Comments - कविता जब तुम,होती हो संग-संग - Open Books Online2024-03-28T20:39:12Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A591619&xn_auth=noआपका बहुत - बहुत धन्यवाद आदरण…tag:openbooksonline.com,2014-12-02:5170231:Comment:5922352014-12-02T14:29:49.175ZHari Prakash Dubeyhttp://openbooksonline.com/profile/HariPrakashDubey
<p><span>आपका बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी !</span></p>
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<p><span>आपका बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी !</span></p>
<p></p> आदरणीय दुबे जी सुन्दर प्रस्तु…tag:openbooksonline.com,2014-12-02:5170231:Comment:5920612014-12-02T07:50:07.790Zram shiromani pathakhttp://openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p>आदरणीय दुबे जी सुन्दर प्रस्तुति //बधाई आपको </p>
<p>आदरणीय दुबे जी सुन्दर प्रस्तुति //बधाई आपको </p> रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के ल…tag:openbooksonline.com,2014-12-01:5170231:Comment:5918062014-12-01T15:10:31.684ZHari Prakash Dubeyhttp://openbooksonline.com/profile/HariPrakashDubey
<p>रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी !</p>
<p>रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी !</p> सुन्दर प्रस्तुति बहुत बहुत बध…tag:openbooksonline.com,2014-12-01:5170231:Comment:5916052014-12-01T12:57:05.129Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>सुन्दर प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई आपको </p>
<p>सुन्दर प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई आपको </p> आदरणीय डॉक्टर साहब ,आपका हार्…tag:openbooksonline.com,2014-12-01:5170231:Comment:5917922014-12-01T07:25:06.986ZHari Prakash Dubeyhttp://openbooksonline.com/profile/HariPrakashDubey
<p>आदरणीय डॉक्टर साहब ,आपका हार्दिक आभार ,मैं हिंदी भाषा का छात्र तो नहीं रहा ,न ही आप लोगों जैसा लिख पता हूँ ,पर आप जैसे लोगों के स्नेह से अभिभूत हो जाता हूँ ,प्रेरणा देने के लिए आपका हृदय से आभार ,सादर !</p>
<p>आदरणीय डॉक्टर साहब ,आपका हार्दिक आभार ,मैं हिंदी भाषा का छात्र तो नहीं रहा ,न ही आप लोगों जैसा लिख पता हूँ ,पर आप जैसे लोगों के स्नेह से अभिभूत हो जाता हूँ ,प्रेरणा देने के लिए आपका हृदय से आभार ,सादर !</p> जीवन जीने का चाव
जहां उग जाता…tag:openbooksonline.com,2014-12-01:5170231:Comment:5915862014-12-01T05:20:05.683Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>जीवन जीने का चाव</p>
<p>जहां उग जाता है</p>
<p>कविता कहने का भाव</p>
<p>वहाँ से आता है--------------- शुभान अल्लाह i</p>
<p>जीवन जीने का चाव</p>
<p>जहां उग जाता है</p>
<p>कविता कहने का भाव</p>
<p>वहाँ से आता है--------------- शुभान अल्लाह i</p> आदरणीय श्री गणेश जी "बागी "सा…tag:openbooksonline.com,2014-11-30:5170231:Comment:5916742014-11-30T15:49:07.378ZHari Prakash Dubeyhttp://openbooksonline.com/profile/HariPrakashDubey
<p>आदरणीय श्री गणेश जी "बागी "<span>सार्थक </span><span>प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार,</span> एवं आपके मागदर्शन के लिए भी ! सादर !</p>
<p>आदरणीय श्री गणेश जी "बागी "<span>सार्थक </span><span>प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार,</span> एवं आपके मागदर्शन के लिए भी ! सादर !</p> सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आप…tag:openbooksonline.com,2014-11-30:5170231:Comment:5916722014-11-30T15:44:44.256ZHari Prakash Dubeyhttp://openbooksonline.com/profile/HariPrakashDubey
<p><span>सार्थक </span><span>प्रतिक्रिया के लिए आपका आभार सोमेश भाई !</span></p>
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<p><span>सार्थक </span><span>प्रतिक्रिया के लिए आपका आभार सोमेश भाई !</span></p>
<p></p> सुन्दर भाव, तनिक और मांजने की…tag:openbooksonline.com,2014-11-30:5170231:Comment:5917452014-11-30T10:07:10.774ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>सुन्दर भाव, तनिक और मांजने की जरुरत है, बधाई इस प्रयास पर।</p>
<p>सुन्दर भाव, तनिक और मांजने की जरुरत है, बधाई इस प्रयास पर।</p> शायद एक लेखक का जीवन यही है ज…tag:openbooksonline.com,2014-11-30:5170231:Comment:5916542014-11-30T04:01:41.068Zsomesh kumarhttp://openbooksonline.com/profile/someshkuar
<p>शायद एक लेखक का जीवन यही है जोदेखा/पढ़ा /महसूस किया उसे रचना में संजो लिया ,सुंदर प्रयास </p>
<p>शायद एक लेखक का जीवन यही है जोदेखा/पढ़ा /महसूस किया उसे रचना में संजो लिया ,सुंदर प्रयास </p>