Comments - गज़ल - ग़म किसी का किसी की राहत है - गिरिराज भंडारी - Open Books Online2024-03-29T07:39:49Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A725485&xn_auth=no॥इस गज़ल को फीचर करने के लिये …tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7308642016-01-09T04:59:56.332Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p><strong><span style="text-decoration: underline;">॥</span><span style="text-decoration: underline;">इस गज़ल को फीचर करने के लिये आदरनीय मुख्य संपादक का तहे दिल से शुक्रिया ॥</span></strong></p>
<p><strong><span style="text-decoration: underline;">॥</span><span style="text-decoration: underline;">इस गज़ल को फीचर करने के लिये आदरनीय मुख्य संपादक का तहे दिल से शुक्रिया ॥</span></strong></p> आदरणीय लून करण भाई , हौसला अफ…tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7307912016-01-09T04:57:17.922Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय लून करण भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ।</p>
<p>आदरणीय लून करण भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ।</p> आदरणीय रवि भाई , गज़ल की सराहन…tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7309592016-01-09T04:56:40.246Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय रवि भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p>
<p>आदरणीय रवि भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p> आदरणीय गुमनाम भाई , आपका तहेद…tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7310452016-01-09T04:56:02.635Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय गुमनाम भाई , आपका तहेदिल से शुक्रिया गज़ल की तारीफ के लिये ।</p>
<p>आदरणीय गुमनाम भाई , आपका तहेदिल से शुक्रिया गज़ल की तारीफ के लिये ।</p> आदरनीय नीरज भाई , आपका हृदय स…tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7310442016-01-09T04:55:22.504Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरनीय नीरज भाई , आपका हृदय से आभार ।</p>
<p>आदरनीय नीरज भाई , आपका हृदय से आभार ।</p> आदरनीय मनन भाई , हौसला अफज़ाई…tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7307902016-01-09T04:54:49.127Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरनीय मनन भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ।</p>
<p>आदरनीय मनन भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ।</p> आदरणीय जयनित भाई , सराहना के…tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7309582016-01-09T04:54:21.260Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय जयनित भाई , सराहना के लिये आपका शुक्रिया ।</p>
<p>आदरणीय जयनित भाई , सराहना के लिये आपका शुक्रिया ।</p> आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , उत्…tag:openbooksonline.com,2016-01-09:5170231:Comment:7309572016-01-09T04:53:44.851Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , उत्साह वरधन के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p>
<p>आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , उत्साह वरधन के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p> हाँ, ख़ुदा भी कहीं पे है लेकिन…tag:openbooksonline.com,2016-01-08:5170231:Comment:7309132016-01-08T12:26:22.181ZLOON KARAN CHHAJERhttp://openbooksonline.com/profile/LOONKARANCHHAJER
<p>हाँ, ख़ुदा भी कहीं पे है लेकिन <br/><br/>देश हित ही सही इबादत है<br/><br/> बहुत अच्छी गजल के लिए साधुवाद।</p>
<p>हाँ, ख़ुदा भी कहीं पे है लेकिन <br/><br/>देश हित ही सही इबादत है<br/><br/> बहुत अच्छी गजल के लिए साधुवाद।</p> आदरणीय गिरिराज जी क्या खूब ग…tag:openbooksonline.com,2016-01-08:5170231:Comment:7308142016-01-08T12:04:45.622ZRavi Shuklahttp://openbooksonline.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय गिरिराज जी क्या खूब ग़ज़ल कही है आपने कुछ पंसदीदा बह्र में से एक यह भी है हमारी दिली दाद कुबूल करें इस ग़ज़ल के लिये । सादर</p>
<p>आदरणीय गिरिराज जी क्या खूब ग़ज़ल कही है आपने कुछ पंसदीदा बह्र में से एक यह भी है हमारी दिली दाद कुबूल करें इस ग़ज़ल के लिये । सादर</p>