Comments - एक गीत: राणा प्रताप सिंह - Open Books Online2024-03-29T14:14:58Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A493441&xn_auth=noआ.राणा प्रताप जी का नव गीत पह…tag:openbooksonline.com,2014-01-27:5170231:Comment:5046462014-01-27T05:06:49.549Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>आ.राणा प्रताप जी का नव गीत पहली बार पढ़ा बस पढ़ती ही रह गई कारतूस की गंध से लेकर खेत खलियानों की गंध ने बाँध कर रखा वाह वाह जितनी तारीफ़ करो कम होगी अतिसुन्दर गीत बधाई आपको </p>
<p>आ.राणा प्रताप जी का नव गीत पहली बार पढ़ा बस पढ़ती ही रह गई कारतूस की गंध से लेकर खेत खलियानों की गंध ने बाँध कर रखा वाह वाह जितनी तारीफ़ करो कम होगी अतिसुन्दर गीत बधाई आपको </p> अति सुंदर tag:openbooksonline.com,2014-01-09:5170231:Comment:4978602014-01-09T15:44:58.110ZAjay Agyathttp://openbooksonline.com/profile/ajaykumarsharma
<p>अति सुंदर </p>
<p>अति सुंदर </p> गाँव जब अपनी सम्पूर्णता के सा…tag:openbooksonline.com,2014-01-06:5170231:Comment:4966682014-01-06T09:27:52.257ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>गाँव जब अपनी सम्पूर्णता के साथ मन में बसा हो और उसके लिहाज धमनियों में बहते हों तो रचनाओं विशेषकर नवगीतों के साथ सार्थक बर्ताव कर पाना किसी रचनाकार (नवगीत-कार) के लिए सरल नहीं होता. क्यों कि नवगीत की शैली, पद्य-विस्तार और उसकी वैधानिक सीमाएँ ही सबसे बड़ी बाधा बन कर सामने खड़ी हो जाती हैं. राणा भाई, आप उपरोक्त तीनों विन्दुओं को करीने से निबाह गये हैं. पहली बधाई तो यहीं.</p>
<p><br></br>दूसरी, बधाई इस गीत के होने पर. जिसके पहले बन्द में सामाजिक विसंगतिपूर्ण दशा उभर कर आयी है, तो दूसरे बन्द में खेत…</p>
<p>गाँव जब अपनी सम्पूर्णता के साथ मन में बसा हो और उसके लिहाज धमनियों में बहते हों तो रचनाओं विशेषकर नवगीतों के साथ सार्थक बर्ताव कर पाना किसी रचनाकार (नवगीत-कार) के लिए सरल नहीं होता. क्यों कि नवगीत की शैली, पद्य-विस्तार और उसकी वैधानिक सीमाएँ ही सबसे बड़ी बाधा बन कर सामने खड़ी हो जाती हैं. राणा भाई, आप उपरोक्त तीनों विन्दुओं को करीने से निबाह गये हैं. पहली बधाई तो यहीं.</p>
<p><br/>दूसरी, बधाई इस गीत के होने पर. जिसके पहले बन्द में सामाजिक विसंगतिपूर्ण दशा उभर कर आयी है, तो दूसरे बन्द में खेत और उनपर आश्रित परिवार की दशा का संवेदनशील वर्णन हुआ है. <br/>बहुत-बहुत मुबारक हो आपको नये कैलेण्डर की सभी तारीखें. <br/>शुभ-शुभ<br/> </p> आ0 राना भार्इ जी, अति मनभावन…tag:openbooksonline.com,2014-01-05:5170231:Comment:4966122014-01-05T14:03:57.337Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://openbooksonline.com/profile/kewalprasad
<p>आ0 राना भार्इ जी, अति मनभावन गीत। वाह! मजा आ गया। हार्दिक बधार्इ स्वीकारें। सादर</p>
<p>आ0 राना भार्इ जी, अति मनभावन गीत। वाह! मजा आ गया। हार्दिक बधार्इ स्वीकारें। सादर</p> गजलकार से गीतकार तक।
ये अदा भ…tag:openbooksonline.com,2014-01-04:5170231:Comment:4963162014-01-04T14:32:22.777Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttp://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
गजलकार से गीतकार तक।<br />
ये अदा भी निराली है।<br />
ठेस गाँव की खुशबू के साथ, उनकी समस्याओं से रूबरू कराते गीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय राणा जी!
गजलकार से गीतकार तक।<br />
ये अदा भी निराली है।<br />
ठेस गाँव की खुशबू के साथ, उनकी समस्याओं से रूबरू कराते गीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय राणा जी! बहुत सुन्दर नव गीत लिखा है आद…tag:openbooksonline.com,2014-01-03:5170231:Comment:4955962014-01-03T06:46:53.210ZNeeraj Neerhttp://openbooksonline.com/profile/NeerajKumarNeer
<p>बहुत सुन्दर नव गीत लिखा है आदरणीय ....</p>
<p>बहुत सुन्दर नव गीत लिखा है आदरणीय ....</p> बागी भैया, गीत पसंद करने के ल…tag:openbooksonline.com,2014-01-02:5170231:Comment:4955022014-01-02T15:38:27.047ZRana Pratap Singhhttp://openbooksonline.com/profile/RanaPratapSingh
<p>बागी भैया, गीत पसंद करने के लिए शुक्रिया </p>
<p>बागी भैया, गीत पसंद करने के लिए शुक्रिया </p> आदरणीया डा ० प्राची जी यदि यह…tag:openbooksonline.com,2014-01-02:5170231:Comment:4955522014-01-02T15:37:50.473ZRana Pratap Singhhttp://openbooksonline.com/profile/RanaPratapSingh
<p>आदरणीया डा ० प्राची जी यदि यह गीत आपके पास से गुजरा है तो यही इसकी सफलता है| गीत पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद </p>
<p>आदरणीया डा ० प्राची जी यदि यह गीत आपके पास से गुजरा है तो यही इसकी सफलता है| गीत पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद </p> आशीष नैथानी सलिल भाई जी गीत क…tag:openbooksonline.com,2014-01-02:5170231:Comment:4953992014-01-02T15:36:16.829ZRana Pratap Singhhttp://openbooksonline.com/profile/RanaPratapSingh
<p>आशीष नैथानी सलिल भाई जी गीत को मान देने के लिए शुक्रिया </p>
<p>आशीष नैथानी सलिल भाई जी गीत को मान देने के लिए शुक्रिया </p> आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी गीत…tag:openbooksonline.com,2014-01-02:5170231:Comment:4955512014-01-02T15:35:43.236ZRana Pratap Singhhttp://openbooksonline.com/profile/RanaPratapSingh
<p>आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी गीत पसंद करने के लिए हार्दिक शुक्रिया </p>
<p>आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी गीत पसंद करने के लिए हार्दिक शुक्रिया </p>