Comments - शादी की ज्यामितीय परिभाषा - Open Books Online2024-03-28T09:57:24Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A678073&xn_auth=noआदरणीया कांता रॉय जी, सादर अभ…tag:openbooksonline.com,2015-07-20:5170231:Comment:6789632015-07-20T14:17:53.266ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>आदरणीया कांता रॉय जी, सादर अभिवादन ! आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार। ।योन ही मैं एक दिन बैठे बैठे सोच रहा था। और यह भी जानना चाह रहा था कि लोगों की क्या राय बनती है इसपर ! बस और कुछ नहीं। सादर!</p>
<p>आदरणीया कांता रॉय जी, सादर अभिवादन ! आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार। ।योन ही मैं एक दिन बैठे बैठे सोच रहा था। और यह भी जानना चाह रहा था कि लोगों की क्या राय बनती है इसपर ! बस और कुछ नहीं। सादर!</p> आदरणीय समर कबीर साहब, सादर अभ…tag:openbooksonline.com,2015-07-20:5170231:Comment:6791182015-07-20T14:13:19.274ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>आदरणीय समर कबीर साहब, सादर अभिवादन! उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार!</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहब, सादर अभिवादन! उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार!</p> शीर्षक पर नजर पडते ही कि शादी…tag:openbooksonline.com,2015-07-20:5170231:Comment:6789482015-07-20T11:57:57.314Zkanta royhttp://openbooksonline.com/profile/kantaroy
शीर्षक पर नजर पडते ही कि शादी की ज्यामितीय परिभाषा मन में रचना को पढने की उत्कंठा जाग उठी । दो सरल रेखाओं का एकाकार हो शुन्य को पहुँच जाना और फिर शुन्यतासे दो अलग अलग विपरीत दिशाओं में ....... वाह !!!!बधाई इस सटीक चित्रण के लिये आदरणीय जवाहर लाल जी ।
शीर्षक पर नजर पडते ही कि शादी की ज्यामितीय परिभाषा मन में रचना को पढने की उत्कंठा जाग उठी । दो सरल रेखाओं का एकाकार हो शुन्य को पहुँच जाना और फिर शुन्यतासे दो अलग अलग विपरीत दिशाओं में ....... वाह !!!!बधाई इस सटीक चित्रण के लिये आदरणीय जवाहर लाल जी । जनाब जवाहर लाल सिंह जी,आदाब,स…tag:openbooksonline.com,2015-07-20:5170231:Comment:6789382015-07-20T09:16:18.358ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब जवाहर लाल सिंह जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
जनाब जवाहर लाल सिंह जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें । हार्दिक आभार आदरणीय अग्रज तुल…tag:openbooksonline.com,2015-07-19:5170231:Comment:6784062015-07-19T03:58:35.520ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अग्रज तुल्य कुशवाहा जी! बस ऐसे ही मन में ख्याल आया ...कुछ प्रतिशत तो सच्चाई होगी कहीं न कहीं ....</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अग्रज तुल्य कुशवाहा जी! बस ऐसे ही मन में ख्याल आया ...कुछ प्रतिशत तो सच्चाई होगी कहीं न कहीं ....</p> सराहना के लिए हार्दिक आभार अम…tag:openbooksonline.com,2015-07-19:5170231:Comment:6785632015-07-19T03:56:44.961ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>सराहना के लिए हार्दिक आभार अमन कुमार जी!</p>
<p>सराहना के लिए हार्दिक आभार अमन कुमार जी!</p> वाह अनुज श्री आदरणीय सिंह साह…tag:openbooksonline.com,2015-07-18:5170231:Comment:6784962015-07-18T18:06:24.462ZPRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHAhttp://openbooksonline.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA
<p>वाह अनुज श्री आदरणीय सिंह साहब जी </p>
<p>अब ये भी , सादर बधाई </p>
<p>वाह अनुज श्री आदरणीय सिंह साहब जी </p>
<p>अब ये भी , सादर बधाई </p> बहुत सुंदर भाई साहब !tag:openbooksonline.com,2015-07-18:5170231:Comment:6782432015-07-18T07:34:55.175Zaman kumarhttp://openbooksonline.com/profile/amankumar
<p>बहुत सुंदर भाई साहब !</p>
<p>बहुत सुंदर भाई साहब !</p>