Comments - गज़ल -अगर ग़लत है जहाँ में कोई, तो वो मैं हूँ --- गिरिराज भंडारी - Open Books Online2024-03-28T21:36:30Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A746970&xn_auth=noआदरणीय शिज्जु भाई , हौसला अफज़…tag:openbooksonline.com,2016-03-15:5170231:Comment:7503242016-03-15T05:03:59.022Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय शिज्जु भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।</p>
<p>आदरणीय शिज्जु भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।</p> आदरणीय मिथिलेश भाई , आपका तहे…tag:openbooksonline.com,2016-03-15:5170231:Comment:7502432016-03-15T05:03:28.359Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय मिथिलेश भाई , आपका तहे दिल से शुक्रिया ।</p>
<p>आदरणीय मिथिलेश भाई , आपका तहे दिल से शुक्रिया ।</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई आपका…tag:openbooksonline.com,2016-03-15:5170231:Comment:7501942016-03-15T05:02:54.349Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई आपका हृदय से आभारी हूँ ।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई आपका हृदय से आभारी हूँ ।</p> आदरणीय तेज़ वीर भाई , उत्साह व…tag:openbooksonline.com,2016-03-15:5170231:Comment:7501932016-03-15T05:02:19.589Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय तेज़ वीर भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p>
<p>आदरणीय तेज़ वीर भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p> आदरणीय बृजेश भाई , आपका तहे द…tag:openbooksonline.com,2016-03-15:5170231:Comment:7501922016-03-15T05:01:29.213Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय बृजेश भाई , आपका तहे दिल से शुक्रिया ।</p>
<p>आदरणीय बृजेश भाई , आपका तहे दिल से शुक्रिया ।</p> आदरनीय समर भाई , हौसला अफज़ाई…tag:openbooksonline.com,2016-03-15:5170231:Comment:7501912016-03-15T05:00:52.889Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरनीय समर भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया । आपकी सलाह के अनुसार दोनो बदलाव कर रहा हूँ , आपका आभार ।</p>
<p>आदरनीय समर भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया । आपकी सलाह के अनुसार दोनो बदलाव कर रहा हूँ , आपका आभार ।</p> आदरणीय श्यामभाई , गज़ल की सराह…tag:openbooksonline.com,2016-03-15:5170231:Comment:7503222016-03-15T04:59:51.011Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय श्यामभाई , गज़ल की सराहना के लिते आपका हार्दिक आभार ।</p>
<p>आदरणीय श्यामभाई , गज़ल की सराहना के लिते आपका हार्दिक आभार ।</p> वाहह कमाल की ग़ज़ल है बहुत बहुत…tag:openbooksonline.com,2016-03-13:5170231:Comment:7497912016-03-13T03:03:28.730Zशिज्जु "शकूर"http://openbooksonline.com/profile/ShijjuS
वाहह कमाल की ग़ज़ल है बहुत बहुत बधाई आपको
वाहह कमाल की ग़ज़ल है बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय गिरिराज सर, बहुत बढ़िया…tag:openbooksonline.com,2016-03-06:5170231:Comment:7476112016-03-06T18:01:46.556Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooksonline.com/profile/mw
<p>आदरणीय गिरिराज सर, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद कुबूल फरमाएं </p>
<p>आदरणीय गिरिराज सर, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद कुबूल फरमाएं </p> आ० भाई गिरिराज जी इस सुन्दर ग़…tag:openbooksonline.com,2016-03-05:5170231:Comment:7473492016-03-05T05:29:55.747Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ० भाई गिरिराज जी इस सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई l</p>
<p>आ० भाई गिरिराज जी इस सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई l</p>