Comments - ग़ज़ल - अक्षरों में खुदा दिखाई दे ! - Open Books Online2024-03-28T18:31:27Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A471212&xn_auth=noग़ज़ल के अनुमोदन के लिए आपका आभ…tag:openbooksonline.com,2013-11-20:5170231:Comment:4746552013-11-20T15:16:16.621ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>ग़ज़ल के अनुमोदन के लिए आपका आभारी हूँ आ. महिमा जी ! बहुत धन्यवाद आपका !!</p>
<p>ग़ज़ल के अनुमोदन के लिए आपका आभारी हूँ आ. महिमा जी ! बहुत धन्यवाद आपका !!</p> हर शेर मन पे अपनी छाप छोडती…tag:openbooksonline.com,2013-11-18:5170231:Comment:4735382013-11-18T15:14:38.720ZMAHIMA SHREEhttp://openbooksonline.com/profile/MAHIMASHREE
<p>हर शेर मन पे अपनी छाप छोडती हुयी .. बेहद सुंदर ... बहुत -२ बधाई आपको आदरणीय अभिनव जी .....</p>
<p>हर शेर मन पे अपनी छाप छोडती हुयी .. बेहद सुंदर ... बहुत -२ बधाई आपको आदरणीय अभिनव जी .....</p> आ. डॉ साहिबा , बहुत आभार प्रो…tag:openbooksonline.com,2013-11-18:5170231:Comment:4736152013-11-18T14:43:58.067ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
आ. डॉ साहिबा , बहुत आभार प्रोत्साहन के लिए !
आ. डॉ साहिबा , बहुत आभार प्रोत्साहन के लिए ! हाथ खोलूं तो बस दुआ मांगूँ,
स…tag:openbooksonline.com,2013-11-18:5170231:Comment:4734732013-11-18T14:29:50.088ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>हाथ खोलूं तो बस दुआ मांगूँ,</p>
<p>सिर्फ इतनी मुझे कमाई दे |..........बहुत खूब </p>
<p></p>
<p>सीधी सादी बातें....सुन्दरता से अभिव्यक्त की गयी हैं </p>
<p>हार्दिक बधाई इस शानदार ग़ज़ल पर.</p>
<p>हाथ खोलूं तो बस दुआ मांगूँ,</p>
<p>सिर्फ इतनी मुझे कमाई दे |..........बहुत खूब </p>
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<p>सीधी सादी बातें....सुन्दरता से अभिव्यक्त की गयी हैं </p>
<p>हार्दिक बधाई इस शानदार ग़ज़ल पर.</p> आ. अरुण जी आपने हौसला बढ़ाया ह…tag:openbooksonline.com,2013-11-17:5170231:Comment:4728922013-11-17T15:00:48.568ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आ. अरुण जी आपने हौसला बढ़ाया है , शुक्रिया तहे दिल से !!</p>
<p>आ. अरुण जी आपने हौसला बढ़ाया है , शुक्रिया तहे दिल से !!</p> आदरणीय अरुण अभिनव भाई जी एक ए…tag:openbooksonline.com,2013-11-17:5170231:Comment:4726872013-11-17T07:29:14.660Zअरुन 'अनन्त'http://openbooksonline.com/profile/ArunSharma
<p>आदरणीय अरुण अभिनव भाई जी एक एक शेर पर ढेरों दाद कुबल फरमाएं बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल कही है आपने बेहद उम्दा शानदार</p>
<p>आदरणीय अरुण अभिनव भाई जी एक एक शेर पर ढेरों दाद कुबल फरमाएं बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल कही है आपने बेहद उम्दा शानदार</p> सादर प्रणाम , आदरणीय अग्रज श्…tag:openbooksonline.com,2013-11-17:5170231:Comment:4729112013-11-17T06:11:17.683ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>सादर प्रणाम , आदरणीय अग्रज श्री , आपके इस स्नेह और आशीर्वाद को संगृहीत कर लिया है ...मेरे लिए यह स्नेह वर्षा उत्कृष्टता का कारक बनेगी ..प्रभु करे !!</p>
<p>सादर प्रणाम , आदरणीय अग्रज श्री , आपके इस स्नेह और आशीर्वाद को संगृहीत कर लिया है ...मेरे लिए यह स्नेह वर्षा उत्कृष्टता का कारक बनेगी ..प्रभु करे !!</p> हार्दिक आभार आ. श्री राम शिरो…tag:openbooksonline.com,2013-11-17:5170231:Comment:4727532013-11-17T06:09:19.641ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>हार्दिक आभार आ. श्री राम शिरोमणि जी और श्री सलीम जी आपकी प्रातक्रिया उत्साह बढाने वाली है , आप दोनों का दिल से धन्यवाद !</p>
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<p>हार्दिक आभार आ. श्री राम शिरोमणि जी और श्री सलीम जी आपकी प्रातक्रिया उत्साह बढाने वाली है , आप दोनों का दिल से धन्यवाद !</p>
<p> </p> आ. श्री वीनस जी ,ग़ज़ल आप सदृश…tag:openbooksonline.com,2013-11-17:5170231:Comment:4729102013-11-17T06:08:04.148ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आ. श्री वीनस जी ,ग़ज़ल आप सदृश विद्वत जन की प्रशंसा पाकर उत्फुल्लित है , बेहतर का प्रयास होगा , शुक्रिया !</p>
<p>आ. श्री वीनस जी ,ग़ज़ल आप सदृश विद्वत जन की प्रशंसा पाकर उत्फुल्लित है , बेहतर का प्रयास होगा , शुक्रिया !</p> माँ के हाथों का स्वाद हो जिसम…tag:openbooksonline.com,2013-11-16:5170231:Comment:4724982013-11-16T21:57:26.178Zवीनस केसरीhttp://openbooksonline.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>माँ के हाथों का स्वाद हो जिसमें,</p>
<p>ले ले सबकुछ वही मिठाई दे |</p>
<p> </p>
<p>धूप तो शहर वाली दे दी है,</p>
<p>गाँव वाली बरफ मलाई दे |<br/><br/>वाह वा कैसी सादा सी बात है और कितना लुत्फ़ दे रही है ....<br/>मज़ा आ गया</p>
<p>माँ के हाथों का स्वाद हो जिसमें,</p>
<p>ले ले सबकुछ वही मिठाई दे |</p>
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<p>धूप तो शहर वाली दे दी है,</p>
<p>गाँव वाली बरफ मलाई दे |<br/><br/>वाह वा कैसी सादा सी बात है और कितना लुत्फ़ दे रही है ....<br/>मज़ा आ गया</p>