Comments - प्यार में हम भी हद से गुज़र जायेंगे - बैजनाथ शर्मा 'मिंटू' - Open Books Online2024-03-28T22:06:22Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A815937&xn_auth=noआदरनीय बैज नाथ भाई , बहर खूब…tag:openbooksonline.com,2016-11-28:5170231:Comment:8168102016-11-28T14:17:25.511Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरनीय बैज नाथ भाई , बहर खूब निभा लिया है आपने , बातें भी अच्छी कही है , हार्दिक बधाइयाँ प्रयास के लिये । लेकिन काफिया न होने से आपकी रचना गज़ल होने से रह गई है ।</p>
<p>आदरनीय बैज नाथ भाई , बहर खूब निभा लिया है आपने , बातें भी अच्छी कही है , हार्दिक बधाइयाँ प्रयास के लिये । लेकिन काफिया न होने से आपकी रचना गज़ल होने से रह गई है ।</p> आदरणीय गोपाल साहेब व समीर साह…tag:openbooksonline.com,2016-11-27:5170231:Comment:8162962016-11-27T13:26:19.775ZDR. BAIJNATH SHARMA'MINTU'http://openbooksonline.com/profile/BAIJNATHSHARMAMINTU
<p>आदरणीय गोपाल साहेब व समीर साहेब ..............बहुत बहुत शुक्रिया ............मैं इस ग़ज़ल को सुधार कर पुन: पोस्ट करूँगा | </p>
<p>आदरणीय गोपाल साहेब व समीर साहेब ..............बहुत बहुत शुक्रिया ............मैं इस ग़ज़ल को सुधार कर पुन: पोस्ट करूँगा | </p> जनाब मिंटू साहिब आदाब,मैं जना…tag:openbooksonline.com,2016-11-26:5170231:Comment:8162782016-11-26T17:32:50.178ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब मिंटू साहिब आदाब,मैं जनाब गोपाल नारायण जी से सहमत हूँ,ग़ज़ल में क़ाफ़िया तय कीजिये क्या लेना चाहते है ।
जनाब मिंटू साहिब आदाब,मैं जनाब गोपाल नारायण जी से सहमत हूँ,ग़ज़ल में क़ाफ़िया तय कीजिये क्या लेना चाहते है । इस गजल में काफिया नहीं है .…tag:openbooksonline.com,2016-11-26:5170231:Comment:8163112016-11-26T11:50:38.164Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>इस गजल में काफिया नहीं है . र ल से अ का स्वर निकलता है काफिया दीर्घ स्वर का ही होता है</p>
<p>इस गजल में काफिया नहीं है . र ल से अ का स्वर निकलता है काफिया दीर्घ स्वर का ही होता है</p>