Comments - लघुकथा : विरोध (गणेश जी बागी) - Open Books Online2024-03-29T13:37:06Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A643765&xn_auth=noहाहा हा।वाह्ह्ह्ह् !अब विरोधी…tag:openbooksonline.com,2016-01-18:5170231:Comment:7324732016-01-18T13:18:17.459Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
हाहा हा।वाह्ह्ह्ह् !अब विरोधी दल के नेता का तो यही कर्तव्य है।बेहतरीन कटाक्ष।बधाई आदरणीय।
हाहा हा।वाह्ह्ह्ह् !अब विरोधी दल के नेता का तो यही कर्तव्य है।बेहतरीन कटाक्ष।बधाई आदरणीय। वाह !!! का विरोधी दलवा के ई न…tag:openbooksonline.com,2015-06-16:5170231:Comment:6653832015-06-16T18:31:08.331Zkanta royhttp://openbooksonline.com/profile/kantaroy
वाह !!! का विरोधी दलवा के ई नेता होईहै । बहुत ही सुंदर और सार्थक लघुकथा ....... बहुत बढिया है जी यह आदरणीय गणेश जी बागी जी .... बधाई हो
वाह !!! का विरोधी दलवा के ई नेता होईहै । बहुत ही सुंदर और सार्थक लघुकथा ....... बहुत बढिया है जी यह आदरणीय गणेश जी बागी जी .... बधाई हो आदरणीय सौरभ भईया, लघुकथा पर आ…tag:openbooksonline.com,2015-04-23:5170231:Comment:6444472015-04-23T05:34:50.721ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय सौरभ भईया, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति इसके होने को सार्थक कर गयी, बहुत बहुत आभार.</p>
<p>आदरणीय सौरभ भईया, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति इसके होने को सार्थक कर गयी, बहुत बहुत आभार.</p> आदरणीय गिरिराज भंडारी भाई साह…tag:openbooksonline.com,2015-04-23:5170231:Comment:6444462015-04-23T05:34:01.694ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय गिरिराज भंडारी भाई साहब, लघुकथा को सराहने हेतु बहुत बहुत आभार.</p>
<p>आदरणीय गिरिराज भंडारी भाई साहब, लघुकथा को सराहने हेतु बहुत बहुत आभार.</p> आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी, आ…tag:openbooksonline.com,2015-04-23:5170231:Comment:6445152015-04-23T05:31:37.110ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी, आप द्वारा लघुकथा पर उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार.</p>
<p>आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी, आप द्वारा लघुकथा पर उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार.</p> आदरणीय सर, सादर अभिवादन! क्या…tag:openbooksonline.com,2015-04-22:5170231:Comment:6441822015-04-22T15:37:39.576ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>आदरणीय सर, सादर अभिवादन! क्या कहूँ, आज के माहौल में सटीक बात तो है ही.। लघुकथा का मर्म भी आप अच्छी तरह समझाते है </p>
<p>आदरणीय सर, सादर अभिवादन! क्या कहूँ, आज के माहौल में सटीक बात तो है ही.। लघुकथा का मर्म भी आप अच्छी तरह समझाते है </p> सीधी बात.. तीखा कटाक्ष..
यही…tag:openbooksonline.com,2015-04-22:5170231:Comment:6442802015-04-22T12:28:21.215ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>सीधी बात.. तीखा कटाक्ष..</p>
<p>यही एक विरोध का कारण रह गया है कि संज्ञावत कोई व्यक्ति विरोधी पक्ष में है. न दायित्व निर्वहन के भाव, न जनता के लाभ की चिन्ता. बस हर सही-न सही बातों का विरोध.</p>
<p></p>
<p>लघुकथा के माध्यम से चुटीली शैली में आपने आज की राजनीति के सबसे लापरवाह पक्ष को साझा किया, भाई गणॆशजी ..</p>
<p>हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाइयाँ</p>
<p>सीधी बात.. तीखा कटाक्ष..</p>
<p>यही एक विरोध का कारण रह गया है कि संज्ञावत कोई व्यक्ति विरोधी पक्ष में है. न दायित्व निर्वहन के भाव, न जनता के लाभ की चिन्ता. बस हर सही-न सही बातों का विरोध.</p>
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<p>लघुकथा के माध्यम से चुटीली शैली में आपने आज की राजनीति के सबसे लापरवाह पक्ष को साझा किया, भाई गणॆशजी ..</p>
<p>हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाइयाँ</p> सराहना हेतु आभार आदरणीय मोहन…tag:openbooksonline.com,2015-04-22:5170231:Comment:6443492015-04-22T11:58:04.985ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>सराहना हेतु आभार आदरणीय मोहन सेठी जी.</p>
<p>सराहना हेतु आभार आदरणीय मोहन सेठी जी.</p> आदरणीय मिथिलेश जी, लघुकथा पर…tag:openbooksonline.com,2015-04-22:5170231:Comment:6441802015-04-22T11:52:48.829ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय मिथिलेश जी, लघुकथा पर आपका आगमन और सराहना दोनों मुग्धकारी है, बहुत बहुत आभार.</p>
<p>आदरणीय मिथिलेश जी, लघुकथा पर आपका आगमन और सराहना दोनों मुग्धकारी है, बहुत बहुत आभार.</p> बहुत बहुत आभार आदरणीया महिमा…tag:openbooksonline.com,2015-04-22:5170231:Comment:6441792015-04-22T11:51:03.331ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीया महिमा जी.</p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीया महिमा जी.</p>