Comments - तरही ग़ज़ल -वंदना - Open Books Online2024-03-28T21:48:34Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A495175&xn_auth=noबहुत सुंदर, शुभकामनायें.tag:openbooksonline.com,2014-12-03:5170231:Comment:5922912014-12-03T09:52:04.684ZMadan Mohan saxenahttp://openbooksonline.com/profile/MadanMohansaxena
<p>बहुत सुंदर, शुभकामनायें.</p>
<p>बहुत सुंदर, शुभकामनायें.</p> आदरणीय सौरभ सर आपके पूछे जाने…tag:openbooksonline.com,2014-01-09:5170231:Comment:4979262014-01-09T10:05:15.133Zvandanahttp://openbooksonline.com/profile/vandana956
<p>आदरणीय सौरभ सर आपके पूछे जाने पर तरही ग़ज़ल से सम्बंधित मेरी जानकारी से इतर संभावना ढूंढने की कोशिश में यहाँ कुछ नहीं लिखा था|</p>
<p>कष्ट के लिए क्षमा चाहती हूँ ,आगे से ध्यान रखूँगी |</p>
<p>आदरणीय सौरभ सर आपके पूछे जाने पर तरही ग़ज़ल से सम्बंधित मेरी जानकारी से इतर संभावना ढूंढने की कोशिश में यहाँ कुछ नहीं लिखा था|</p>
<p>कष्ट के लिए क्षमा चाहती हूँ ,आगे से ध्यान रखूँगी |</p> ओह फ़ानी साहब का मिसरा था ?! …tag:openbooksonline.com,2014-01-08:5170231:Comment:4973832014-01-08T08:51:29.670ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>ओह फ़ानी साहब का मिसरा था ?! ये तो मैं देख ही नहीं पाया था. अब समझा कि आपने इसे तरही ग़ज़ल क्यों कहा है.</p>
<p>भूल के लिए क्षमा.</p>
<p></p>
<p></p>
<p>वैसे किसी प्रस्तुति या उसकी प्रतिक्रिया(ओं) से सम्बन्धित प्रश्न यहीं स्पष्ट हो जाने चाहिये.</p>
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<p>ओह फ़ानी साहब का मिसरा था ?! ये तो मैं देख ही नहीं पाया था. अब समझा कि आपने इसे तरही ग़ज़ल क्यों कहा है.</p>
<p>भूल के लिए क्षमा.</p>
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<p>वैसे किसी प्रस्तुति या उसकी प्रतिक्रिया(ओं) से सम्बन्धित प्रश्न यहीं स्पष्ट हो जाने चाहिये.</p>
<p></p> इसे आपने तरहीग़ज़ल क्यों कहा है…tag:openbooksonline.com,2014-01-07:5170231:Comment:4973522014-01-07T17:56:43.755ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>इसे आपने तरहीग़ज़ल क्यों कहा है ?</p>
<p>ग़ज़ल पर हुई चर्चा पर तो यही कहूँगा.. सुबहानअल्लाह</p>
<p>शुभेच्छाएँ</p>
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<p>इसे आपने तरहीग़ज़ल क्यों कहा है ?</p>
<p>ग़ज़ल पर हुई चर्चा पर तो यही कहूँगा.. सुबहानअल्लाह</p>
<p>शुभेच्छाएँ</p>
<p></p> आदरणीय अरुण जी हौसलाअफजाई के…tag:openbooksonline.com,2014-01-03:5170231:Comment:4960322014-01-03T23:48:25.033Zvandanahttp://openbooksonline.com/profile/vandana956
<p>आदरणीय अरुण जी हौसलाअफजाई के लिए बहुत 2 धन्यवाद </p>
<p>आदरणीय अरुण जी हौसलाअफजाई के लिए बहुत 2 धन्यवाद </p> बहुत ही उम्दा ग़ज़ल कही है आपने…tag:openbooksonline.com,2014-01-03:5170231:Comment:4960162014-01-03T12:27:53.897Zअरुन 'अनन्त'http://openbooksonline.com/profile/ArunSharma
<p>बहुत ही उम्दा ग़ज़ल कही है आपने वंदना जी एक एक शेर शानदार बन पड़ा है दिली दाद कुबूल फरमाएं</p>
<p>बहुत ही उम्दा ग़ज़ल कही है आपने वंदना जी एक एक शेर शानदार बन पड़ा है दिली दाद कुबूल फरमाएं</p> आदरणीया महिमा जी बहुत२ शुक्रि…tag:openbooksonline.com,2014-01-03:5170231:Comment:4958212014-01-03T00:22:02.713Zvandanahttp://openbooksonline.com/profile/vandana956
<p>आदरणीया महिमा जी बहुत२ शुक्रिया </p>
<p>आदरणीया महिमा जी बहुत२ शुक्रिया </p> आदरणीय जितेन्द्र जी आपने अपना…tag:openbooksonline.com,2014-01-03:5170231:Comment:4956742014-01-03T00:04:54.410Zvandanahttp://openbooksonline.com/profile/vandana956
<p>आदरणीय जितेन्द्र जी आपने अपना बहुमूल्य समय दिया और हौसला बढाया उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूँ </p>
<p>आदरणीय जितेन्द्र जी आपने अपना बहुमूल्य समय दिया और हौसला बढाया उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूँ </p> आदरणीया कुंती जी उत्साहवर्धन…tag:openbooksonline.com,2014-01-03:5170231:Comment:4956732014-01-03T00:03:08.309Zvandanahttp://openbooksonline.com/profile/vandana956
<p>आदरणीया कुंती जी उत्साहवर्धन करने के लिए हृदय से आपका बहुत२ आभार </p>
<p>आदरणीया कुंती जी उत्साहवर्धन करने के लिए हृदय से आपका बहुत२ आभार </p> आदरणीय गिरिराज सर आपके सकारात…tag:openbooksonline.com,2014-01-03:5170231:Comment:4957362014-01-03T00:01:57.763Zvandanahttp://openbooksonline.com/profile/vandana956
<p>आदरणीय गिरिराज सर आपके सकारात्मक दृष्टिकोण को सादर नमन हम सभी के सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहे यही दुआ है </p>
<p>आदरणीय गिरिराज सर आपके सकारात्मक दृष्टिकोण को सादर नमन हम सभी के सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहे यही दुआ है </p>