Comments - गरीब की भूख - Open Books Online2024-03-29T15:25:55Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A406056&xn_auth=noshukriya mahima ji tag:openbooksonline.com,2013-09-03:5170231:Comment:4271172013-09-03T03:45:11.060ZSumit Naithanihttp://openbooksonline.com/profile/SumitNaithani
<p>shukriya mahima ji </p>
<p>shukriya mahima ji </p> स्वागत है सुमित जी ... बहुत ह…tag:openbooksonline.com,2013-08-30:5170231:Comment:4245052013-08-30T17:01:14.086ZMAHIMA SHREEhttp://openbooksonline.com/profile/MAHIMASHREE
<p>स्वागत है सुमित जी ... बहुत ही शानदार प्रस्तुति ... धाराप्रवाह लेखन ... अंततक आपने बांधे रखा ... ह्रदय तल से आपको बधाई बधाई बधाई ... खूब लिखे शुभकामनाये .. बहुत अच्छा लगा आप मंच पर आये ...</p>
<p>स्वागत है सुमित जी ... बहुत ही शानदार प्रस्तुति ... धाराप्रवाह लेखन ... अंततक आपने बांधे रखा ... ह्रदय तल से आपको बधाई बधाई बधाई ... खूब लिखे शुभकामनाये .. बहुत अच्छा लगा आप मंच पर आये ...</p> shukriya Saurabh ji ....tag:openbooksonline.com,2013-08-14:5170231:Comment:4141282013-08-14T12:36:16.504ZSumit Naithanihttp://openbooksonline.com/profile/SumitNaithani
<p>shukriya Saurabh ji ....</p>
<p>shukriya Saurabh ji ....</p> भाई सुमितजी, आपकी कथा को कई अ…tag:openbooksonline.com,2013-08-11:5170231:Comment:4125292013-08-11T07:32:00.093ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई सुमितजी, आपकी कथा को कई अपरिहार्य कारणों से आज देख रहा हूँ. कहानी समाप्त होते ही मुँह से बेसाख़्ता वाह निकल पड़ा. यह आपकी कोई पहली रचना है --संभवतः -- जो मेरी नज़रों से गुजरी है. आपको आपकी किस्सागोई के लिए दिल से बधाई कह रहा हूँ और इस मंच पर को अपने संप्रेषण का माध्यम बनाने के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ. </p>
<p></p>
<p>आपसे और सुनने की प्रतीक्षा रहेगी. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>भाई सुमितजी, आपकी कथा को कई अपरिहार्य कारणों से आज देख रहा हूँ. कहानी समाप्त होते ही मुँह से बेसाख़्ता वाह निकल पड़ा. यह आपकी कोई पहली रचना है --संभवतः -- जो मेरी नज़रों से गुजरी है. आपको आपकी किस्सागोई के लिए दिल से बधाई कह रहा हूँ और इस मंच पर को अपने संप्रेषण का माध्यम बनाने के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ. </p>
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<p>आपसे और सुनने की प्रतीक्षा रहेगी. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> प्रोत्साहन के लिये शुक्रिया व…tag:openbooksonline.com,2013-08-01:5170231:Comment:4063672013-08-01T11:35:09.666ZSumit Naithanihttp://openbooksonline.com/profile/SumitNaithani
<p>प्रोत्साहन के लिये शुक्रिया विजय जी </p>
<p>प्रोत्साहन के लिये शुक्रिया विजय जी </p> अब गरीब सचमुच नहीं दिखेंगे ,ग…tag:openbooksonline.com,2013-08-01:5170231:Comment:4064362013-08-01T07:14:00.328Zविजय मिश्रhttp://openbooksonline.com/profile/37jicf27kggmy
अब गरीब सचमुच नहीं दिखेंगे ,गरीबी की जगह गरीबों को मिटाया जा रहा है ,कागज और जमीन दोनों जगहों से बाईमानदारी और इस काम में कायदे और सलीके की कोई कोताही नहीं बरती जा रही .भारत निर्माण का यह एतिहासिक चरण है जो हमारे राजनेता यज्ञनिष्ठा से संपन्न कर रहे हैं .भूख और गरीब का तादात्म नया नहीं किन्तु इसे निबटाने का यह राजकीय ढंग अत्याधुनिक और रोमांचकारी है .कटाक्ष की दिशा सटिक है और इस गंभीर राष्ट्रीय बहस को मंच देने के लिए आपको बधाई सुमितजी .
अब गरीब सचमुच नहीं दिखेंगे ,गरीबी की जगह गरीबों को मिटाया जा रहा है ,कागज और जमीन दोनों जगहों से बाईमानदारी और इस काम में कायदे और सलीके की कोई कोताही नहीं बरती जा रही .भारत निर्माण का यह एतिहासिक चरण है जो हमारे राजनेता यज्ञनिष्ठा से संपन्न कर रहे हैं .भूख और गरीब का तादात्म नया नहीं किन्तु इसे निबटाने का यह राजकीय ढंग अत्याधुनिक और रोमांचकारी है .कटाक्ष की दिशा सटिक है और इस गंभीर राष्ट्रीय बहस को मंच देने के लिए आपको बधाई सुमितजी . Brijesh Ji@ shukriyatag:openbooksonline.com,2013-08-01:5170231:Comment:4063402013-08-01T04:16:14.497ZSumit Naithanihttp://openbooksonline.com/profile/SumitNaithani
<p>Brijesh Ji@ shukriya</p>
<p>Brijesh Ji@ shukriya</p> jawahar ji @ shukriyatag:openbooksonline.com,2013-08-01:5170231:Comment:4064232013-08-01T04:16:00.920ZSumit Naithanihttp://openbooksonline.com/profile/SumitNaithani
<p>jawahar ji @ shukriya</p>
<p>jawahar ji @ shukriya</p> बहुत ही सुन्दर सुमित जी! हार्…tag:openbooksonline.com,2013-07-31:5170231:Comment:4061752013-07-31T16:55:38.871Zबृजेश नीरजhttp://openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>बहुत ही सुन्दर सुमित जी! हार्दिक बधाई!</p>
<p>बहुत ही सुन्दर सुमित जी! हार्दिक बधाई!</p> बहुत सुन्दर सुमित जी!... ये …tag:openbooksonline.com,2013-07-31:5170231:Comment:4061572013-07-31T14:06:57.346ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>बहुत सुन्दर सुमित जी!... ये है कलम का कमाल!... नेता जी हो रहे मालामाल !</p>
<p>बहुत सुन्दर सुमित जी!... ये है कलम का कमाल!... नेता जी हो रहे मालामाल !</p>