Comments - मैं कफ़न में लिपटी इक तस्वीर मढ़ रहा हूँ - Open Books Online2024-03-29T11:36:22Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A584619&xn_auth=noभूख की कलम से, मैं पेट के पन्…tag:openbooksonline.com,2014-11-03:5170231:Comment:5853442014-11-03T04:30:25.940Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>भूख की कलम से, मैं पेट के पन्नों पर,,</p>
<p>बेबस गरीबी की इक कहानी गढ़ रहा हूँ । -----बहुत मार्मिक और सार्थक भाव रचना के लिए बधाई </p>
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<p>भूख की कलम से, मैं पेट के पन्नों पर,,</p>
<p>बेबस गरीबी की इक कहानी गढ़ रहा हूँ । -----बहुत मार्मिक और सार्थक भाव रचना के लिए बधाई </p>
<p></p> कानून क्यों है बेबस?यही खुद स…tag:openbooksonline.com,2014-11-01:5170231:Comment:5851202014-11-01T14:48:04.326Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>कानून क्यों है बेबस?यही खुद से बूझते मैं,</p>
<p>इंसाफ की डगर पर ऐड़ी रगड़ रहा हूँ ----------- बहुत सुन्दर , आदरनीय ग़ज़ल के लिये और इस शे र के लिये बधाइयाँ ।</p>
<p>कानून क्यों है बेबस?यही खुद से बूझते मैं,</p>
<p>इंसाफ की डगर पर ऐड़ी रगड़ रहा हूँ ----------- बहुत सुन्दर , आदरनीय ग़ज़ल के लिये और इस शे र के लिये बधाइयाँ ।</p> wah wah rachna
tag:openbooksonline.com,2014-10-31:5170231:Comment:5849292014-10-31T18:47:04.769Zajay sharmahttp://openbooksonline.com/profile/ajaysharma234
<p>wah wah rachna </p>
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<p>wah wah rachna </p>
<p></p> मैं कफ़न में लिपटी इक तस्वीर म…tag:openbooksonline.com,2014-10-31:5170231:Comment:5846582014-10-31T06:22:19.074ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>मैं कफ़न में लिपटी इक तस्वीर मढ़ रहा हूँ,<br/>हुकूमत के मुंह पर इक तमाचा जड़ रहा हूँ । … वर्तमान सन्दर्भ में सुंदर ग़ज़ल … हार्दिक बधाई</p>
<p>मैं कफ़न में लिपटी इक तस्वीर मढ़ रहा हूँ,<br/>हुकूमत के मुंह पर इक तमाचा जड़ रहा हूँ । … वर्तमान सन्दर्भ में सुंदर ग़ज़ल … हार्दिक बधाई</p> इंसाफ की डगर पर ऐड़ी रगड़ रहा ह…tag:openbooksonline.com,2014-10-30:5170231:Comment:5844712014-10-30T15:34:48.549ZSaarthi Baidyanathhttp://openbooksonline.com/profile/saarthibaidyanath
<p><span>इंसाफ की डगर पर ऐड़ी रगड़ रहा हूँ । ...लाजवाब ! बहुत बढ़िया जी !</span></p>
<p><span>इंसाफ की डगर पर ऐड़ी रगड़ रहा हूँ । ...लाजवाब ! बहुत बढ़िया जी !</span></p>