Comments - बेला महका - Open Books Online2024-03-29T06:04:24Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A785553&xn_auth=noआदरणीय Vijay Nikore sb जी नम…tag:openbooksonline.com,2016-08-22:5170231:Comment:7939942016-08-22T16:42:08.977ZAbha saxena Doonwihttp://openbooksonline.com/profile/Abhasaxena
<p>आदरणीय Vijay Nikore sb जी नमस्कार ,आपकी प्रतिक्रिया पा कर मैं बहुत प्रसन्न हूँ शुक्रिया आपका ...</p>
<p>आदरणीय Vijay Nikore sb जी नमस्कार ,आपकी प्रतिक्रिया पा कर मैं बहुत प्रसन्न हूँ शुक्रिया आपका ...</p> अति सुन्दर नवगीत। हार्दिक बधा…tag:openbooksonline.com,2016-08-22:5170231:Comment:7941132016-08-22T10:37:53.410Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>अति सुन्दर नवगीत। हार्दिक बधाई।</p>
<p>अति सुन्दर नवगीत। हार्दिक बधाई।</p> बहुत् सुन्दर नवगीत,हार्दिक बध…tag:openbooksonline.com,2016-08-10:5170231:Comment:7912172016-08-10T12:11:45.576Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
बहुत् सुन्दर नवगीत,हार्दिक बधाई आदरणीया आभा जी।
बहुत् सुन्दर नवगीत,हार्दिक बधाई आदरणीया आभा जी। मोहतरमा आभा जी आदाब,बहुत सुंद…tag:openbooksonline.com,2016-07-24:5170231:Comment:7869522016-07-24T18:27:15.027ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा आभा जी आदाब,बहुत सुंदर नवगीत रचा है, बधाई स्वीकार करें,बाक़ी ,जनाब रामबली गुप्ता जी बता ही चुके हैं ।
मोहतरमा आभा जी आदाब,बहुत सुंदर नवगीत रचा है, बधाई स्वीकार करें,बाक़ी ,जनाब रामबली गुप्ता जी बता ही चुके हैं । बचपन बीता यौवन आयाशैतानी ने क…tag:openbooksonline.com,2016-07-22:5170231:Comment:7862342016-07-22T14:30:45.023Zpratibha pandehttp://openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>बचपन बीता यौवन आया<br/>शैतानी ने कदम बढ़ाया<br/>तंत्र मंत्र और जादू टोना<br/>मेज पोश का फटा है कोना<br/>सब कुछ है बेकार|.....वाह क्या अल्हड़ भाव हैं ...हार्दिक बधाई प्रेषित है आदरणीया </p>
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<p>बचपन बीता यौवन आया<br/>शैतानी ने कदम बढ़ाया<br/>तंत्र मंत्र और जादू टोना<br/>मेज पोश का फटा है कोना<br/>सब कुछ है बेकार|.....वाह क्या अल्हड़ भाव हैं ...हार्दिक बधाई प्रेषित है आदरणीया </p>
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<p></p> आदरणीय राम बली गुप्ता जी नमस्…tag:openbooksonline.com,2016-07-22:5170231:Comment:7862282016-07-22T13:35:32.621ZAbha saxena Doonwihttp://openbooksonline.com/profile/Abhasaxena
<p>आदरणीय राम बली गुप्ता जी नमस्कार , पहले तो मैं आपका धन्यवाद अदा करना चाहती हूँ कि जो आपने मेरे इस नव गीत को इतने ध्यान से पढ़ा ...आपके सभी सुझाव उचित लगे हैं मुझे .... सुधार कर लिया है मैंने ...शुक्रिया आपका ...</p>
<p>आदरणीय राम बली गुप्ता जी नमस्कार , पहले तो मैं आपका धन्यवाद अदा करना चाहती हूँ कि जो आपने मेरे इस नव गीत को इतने ध्यान से पढ़ा ...आपके सभी सुझाव उचित लगे हैं मुझे .... सुधार कर लिया है मैंने ...शुक्रिया आपका ...</p> टंकण त्रुटि
*उड़ती बारम्बार*tag:openbooksonline.com,2016-07-22:5170231:Comment:7860212016-07-22T05:46:06.713Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
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*उड़ती बारम्बार*
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*उड़ती बारम्बार* आदरेया आभा जी बहुत ही सुंदर ग…tag:openbooksonline.com,2016-07-22:5170231:Comment:7857382016-07-22T05:43:21.662Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
आदरेया आभा जी बहुत ही सुंदर गीत रचा है आपने। हृदय से बधाई स्वीकारें। कुछेक स्थानों पर मुझे प्रवाह में अटकाव लगा। सुझाव निम्न हैं यदि आपके भावों के अनुकूल लगें तो विचार करियेगा।<br />
1-शायद चम्पा स्त्रीलिंग है अतः प्रथम लाइन को * बेला-जूही-चम्पा महकी* प्रकार करके देखें।<br />
2- *गांव में शादी है होली* लाइन में अटकाव है। *में* मे मात्रा पतन करना पड़ रहा है।<br />
3-बेला स्त्रीलिंग है अतः *जागा* को *जागी* तथा *अभागा* को *अभागी* कर लीजिये।<br />
4-*कहीं गुंथ गया गजरे अंदर* लाइन मे अटकाव है। इसे * कहीं गुँथा गजरे के…
आदरेया आभा जी बहुत ही सुंदर गीत रचा है आपने। हृदय से बधाई स्वीकारें। कुछेक स्थानों पर मुझे प्रवाह में अटकाव लगा। सुझाव निम्न हैं यदि आपके भावों के अनुकूल लगें तो विचार करियेगा।<br />
1-शायद चम्पा स्त्रीलिंग है अतः प्रथम लाइन को * बेला-जूही-चम्पा महकी* प्रकार करके देखें।<br />
2- *गांव में शादी है होली* लाइन में अटकाव है। *में* मे मात्रा पतन करना पड़ रहा है।<br />
3-बेला स्त्रीलिंग है अतः *जागा* को *जागी* तथा *अभागा* को *अभागी* कर लीजिये।<br />
4-*कहीं गुंथ गया गजरे अंदर* लाइन मे अटकाव है। इसे * कहीं गुँथा गजरे के अन्दर* प्रकार करके देकहिये। इसी प्रकार *तन्त्र-मन्त्र और जादू-टोना* में भी अटकाव है। इसे *तंत्र-मंत्र औ जादू-टोना* करके देखिए।<br />
4-*हर बार* को दो जगह समान अर्थों में तुकांत के लिए प्रयुक्त किया गया है। इससे पुनरुक्ति दोष हो रहा है। अंतिम लाइन में *दौड़ रही हर बार* के स्थान पर उड़ाती बारम्बार* करके देखिए। पुनरुक्ति दोष दूर हो जायेगा।<br />
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उपर्युक्त के संदर्भ में अन्य सुधीजन भी विचारें। हो सकता है मैं गलत होवूं।<br />
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बाकी सब शुभ-शुभ