Comments - पहल (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T14:57:24Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A808601&xn_auth=noवास्तविक मुद्दे को आपने उठाया…tag:openbooksonline.com,2016-10-19:5170231:Comment:8091172016-10-19T05:22:18.429Zशिज्जु "शकूर"http://openbooksonline.com/profile/ShijjuS
<p>वास्तविक मुद्दे को आपने उठाया है, हर नागरिक को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी, इस लघुकथा के लिए बधाई आपको</p>
<p>वास्तविक मुद्दे को आपने उठाया है, हर नागरिक को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी, इस लघुकथा के लिए बधाई आपको</p> बहुत बढ़िया विषय व कथानक पर ब…tag:openbooksonline.com,2016-10-18:5170231:Comment:8088622016-10-18T16:21:15.271ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
बहुत बढ़िया विषय व कथानक पर बढ़िया प्रस्तुति। मेरे विचार से अंतिम अनुच्छेद प्रभावशाली नहीं हो सका है। पटाखों से भरी थैली कूड़ेदान में फेंकना दुर्घटना को न्यौता देने जैसा है, उचित नहीं है।
बहुत बढ़िया विषय व कथानक पर बढ़िया प्रस्तुति। मेरे विचार से अंतिम अनुच्छेद प्रभावशाली नहीं हो सका है। पटाखों से भरी थैली कूड़ेदान में फेंकना दुर्घटना को न्यौता देने जैसा है, उचित नहीं है। वायु प्रदूषण बहुत विषय है , न…tag:openbooksonline.com,2016-10-18:5170231:Comment:8088012016-10-18T12:04:22.841ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
वायु प्रदूषण बहुत विषय है , नई पीढ़ी के लिए तो और भी। एक प्रेरक प्रेरक लघु- कथा , बधाई , आदरणीय विनोद खगनवाल जी , सादर।
वायु प्रदूषण बहुत विषय है , नई पीढ़ी के लिए तो और भी। एक प्रेरक प्रेरक लघु- कथा , बधाई , आदरणीय विनोद खगनवाल जी , सादर।