Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-28T15:38:07Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A526732&xn_auth=noदूर-दूर यूँ रहकर पास भी हो क्…tag:openbooksonline.com,2014-06-14:5170231:Comment:5485852014-06-14T09:03:52.828ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p><span>दूर-दूर यूँ रहकर पास भी हो क्या !</span><br/><span>मुझसे मिलकर उदास भी हो क्या !</span></p>
<p>प्रिय अविनाश जी सुन्दर भाव लिए अच्छी बनी गजल। । <br/>भ्रमर ५</p>
<p><span>दूर-दूर यूँ रहकर पास भी हो क्या !</span><br/><span>मुझसे मिलकर उदास भी हो क्या !</span></p>
<p>प्रिय अविनाश जी सुन्दर भाव लिए अच्छी बनी गजल। । <br/>भ्रमर ५</p> आदरनीय अविनाश भाई , ग़ज़ल कहने…tag:openbooksonline.com,2014-04-02:5170231:Comment:5274132014-04-02T14:41:19.835Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरनीय अविनाश भाई , ग़ज़ल कहने का बहुत सुन्दर प्रयास हुआ है , बह्र अलग अलग मिसरों मे अलग अलग लग रही है , एक बार देख लीजियेगा ॥</p>
<p>आदरनीय अविनाश भाई , ग़ज़ल कहने का बहुत सुन्दर प्रयास हुआ है , बह्र अलग अलग मिसरों मे अलग अलग लग रही है , एक बार देख लीजियेगा ॥</p> आदरणीय अविनाश जी ..नए पन और त…tag:openbooksonline.com,2014-04-01:5170231:Comment:5271242014-04-01T11:02:42.207ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय अविनाश जी ..नए पन और ताजगी से भरी शानदार ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई ..सादर </p>
<p>आदरणीय अविनाश जी ..नए पन और ताजगी से भरी शानदार ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई ..सादर </p>