Comments - माँ ........इंतज़ार - Open Books Online2024-03-29T09:26:50Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A685309&xn_auth=noएक ज्वलंत मुद्दे पर अच्छी प्र…tag:openbooksonline.com,2015-08-07:5170231:Comment:6863772015-08-07T07:03:45.105ZTanuja Upretihttp://openbooksonline.com/profile/TanujaUpreti
<p>एक ज्वलंत मुद्दे पर अच्छी प्रस्तुति I बधाई मोहन जी </p>
<p>एक ज्वलंत मुद्दे पर अच्छी प्रस्तुति I बधाई मोहन जी </p> आदरणीय JAWAHAR LAL SINGH जी ह…tag:openbooksonline.com,2015-08-07:5170231:Comment:6865422015-08-07T07:00:15.734ZMohan Sethi 'इंतज़ार'http://openbooksonline.com/profile/MohanSethi
<p>आदरणीय JAWAHAR LAL SINGH जी हार्दिक आभार ...सादर </p>
<p>आदरणीय JAWAHAR LAL SINGH जी हार्दिक आभार ...सादर </p> आदरणीया kanta roy जी प्रोत्सा…tag:openbooksonline.com,2015-08-07:5170231:Comment:6865412015-08-07T06:59:30.742ZMohan Sethi 'इंतज़ार'http://openbooksonline.com/profile/MohanSethi
<p>आदरणीया kanta roy जी प्रोत्साहन के लिए तहे दिल से आभार....सादर </p>
<p>आदरणीया kanta roy जी प्रोत्साहन के लिए तहे दिल से आभार....सादर </p> गंगा तो पवित्र है ... क्या खू…tag:openbooksonline.com,2015-08-05:5170231:Comment:6859262015-08-05T18:04:01.624Zkanta royhttp://openbooksonline.com/profile/kantaroy
गंगा तो पवित्र है ... क्या खूब अभिव्यक्ति हुई है । बहुत सुंदर रचना आदरणीय मोहन सेठी इंतजार जी
गंगा तो पवित्र है ... क्या खूब अभिव्यक्ति हुई है । बहुत सुंदर रचना आदरणीय मोहन सेठी इंतजार जी बहुत ही सुन्दर भावनात्मक और व…tag:openbooksonline.com,2015-08-05:5170231:Comment:6856022015-08-05T14:48:07.584ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>बहुत ही सुन्दर भावनात्मक और व्यावहारिक पक्ष रक्खा है आपने, बधाई!</p>
<p>बहुत ही सुन्दर भावनात्मक और व्यावहारिक पक्ष रक्खा है आपने, बधाई!</p> आदरणीय कृष्णा जी आपकी सकारात्…tag:openbooksonline.com,2015-08-05:5170231:Comment:6857682015-08-05T13:10:51.085ZMohan Sethi 'इंतज़ार'http://openbooksonline.com/profile/MohanSethi
<p>आदरणीय कृष्णा जी आपकी सकारात्मक टिप्पणी पाकर हृदय प्रसन्न हुआ ...बहुत बहुत आभार आपका ...सादर </p>
<p>आदरणीय कृष्णा जी आपकी सकारात्मक टिप्पणी पाकर हृदय प्रसन्न हुआ ...बहुत बहुत आभार आपका ...सादर </p> वाह आ० इन्तजार सर! आपकी कविता…tag:openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6854482015-08-04T14:52:47.757ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>वाह आ० इन्तजार सर! आपकी कविताओं के भाव सदैव से निराला रहा है! और उसमें सार्थक विषयों ने एक नई चेतना जगा दी है! बहुत ही बेहतरीन सर! हार्दिक बधाई!</p>
<p>वाह आ० इन्तजार सर! आपकी कविताओं के भाव सदैव से निराला रहा है! और उसमें सार्थक विषयों ने एक नई चेतना जगा दी है! बहुत ही बेहतरीन सर! हार्दिक बधाई!</p> आदरणीय Neeraj Kumar 'Neer' जी…tag:openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6852902015-08-04T11:25:40.746ZMohan Sethi 'इंतज़ार'http://openbooksonline.com/profile/MohanSethi
<p>आदरणीय Neeraj Kumar 'Neer' जी आपका हार्दिक आभार एवं मंगलकामनाएँ...सादर </p>
<p>आदरणीय Neeraj Kumar 'Neer' जी आपका हार्दिक आभार एवं मंगलकामनाएँ...सादर </p> आदरणीय Sulabh Agnihotri जी हा…tag:openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6853562015-08-04T11:23:42.874ZMohan Sethi 'इंतज़ार'http://openbooksonline.com/profile/MohanSethi
<p>आदरणीय Sulabh Agnihotri जी हार्दिक आभार ...सादर </p>
<p>आदरणीय Sulabh Agnihotri जी हार्दिक आभार ...सादर </p> आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आपकी…tag:openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6852892015-08-04T11:22:35.780ZMohan Sethi 'इंतज़ार'http://openbooksonline.com/profile/MohanSethi
<p>आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आपकी <span lang="HI" xml:lang="HI">सकारात्मक टिप्पणी पाकर दिल ख़ुश हुआ ...बहुत बहुत धन्यवाद ...सादर </span></p>
<p>आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आपकी <span lang="HI" xml:lang="HI">सकारात्मक टिप्पणी पाकर दिल ख़ुश हुआ ...बहुत बहुत धन्यवाद ...सादर </span></p>