Comments - दिल तो दीवाना हुआ - Open Books Online2024-03-29T11:31:33Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A527726&xn_auth=noक्या बात है ब्रह्मचारी जी !!…tag:openbooksonline.com,2014-04-08:5170231:Comment:5287562014-04-08T12:17:31.508Zsharadindu mukerjihttp://openbooksonline.com/profile/sharadindumukerji
क्या बात है ब्रह्मचारी जी !! नए रंग और नए अंदाज़ में आपको पाना सुखद अनुभूति है...शुभकामनाएँ.
क्या बात है ब्रह्मचारी जी !! नए रंग और नए अंदाज़ में आपको पाना सुखद अनुभूति है...शुभकामनाएँ. रूमानियत से भरपूर अगर ग़ज़ल में…tag:openbooksonline.com,2014-04-06:5170231:Comment:5281672014-04-06T07:35:16.432Zcoontee mukerjihttp://openbooksonline.com/profile/coonteemukerji
<p>रूमानियत से भरपूर अगर ग़ज़ल में कही जाय तो बेहद सुंदर होगा....भाई साहब प्रयास करने में क्या हर्ज़ है.ओबीओ मंच पर गज़लों के गुरू भरे हुए है.मार्गदर्शन मिल सकते है....सादर.</p>
<p>रूमानियत से भरपूर अगर ग़ज़ल में कही जाय तो बेहद सुंदर होगा....भाई साहब प्रयास करने में क्या हर्ज़ है.ओबीओ मंच पर गज़लों के गुरू भरे हुए है.मार्गदर्शन मिल सकते है....सादर.</p> आदरणीय ब्रह्मचारी जी
आप ग़ज़ल…tag:openbooksonline.com,2014-04-05:5170231:Comment:5279972014-04-05T16:07:24.171ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आदरणीय ब्रह्मचारी जी </p>
<p></p>
<p>आप ग़ज़ल विधा पर थोड़ा सा प्रयास करें और तरही मुशायरों को सुरुचिपूर्वक देखते चलें तो आप सुन्दर रवायती ग़ज़ल कहना सीख सकते हैं..</p>
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<p>इस शृंगारिक प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई </p>
<p>आदरणीय ब्रह्मचारी जी </p>
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<p>आप ग़ज़ल विधा पर थोड़ा सा प्रयास करें और तरही मुशायरों को सुरुचिपूर्वक देखते चलें तो आप सुन्दर रवायती ग़ज़ल कहना सीख सकते हैं..</p>
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<p>इस शृंगारिक प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई </p> लय के साथ सुंदर शब्द , अच्छी…tag:openbooksonline.com,2014-04-05:5170231:Comment:5281202014-04-05T06:50:23.753Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>लय के साथ सुंदर शब्द , अच्छी रचना , हार्दिक बधाई </p>
<p>लय के साथ सुंदर शब्द , अच्छी रचना , हार्दिक बधाई </p> बहुत खुबसूरत अंदाज, बधाई आपको…tag:openbooksonline.com,2014-04-04:5170231:Comment:5277992014-04-04T18:01:26.069Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooksonline.com/profile/JitendraPastariya
<p>बहुत खुबसूरत अंदाज, बधाई आपको आदरणीय</p>
<p>बहुत खुबसूरत अंदाज, बधाई आपको आदरणीय</p> क्या दिलकश अंदाज़ है मान्यवर …tag:openbooksonline.com,2014-04-04:5170231:Comment:5277602014-04-04T07:45:54.629ZSaarthi Baidyanathhttp://openbooksonline.com/profile/saarthibaidyanath
<p>क्या दिलकश अंदाज़ है मान्यवर </p>
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<p>मुखड़ा पूनम चाँद जैसा , उफ़ ये मतवाली सी चाल</p>
<p>कैसे मैं खुद को सम्हालूँ दिल तो दीवाना हुआ ।........बेहतरीन ..बहुत खूब </p>
<p>क्या दिलकश अंदाज़ है मान्यवर </p>
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<p>मुखड़ा पूनम चाँद जैसा , उफ़ ये मतवाली सी चाल</p>
<p>कैसे मैं खुद को सम्हालूँ दिल तो दीवाना हुआ ।........बेहतरीन ..बहुत खूब </p>