी टिप्पणीयों के साथ कई दफा भुगता है , कुछ दफ़ा तो नहीं लगा रखा है खास तरह की बातों पर . जो भी हो ,परेशान मैं भी था ,रविकरजी की दया से कमसेकम आज मन सुलझ गया .
इस ' गायब ' वाला कालाजादू मैंने भी अपनी टिप्पणीयों के साथ कई दफा भुगता है , कुछ दफ़ा तो नहीं लगा रखा है खास तरह की बातों पर . जो भी हो ,परेशान मैं भी था ,रविकरजी की दया से कमसेकम आज मन सुलझ गया . आपका आभार सुमित जी !tag:openbooksonline.com,2013-06-28:5170231:Comment:3865382013-06-28T11:29:45.350Zaman kumarhttp://openbooksonline.com/profile/amankumar
<p>आपका आभार सुमित जी !</p>
<p>आपका आभार सुमित जी !</p> सुंदर रचना अमन भाई tag:openbooksonline.com,2013-06-28:5170231:Comment:3863942013-06-28T10:27:51.694ZSumit Naithanihttp://openbooksonline.com/profile/SumitNaithani
<p>सुंदर रचना अमन भाई </p>
<p>सुंदर रचना अमन भाई </p>