Comments - परपोते की चाह (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-28T11:16:31Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A671797&xn_auth=noआदरणीया परी जी, उत्साह वर्धन…tag:openbooksonline.com,2015-07-05:5170231:Comment:6728732015-07-05T07:05:15.377ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>आदरणीया परी जी, उत्साह वर्धन हेतु आपका हार्दिक अन्हार!</p>
<p>आदरणीया परी जी, उत्साह वर्धन हेतु आपका हार्दिक अन्हार!</p> आदरणीय कृष्ण मिश्र जी, सादर अ…tag:openbooksonline.com,2015-07-05:5170231:Comment:6730212015-07-05T07:00:38.082ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>आदरणीय कृष्ण मिश्र जी, सादर अभिवादन! मैं समझ सकता हूँ, लघुकथा की पञ्च लाइन उतनी जानदार नहीं हो सकी ...आगे से और कोशिश करूंगा, आपकी सुझाव और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार!</p>
<p>आदरणीय कृष्ण मिश्र जी, सादर अभिवादन! मैं समझ सकता हूँ, लघुकथा की पञ्च लाइन उतनी जानदार नहीं हो सकी ...आगे से और कोशिश करूंगा, आपकी सुझाव और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार!</p> बधाई आपको बहुत उम्दा प्रस्तुतिtag:openbooksonline.com,2015-07-04:5170231:Comment:6725502015-07-04T04:42:52.035ZPari M Shlokhttp://openbooksonline.com/profile/PariMShlok
बधाई आपको बहुत उम्दा प्रस्तुति
बधाई आपको बहुत उम्दा प्रस्तुति बधाई आपको बहुत उम्दा प्रस्तुतिtag:openbooksonline.com,2015-07-04:5170231:Comment:6725482015-07-04T04:42:49.170ZPari M Shlokhttp://openbooksonline.com/profile/PariMShlok
बधाई आपको बहुत उम्दा प्रस्तुति
बधाई आपको बहुत उम्दा प्रस्तुति सुन्दर! लघुकथा बधाई आदरणीय!
ब…tag:openbooksonline.com,2015-07-03:5170231:Comment:6724632015-07-03T15:21:03.585ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p><span lang="HI" xml:lang="HI">सुन्दर! लघुकथा बधाई आदरणीय!</span></p>
<p><span lang="HI" xml:lang="HI">बच्चे की जल्दी नहीं, (विचार वाला) बंटी अपनी कामकाजी पत्नी की तरफ देख मुस्कुरा पड़ा. <br/></span></p>
<p><span lang="HI" xml:lang="HI">इस पंक्ति के और बेहतर होने की संभावना रह गयी है!<br/></span></p>
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<p><span lang="HI" xml:lang="HI">सुन्दर! लघुकथा बधाई आदरणीय!</span></p>
<p><span lang="HI" xml:lang="HI">बच्चे की जल्दी नहीं, (विचार वाला) बंटी अपनी कामकाजी पत्नी की तरफ देख मुस्कुरा पड़ा. <br/></span></p>
<p><span lang="HI" xml:lang="HI">इस पंक्ति के और बेहतर होने की संभावना रह गयी है!<br/></span></p>
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