Comments - मेरी ज़िन्दगी के हसीन पल____Manoj kumar ahsaas - Open Books Online2024-03-28T20:03:50Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A671357&xn_auth=noइस प्रयास के लिए हार्दिक शुभक…tag:openbooksonline.com,2015-07-08:5170231:Comment:6742212015-07-08T13:25:34.142ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>इस प्रयास के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ मनोज अहसासजी. अभिव्यक्ति को कसावट देते रहें. व्याकरण की अशुद्धियों के प्रति सचेत रहना सबसे अधिक आवश्यक है. <br/>शुभेच्छाएँ<br/><br/></p>
<p>इस प्रयास के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ मनोज अहसासजी. अभिव्यक्ति को कसावट देते रहें. व्याकरण की अशुद्धियों के प्रति सचेत रहना सबसे अधिक आवश्यक है. <br/>शुभेच्छाएँ<br/><br/></p> बहुत आभार
नमन
शुक्रिया
सादरtag:openbooksonline.com,2015-07-03:5170231:Comment:6724322015-07-03T08:34:48.226Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
बहुत आभार<br />
नमन<br />
शुक्रिया<br />
<br />
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सादर
बहुत आभार<br />
नमन<br />
शुक्रिया<br />
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सादर हर दिल को इंतजार रहता है किसी…tag:openbooksonline.com,2015-07-03:5170231:Comment:6724152015-07-03T04:33:26.661Zkanta royhttp://openbooksonline.com/profile/kantaroy
हर दिल को इंतजार रहता है किसी का शिद्दत से लेकिन इंतजार हद के बाहर निकल जाती है तो बिलकुल ऐसा ही लगता है कि बाद में उसका आना ,पाना पाने सा नहीं लगता है ।<br />
जज्बातों को बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति दी है आपने आदरणीय मनोज कुमार एहसास जी .... बधाई इस सुंदरतम रचना के लिए
हर दिल को इंतजार रहता है किसी का शिद्दत से लेकिन इंतजार हद के बाहर निकल जाती है तो बिलकुल ऐसा ही लगता है कि बाद में उसका आना ,पाना पाने सा नहीं लगता है ।<br />
जज्बातों को बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति दी है आपने आदरणीय मनोज कुमार एहसास जी .... बधाई इस सुंदरतम रचना के लिए आप सभी आदरणीय मित्रों का बहुत…tag:openbooksonline.com,2015-07-03:5170231:Comment:6722452015-07-03T02:19:11.976Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
आप सभी आदरणीय मित्रों का बहुत आभार<br />
शुक्रिया<br />
मेहरबानी<br />
इस तनहा सफ़र में आप का साथ और सदभावना की बेहद ज़रूरत है<br />
सादर
आप सभी आदरणीय मित्रों का बहुत आभार<br />
शुक्रिया<br />
मेहरबानी<br />
इस तनहा सफ़र में आप का साथ और सदभावना की बेहद ज़रूरत है<br />
सादर आदरणीय मनोज भाई जी, बहुत ही स…tag:openbooksonline.com,2015-07-02:5170231:Comment:6720772015-07-02T18:48:45.172Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooksonline.com/profile/mw
<p><span><span>आदरणीय मनोज भाई <span>जी, </span></span>बहुत ही सुन्दर कविता है ..... <span>हार्दिक बधाई !</span></span></p>
<p><span><span>आदरणीय मनोज भाई <span>जी, </span></span>बहुत ही सुन्दर कविता है ..... <span>हार्दिक बधाई !</span></span></p> इश्क़ के कतरे मुकद्दर में कभी…tag:openbooksonline.com,2015-07-02:5170231:Comment:6720712015-07-02T17:57:22.758Zmaharshi tripathihttp://openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p><span>इश्क़ के कतरे मुकद्दर में कभी थे ही नहीं</span><br/><span>चंद समझोते थे</span><br/><span>जो तेरी आहटों से</span><br/><span>मोजुदगी से</span><br/><span>कैद हो गए ज़रूरतो के मकानों में,,,,,,,,,,वाह!!,,अत्यंत सुन्दर,,बधाई आ.<span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas" class="fn url">Manoj kumar Ahsaas</a> जी |</span></p>
<p><span>इश्क़ के कतरे मुकद्दर में कभी थे ही नहीं</span><br/><span>चंद समझोते थे</span><br/><span>जो तेरी आहटों से</span><br/><span>मोजुदगी से</span><br/><span>कैद हो गए ज़रूरतो के मकानों में,,,,,,,,,,वाह!!,,अत्यंत सुन्दर,,बधाई आ.<span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas" class="fn url">Manoj kumar Ahsaas</a> जी |</span></p> भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति.…tag:openbooksonline.com,2015-07-02:5170231:Comment:6723142015-07-02T16:13:21.343Zshree suneelhttp://openbooksonline.com/profile/shreesuneel
भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति... . अच्छी प्रस्तुति आदरणीय मनोज भाई. बधाई हो!
भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति... . अच्छी प्रस्तुति आदरणीय मनोज भाई. बधाई हो! बहुत आभार भाई मिश्रा जी
सादरtag:openbooksonline.com,2015-07-02:5170231:Comment:6722102015-07-02T16:02:10.705Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
बहुत आभार भाई मिश्रा जी<br />
सादर
बहुत आभार भाई मिश्रा जी<br />
सादर आदरणीया परी जी
हार्दिक आभारtag:openbooksonline.com,2015-07-02:5170231:Comment:6720642015-07-02T16:00:56.097Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
आदरणीया परी जी<br />
हार्दिक आभार
आदरणीया परी जी<br />
हार्दिक आभार आदरणीय राहुल जी हार्दिक आभार…tag:openbooksonline.com,2015-07-02:5170231:Comment:6719022015-07-02T15:59:26.036Zमनोज अहसासhttp://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
आदरणीय राहुल जी हार्दिक आभार<br />
सर हमे तो शिल्प के विषय कुछ पता नहीं है<br />
बस ऎसे ही लिख दिया<br />
सादर
आदरणीय राहुल जी हार्दिक आभार<br />
सर हमे तो शिल्प के विषय कुछ पता नहीं है<br />
बस ऎसे ही लिख दिया<br />
सादर