Comments - दोहे १८(विविधा) - Open Books Online2024-03-29T01:53:32Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A586282&xn_auth=noबहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिरा…tag:openbooksonline.com,2014-11-13:5170231:Comment:5873502014-11-13T09:13:50.128Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p><span>बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी///सादर </span></p>
<p><span>बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी///सादर </span></p> अमूल्य सुझाव हेतु बहुत बहुत…tag:openbooksonline.com,2014-11-13:5170231:Comment:5874122014-11-13T09:13:07.184Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p><span>अमूल्य सुझाव हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी जी///सादर </span></p>
<p><span>अमूल्य सुझाव हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी जी///सादर </span></p> बहुत बहुत आभार आदरणीय विजय श…tag:openbooksonline.com,2014-11-13:5170231:Comment:5872062014-11-13T09:11:49.269Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय विजय शंकर जी///सादर </p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय विजय शंकर जी///सादर </p> अमूल्य सुझाव व् अनुमोदन हेतु…tag:openbooksonline.com,2014-11-13:5170231:Comment:5874112014-11-13T09:11:00.471Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p>अमूल्य सुझाव व् अनुमोदन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया प्राची जी///सादर </p>
<p>अमूल्य सुझाव व् अनुमोदन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया प्राची जी///सादर </p> अमूल्य सुझाव व् अनुमोदन हेतु…tag:openbooksonline.com,2014-11-13:5170231:Comment:5871042014-11-13T09:09:48.122Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p>अमूल्य सुझाव व् अनुमोदन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण जी///सादर </p>
<p>अमूल्य सुझाव व् अनुमोदन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण जी///सादर </p> प्रिय राम शिरोमणि जी
सभी दोह…tag:openbooksonline.com,2014-11-12:5170231:Comment:5870052014-11-12T04:19:09.770ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>प्रिय राम शिरोमणि जी </p>
<p>सभी दोहों में बहुत सुन्दर बात कही है आपने...</p>
<p>तीसरे दोहे में आतंरिक शब्द संयोजन को एक बार पुनः अवश्य ही देखें और बताएं की गेयता क्यों और कहाँ बाधित हो रही है..पांचवे दोहे पर तो आदरणीय प्रधान सम्पादक जी बहुत स्पष्ट रूप में अपेक्षित सुधार इंगित कर ही चुके हैं.</p>
<p></p>
<p>आपको सतत गंभीर अभ्यास करते देखना बहुत सुखद लगता है.</p>
<p>शुभ कामनाएं </p>
<p>प्रिय राम शिरोमणि जी </p>
<p>सभी दोहों में बहुत सुन्दर बात कही है आपने...</p>
<p>तीसरे दोहे में आतंरिक शब्द संयोजन को एक बार पुनः अवश्य ही देखें और बताएं की गेयता क्यों और कहाँ बाधित हो रही है..पांचवे दोहे पर तो आदरणीय प्रधान सम्पादक जी बहुत स्पष्ट रूप में अपेक्षित सुधार इंगित कर ही चुके हैं.</p>
<p></p>
<p>आपको सतत गंभीर अभ्यास करते देखना बहुत सुखद लगता है.</p>
<p>शुभ कामनाएं </p> खुद को भी आवाज़ दे,खुद को ज़रा…tag:openbooksonline.com,2014-11-11:5170231:Comment:5867912014-11-11T03:50:32.764Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>खुद को भी आवाज़ दे,खुद को ज़रा पुकार!<br/>एक रात तू भी कभी,खुद के साथ गुजार -- बहुत खूब , आदरणीय राम भाई बधाइयाँ ।</p>
<p>खुद को भी आवाज़ दे,खुद को ज़रा पुकार!<br/>एक रात तू भी कभी,खुद के साथ गुजार -- बहुत खूब , आदरणीय राम भाई बधाइयाँ ।</p> दोहों पर बढ़िया प्रयास है विद्…tag:openbooksonline.com,2014-11-10:5170231:Comment:5866832014-11-10T16:14:14.798Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>दोहों पर बढ़िया प्रयास है विद्वद्जनो के सुझाव काबिले गौर हैं जो आप अवश्य ठीक कर लेंगे ,हार्दिक बधाई आपको </p>
<p>दोहों पर बढ़िया प्रयास है विद्वद्जनो के सुझाव काबिले गौर हैं जो आप अवश्य ठीक कर लेंगे ,हार्दिक बधाई आपको </p> रिश्ते भी अब हो गये'ज्यों दैन…tag:openbooksonline.com,2014-11-10:5170231:Comment:5867602014-11-10T15:38:25.493ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
<p>रिश्ते भी अब हो गये'ज्यों दैनिक अखबार।<br/>आज पढ़ लिया प्रेम से'कल फिर से बेकार।<br/>बहुत सुन्दर एवं सटीक दोहे हैं.रचना के लिए बधाई।</p>
<p>रिश्ते भी अब हो गये'ज्यों दैनिक अखबार।<br/>आज पढ़ लिया प्रेम से'कल फिर से बेकार।<br/>बहुत सुन्दर एवं सटीक दोहे हैं.रचना के लिए बधाई।</p> आदरणीय योगराज जी अमूल्य सुझाव…tag:openbooksonline.com,2014-11-10:5170231:Comment:5867272014-11-10T09:14:16.481Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
आदरणीय योगराज जी अमूल्य सुझाव हेतु बहुत आभार आपका।।सादर
आदरणीय योगराज जी अमूल्य सुझाव हेतु बहुत आभार आपका।।सादर