Comments - तज़मींन - Open Books Online2024-03-29T00:22:35Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A782067&xn_auth=noप्रस्तुति तक आने व सराहना के…tag:openbooksonline.com,2016-07-11:5170231:Comment:7832882016-07-11T13:52:46.937Zshree suneelhttp://openbooksonline.com/profile/shreesuneel
प्रस्तुति तक आने व सराहना के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय गिरिराज सर जी. सादर
प्रस्तुति तक आने व सराहना के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय गिरिराज सर जी. सादर तज़मींन की सराहना के लिए बहुत…tag:openbooksonline.com,2016-07-11:5170231:Comment:7835122016-07-11T13:50:32.783Zshree suneelhttp://openbooksonline.com/profile/shreesuneel
तज़मींन की सराहना के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय रवि शुक्ला जी. सादर
तज़मींन की सराहना के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय रवि शुक्ला जी. सादर आदरणीय श्री सुनील भाई , फिराक़…tag:openbooksonline.com,2016-07-06:5170231:Comment:7822582016-07-06T14:56:08.678Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय श्री सुनील भाई , फिराक़ साहब की गज़ल पर आपकी तज़मीन बहुत पसंद आयी , बहुत खूब , मुबारकबाद कुबूल करें ।</p>
<p>आदरणीय श्री सुनील भाई , फिराक़ साहब की गज़ल पर आपकी तज़मीन बहुत पसंद आयी , बहुत खूब , मुबारकबाद कुबूल करें ।</p> आदरणीय श्री सुनील जी तजमीन के…tag:openbooksonline.com,2016-07-06:5170231:Comment:7821452016-07-06T06:51:10.346ZRavi Shuklahttp://openbooksonline.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय श्री सुनील जी तजमीन के लिये फिराक साहब ही गजल चुनी और बढि़या तजमीन पेश की इसके लिये आपको बहुत बहुत बधाई अच्छा गला इस रचना को पढ़कर । पुन: बधाई </p>
<p>आदरणीय श्री सुनील जी तजमीन के लिये फिराक साहब ही गजल चुनी और बढि़या तजमीन पेश की इसके लिये आपको बहुत बहुत बधाई अच्छा गला इस रचना को पढ़कर । पुन: बधाई </p>