Comments - 'संस्कार' कहानी - Open Books Online2024-03-29T10:10:47Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A566721&xn_auth=noआभार प्राची sis आपका :)शिल्प…tag:openbooksonline.com,2014-08-20:5170231:Comment:5686912014-08-20T07:54:01.960Zsavitamishrahttp://openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>आभार प्राची sis आपका :)<br/>शिल्प में पर अभी काफी कमियाँ रह गयी हैं.......बता देती तो आसानी रहती समझने में :)</p>
<p>आभार प्राची sis आपका :)<br/>शिल्प में पर अभी काफी कमियाँ रह गयी हैं.......बता देती तो आसानी रहती समझने में :)</p> सुन्दर लघुकथा प्रयास आ० सविता…tag:openbooksonline.com,2014-08-20:5170231:Comment:5686802014-08-20T03:36:55.447ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>सुन्दर लघुकथा प्रयास आ० सविता मिश्रा जी </p>
<p>कथानक अच्छा है..पर शिल्प में पर अभी काफी कमियाँ रह गयी हैं...</p>
<p></p>
<p>इस प्रयास पर हार्दिक शुभकामनाएं </p>
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<p>सुन्दर लघुकथा प्रयास आ० सविता मिश्रा जी </p>
<p>कथानक अच्छा है..पर शिल्प में पर अभी काफी कमियाँ रह गयी हैं...</p>
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<p>इस प्रयास पर हार्दिक शुभकामनाएं </p>
<p></p> शुक्रिया आप का तहेदिल सेtag:openbooksonline.com,2014-08-18:5170231:Comment:5687202014-08-18T17:10:45.473Zsavitamishrahttp://openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>शुक्रिया आप का तहेदिल से</p>
<p>शुक्रिया आप का तहेदिल से</p> "संस्कार चाहे जितने भी अच्छे…tag:openbooksonline.com,2014-08-18:5170231:Comment:5684002014-08-18T14:35:16.209ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p><span>"संस्कार चाहे जितने भी अच्छे हों बुरी संगत का फल तो भोगना ही पड़ता है" तेरी यह बात गाँठ बाँध ली मैंने, अब बुरी संगत छोड़ दूंगा माँ"</span></p>
<p><span>बात तो सही है आजकल का माहौल ख़राब हो गया है!</span></p>
<p><span>"संस्कार चाहे जितने भी अच्छे हों बुरी संगत का फल तो भोगना ही पड़ता है" तेरी यह बात गाँठ बाँध ली मैंने, अब बुरी संगत छोड़ दूंगा माँ"</span></p>
<p><span>बात तो सही है आजकल का माहौल ख़राब हो गया है!</span></p> जी भैया ...शुक्रियाtag:openbooksonline.com,2014-08-15:5170231:Comment:5674652014-08-15T16:09:39.807Zsavitamishrahttp://openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>जी भैया ...शुक्रिया</p>
<p>जी भैया ...शुक्रिया</p> आपने कहा है आदरणीया, कि आप ले…tag:openbooksonline.com,2014-08-15:5170231:Comment:5676482014-08-15T14:49:04.283ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपने कहा है आदरणीया, कि आप लेखन-अभ्यास कर रही हैं. तो यह आपकी शुरुआत हुई न ?<br/>फिर शुरुआत के आगे धीरे-धीरे बहुत कुछ स्पष्ट होता जायेगा. आप सतत दीर्घकालिक अभ्यासकर्म करें. और टिप्पणियों के माध्यम से कही गयी बातों को सीधे दिल पर न लेकर प्रयास के क्रम में मार्गदर्शन की तरह लें.</p>
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<p>आपकी अन्यान्य रचनाओं की प्रतीक्षा रहेगी. <br/>शुभ-शुभ<br/> </p>
<p>आपने कहा है आदरणीया, कि आप लेखन-अभ्यास कर रही हैं. तो यह आपकी शुरुआत हुई न ?<br/>फिर शुरुआत के आगे धीरे-धीरे बहुत कुछ स्पष्ट होता जायेगा. आप सतत दीर्घकालिक अभ्यासकर्म करें. और टिप्पणियों के माध्यम से कही गयी बातों को सीधे दिल पर न लेकर प्रयास के क्रम में मार्गदर्शन की तरह लें.</p>
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<p>आपकी अन्यान्य रचनाओं की प्रतीक्षा रहेगी. <br/>शुभ-शुभ<br/> </p> सौरभ पाण्डेय भैया सादर नमस्ते…tag:openbooksonline.com,2014-08-15:5170231:Comment:5675372014-08-15T14:34:57.690Zsavitamishrahttp://openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>सौरभ पाण्डेय भैया सादर नमस्ते ..दिल से आभारी हैं हम आपके ....हमें लिखने की कला का ज्यादा ज्ञान नहीं ...वैसे आप क्या बताना चाहे हम यह भी समझ नहीं पाए क्या असंयत हुए है कहीं</p>
<p>सौरभ पाण्डेय भैया सादर नमस्ते ..दिल से आभारी हैं हम आपके ....हमें लिखने की कला का ज्यादा ज्ञान नहीं ...वैसे आप क्या बताना चाहे हम यह भी समझ नहीं पाए क्या असंयत हुए है कहीं</p> आप द्वारा लघुकथा पर हुआ प्रया…tag:openbooksonline.com,2014-08-14:5170231:Comment:5671782014-08-14T17:54:27.147ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आप द्वारा लघुकथा पर हुआ प्रयास आशान्वित कर रहा है. लघुकथा कहने के क्रम में शब्दों से अधिक संयत रहने की आवश्यकता हुआ करती है. संभवतः यह आपकी पहली कथा है, आदरणीया. अतः अभी बधाई स्वीकार करें.</p>
<p>शुभेच्छाएँ.</p>
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<p>आप द्वारा लघुकथा पर हुआ प्रयास आशान्वित कर रहा है. लघुकथा कहने के क्रम में शब्दों से अधिक संयत रहने की आवश्यकता हुआ करती है. संभवतः यह आपकी पहली कथा है, आदरणीया. अतः अभी बधाई स्वीकार करें.</p>
<p>शुभेच्छाएँ.</p>
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<p></p> धन्यवाद आपकाtag:openbooksonline.com,2014-08-13:5170231:Comment:5672302014-08-13T14:52:39.204Zsavitamishrahttp://openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>धन्यवाद आपका</p>
<p>धन्यवाद आपका</p> आदरणीया सविता जी,
इस मंच पर…tag:openbooksonline.com,2014-08-13:5170231:Comment:5671442014-08-13T12:41:15.599ZShubhranshu Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/ShubhranshuPandey
<p>आदरणीया सविता जी, </p>
<p>इस मंच पर हम सभी सीखते है, और ये मंच ही तारीफ़ के साथ साथ सिखाने की बात करता है. अन्य जगह केवल वाहवाही मिलती है.</p>
<p>सुधीजन अपने विचार अवश्य देंगे..</p>
<p>सादर.</p>
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<p>आदरणीया सविता जी, </p>
<p>इस मंच पर हम सभी सीखते है, और ये मंच ही तारीफ़ के साथ साथ सिखाने की बात करता है. अन्य जगह केवल वाहवाही मिलती है.</p>
<p>सुधीजन अपने विचार अवश्य देंगे..</p>
<p>सादर.</p>
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