Comments - कुकभ छंद - Open Books Online2024-03-29T06:16:47Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A787505&xn_auth=noआदरणीय सुरेश भाई जी बहुत बहुत…tag:openbooksonline.com,2016-08-01:5170231:Comment:7893892016-08-01T16:38:18.883Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
आदरणीय सुरेश भाई जी बहुत बहुत आभार आपका।आपको रचना पसन्द आई,सुखद लगा।सादर
आदरणीय सुरेश भाई जी बहुत बहुत आभार आपका।आपको रचना पसन्द आई,सुखद लगा।सादर आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी…tag:openbooksonline.com,2016-08-01:5170231:Comment:7895222016-08-01T16:37:13.144Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सादर हार्दिक आभार प्रयास पर उपस्थित होकर हौंसलाफ़ज़ाई करने के लिए।
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सादर हार्दिक आभार प्रयास पर उपस्थित होकर हौंसलाफ़ज़ाई करने के लिए। आदरणीय गोपाल सर सादर नमन।आप स…tag:openbooksonline.com,2016-08-01:5170231:Comment:7896152016-08-01T16:35:58.553Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
आदरणीय गोपाल सर सादर नमन।आप सही कह रहें हैं।यह भूल लिखने बाद कई बार पढ़कर भाव और कथ्य को पुष्ट करने में कर बैठा और ऐसा संशोधन किया।अब कृपया सब सुधिपाठक पहला बन्द कुकुभ और दूसरा बन्द लावणी छंद के अनुसार पढ़ें।<br />
आभार आदरणीय गोपाल जी।
आदरणीय गोपाल सर सादर नमन।आप सही कह रहें हैं।यह भूल लिखने बाद कई बार पढ़कर भाव और कथ्य को पुष्ट करने में कर बैठा और ऐसा संशोधन किया।अब कृपया सब सुधिपाठक पहला बन्द कुकुभ और दूसरा बन्द लावणी छंद के अनुसार पढ़ें।<br />
आभार आदरणीय गोपाल जी। आदरणीया कल्पना दीदी अनुमोदन ए…tag:openbooksonline.com,2016-08-01:5170231:Comment:7893872016-08-01T16:31:48.471Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
आदरणीया कल्पना दीदी अनुमोदन एवम् प्रोत्साहन के लिए सादर हार्दिक आभार।नमन
आदरणीया कल्पना दीदी अनुमोदन एवम् प्रोत्साहन के लिए सादर हार्दिक आभार।नमन बहुत ही सुन्दर रचना।युवाओं मे…tag:openbooksonline.com,2016-08-01:5170231:Comment:7892952016-08-01T12:02:46.962Zसुरेश कुमार 'कल्याण'http://openbooksonline.com/profile/SureshKumarKalyan
बहुत ही सुन्दर रचना।युवाओं में जोश जागृत करने की कोशिश की है आपने।सहृदय बधाई।
बहुत ही सुन्दर रचना।युवाओं में जोश जागृत करने की कोशिश की है आपने।सहृदय बधाई। सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई…tag:openbooksonline.com,2016-08-01:5170231:Comment:7891962016-08-01T11:59:55.388ZShyam Narain Vermahttp://openbooksonline.com/profile/ShyamNarainVerma
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<tbody><tr><td height="20" align="left" width="576">सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई सादर</td>
</tr>
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<tbody><tr><td height="20" align="left" width="576">सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई सादर</td>
</tr>
</tbody>
</table> आ० सतविंदर जी , ककुभ छंद का…tag:openbooksonline.com,2016-07-31:5170231:Comment:7888212016-07-31T09:26:18.437Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० सतविंदर जी , ककुभ छंद का चरणांत २ २ होता है आपने दूसरे बंद की शुरुआती दो पंक्तियों में चरणांत १ १ २ भरना /करना रखा है . सुधारा अपेक्षित है .सादर </p>
<p>आ० सतविंदर जी , ककुभ छंद का चरणांत २ २ होता है आपने दूसरे बंद की शुरुआती दो पंक्तियों में चरणांत १ १ २ भरना /करना रखा है . सुधारा अपेक्षित है .सादर </p> अच्छी रचना हुई है आदरणीय सतवि…tag:openbooksonline.com,2016-07-31:5170231:Comment:7885342016-07-31T02:02:47.667ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
अच्छी रचना हुई है आदरणीय सतविंदर भैया । हार्दिक बधाई ।
अच्छी रचना हुई है आदरणीय सतविंदर भैया । हार्दिक बधाई ।