Comments - ग़ज़ल-लिए दर्द दिल में पुराने चला हूँ-रामबली गुप्ता - Open Books Online2024-03-28T18:37:44Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A808903&xn_auth=noआद0 विजय निकोरे जी सादर धन्यव…tag:openbooksonline.com,2016-10-24:5170231:Comment:8102132016-10-24T10:09:26.415Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
आद0 विजय निकोरे जी सादर धन्यवाद
आद0 विजय निकोरे जी सादर धन्यवाद हृदय से आभार आद0 गिरिराज भाई…tag:openbooksonline.com,2016-10-24:5170231:Comment:8099712016-10-24T10:08:40.495Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हृदय से आभार आद0 गिरिराज भाई जी
हृदय से आभार आद0 गिरिराज भाई जी हृदय से आभार भाई आद0 गोपाल ना…tag:openbooksonline.com,2016-10-24:5170231:Comment:8102122016-10-24T10:07:33.701Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हृदय से आभार भाई आद0 गोपाल नारायन जी। सुझाव के लिए धन्यवाद
हृदय से आभार भाई आद0 गोपाल नारायन जी। सुझाव के लिए धन्यवाद हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार…tag:openbooksonline.com,2016-10-24:5170231:Comment:8102092016-10-24T10:03:01.322Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार जी
हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार जी हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार…tag:openbooksonline.com,2016-10-24:5170231:Comment:8100382016-10-24T10:02:57.004Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार जी
हृदय से आभार भाई ब्रजेश कुमार जी गज़ल अच्छी लगी। बधाई।tag:openbooksonline.com,2016-10-24:5170231:Comment:8099662016-10-24T09:58:11.578Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>गज़ल अच्छी लगी। बधाई।</p>
<p>गज़ल अच्छी लगी। बधाई।</p> हार्दिक आभार आद0 भाई बैजनाथ श…tag:openbooksonline.com,2016-10-23:5170231:Comment:8099442016-10-23T17:31:10.516Zरामबली गुप्ताhttp://openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
हार्दिक आभार आद0 भाई बैजनाथ शर्मा<br />
<br />
जी
हार्दिक आभार आद0 भाई बैजनाथ शर्मा<br />
<br />
जी आदरणीय रामबली भाई , अच्छी गज़ल…tag:openbooksonline.com,2016-10-23:5170231:Comment:8098632016-10-23T08:38:59.630Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय रामबली भाई , अच्छी गज़ल कही है , बधाइयाँ स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय रामबली भाई , अच्छी गज़ल कही है , बधाइयाँ स्वीकार करें ।</p> जहाँ पल खुशी के बिताये थे तुझ…tag:openbooksonline.com,2016-10-23:5170231:Comment:8097542016-10-23T06:51:38.538Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>जहाँ पल खुशी के बिताये थे तुझ सँग------------यहाँ तुझ संग से प्रवाह बाधित हो रहा है 'मिलकर' कर सकते हैं या फिर कुछ और सोंच ले . सादर</p>
<p>जहाँ पल खुशी के बिताये थे तुझ सँग------------यहाँ तुझ संग से प्रवाह बाधित हो रहा है 'मिलकर' कर सकते हैं या फिर कुछ और सोंच ले . सादर</p> बहुत ही मधुर ग़ज़ल...बधाइयाँtag:openbooksonline.com,2016-10-23:5170231:Comment:8098432016-10-23T05:58:39.621Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
बहुत ही मधुर ग़ज़ल...बधाइयाँ
बहुत ही मधुर ग़ज़ल...बधाइयाँ