Comments - गीत - Open Books Online2024-03-29T09:36:04Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A763082&xn_auth=noप्रेम है अधिकरण विश्व में सौख…tag:openbooksonline.com,2016-05-06:5170231:Comment:7634422016-05-06T13:10:51.786ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>प्रेम है अधिकरण विश्व में सौख्य का<br/>प्रेम सा दाह भी है किसी में नहीं<br/>यह हंसाता सदा यह रुलाता सदा <br/>इस तरह की-चुभन भी कहीं पर नहीं<br/>एक पावस बरसता ह्रदय में कभी आँख से बूँद कोई कढ़े ना कभी ... वाह कितना सुंदर और भावपूर्ण गीत रचना आपने आदरणीय गोपाल जी। हार्दिक बधाई स्वीकारें।</p>
<p>प्रेम है अधिकरण विश्व में सौख्य का<br/>प्रेम सा दाह भी है किसी में नहीं<br/>यह हंसाता सदा यह रुलाता सदा <br/>इस तरह की-चुभन भी कहीं पर नहीं<br/>एक पावस बरसता ह्रदय में कभी आँख से बूँद कोई कढ़े ना कभी ... वाह कितना सुंदर और भावपूर्ण गीत रचना आपने आदरणीय गोपाल जी। हार्दिक बधाई स्वीकारें।</p> जनाब डॉ.गोपाल नारायण जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2016-05-06:5170231:Comment:7633712016-05-06T13:01:30.494ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब डॉ.गोपाल नारायण जी आदाब,बहुत सुंदर गीत लिखा है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
जनाब डॉ.गोपाल नारायण जी आदाब,बहुत सुंदर गीत लिखा है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।