Comments - कमली -- लघु कथा - Open Books Online2024-03-29T16:01:30Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A837008&xn_auth=noआदरणीय उसमानी जी, उत्साहवर्धन…tag:openbooksonline.com,2017-02-20:5170231:Comment:8378392017-02-20T06:49:46.036ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय उसमानी जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत आभार । आपका मार्गदर्शन अपेक्षित है । </p>
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<p>आदरणीय उसमानी जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत आभार । आपका मार्गदर्शन अपेक्षित है । </p>
<p></p> आदरणीय आशुतोष मिश्रा जी, बहुत…tag:openbooksonline.com,2017-02-20:5170231:Comment:8378382017-02-20T06:47:41.749ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय आशुतोष मिश्रा जी, बहुत बहुत आभार । </p>
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<p>आदरणीय आशुतोष मिश्रा जी, बहुत बहुत आभार । </p>
<p></p> आदरणीय प्रतिभा पांडे जी, बहुत…tag:openbooksonline.com,2017-02-20:5170231:Comment:8378372017-02-20T06:46:23.611ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय प्रतिभा पांडे जी, बहुत बहुत आभार । </p>
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<p>आदरणीय प्रतिभा पांडे जी, बहुत बहुत आभार । </p>
<p></p> इस रचना में आपकी लेखनी ने बहु…tag:openbooksonline.com,2017-02-19:5170231:Comment:8377682017-02-19T13:43:17.817ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
इस रचना में आपकी लेखनी ने बहुत प्रभावित किया है। कथा के उत्तरार्ध में दोनों अनुच्छेदों में विशेष रूप से। सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय नीलम उपाध्याय जी। लघुकथा संदर्भ में कुछ कसावट की जा सकती है।
इस रचना में आपकी लेखनी ने बहुत प्रभावित किया है। कथा के उत्तरार्ध में दोनों अनुच्छेदों में विशेष रूप से। सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय नीलम उपाध्याय जी। लघुकथा संदर्भ में कुछ कसावट की जा सकती है। आदरणीया प्रतिभा जी समाज को जा…tag:openbooksonline.com,2017-02-17:5170231:Comment:8372922017-02-17T20:48:21.563ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
आदरणीया प्रतिभा जी समाज को जागरूक बनाने का सन्देश देती ईद सार्थक रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर
आदरणीया प्रतिभा जी समाज को जागरूक बनाने का सन्देश देती ईद सार्थक रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर अभी भी हमारे देश में इस तरह क…tag:openbooksonline.com,2017-02-17:5170231:Comment:8373212017-02-17T15:26:15.577Zpratibha pandehttp://openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>अभी भी हमारे देश में इस तरह के अंधविश्वास जीवित हैं जो हमारे विकास के दावों पर बडा प्रश्न चिन्ह हैं ..हार्दिक बधाई इस रचना के लिए आपको आदरणीया नीलम उपाध्याय जी </p>
<p>अभी भी हमारे देश में इस तरह के अंधविश्वास जीवित हैं जो हमारे विकास के दावों पर बडा प्रश्न चिन्ह हैं ..हार्दिक बधाई इस रचना के लिए आपको आदरणीया नीलम उपाध्याय जी </p> आदरणीय राजेश कुमारी जी, रचना…tag:openbooksonline.com,2017-02-16:5170231:Comment:8369572017-02-16T04:50:24.854ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय राजेश कुमारी जी, रचना पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार । आगे भी कोशिश जारी रखने के लिए आपके मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी । हार्दिक धन्यवाद । </p>
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<p>आदरणीय राजेश कुमारी जी, रचना पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार । आगे भी कोशिश जारी रखने के लिए आपके मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी । हार्दिक धन्यवाद । </p>
<p></p> आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी, उत्सा…tag:openbooksonline.com,2017-02-16:5170231:Comment:8369042017-02-16T04:50:06.674ZNeelam Upadhyayahttp://openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत आभार । आगामी कोशिश पर भी आपके उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी । हार्दिक धन्यवाद । </p>
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<p>आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत आभार । आगामी कोशिश पर भी आपके उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी । हार्दिक धन्यवाद । </p>
<p></p> न जाने कितनी कमली आज भी इन अं…tag:openbooksonline.com,2017-02-15:5170231:Comment:8369002017-02-15T16:57:19.945Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>न जाने कितनी कमली आज भी इन अंधविश्वासों की भेंट चढ़ जाती हैं .एक अच्छे विषय पर बहुत अच्छी लघु कथा जिसका सन्देश पूर्णतः स्पष्ट है .बहुत बहुत बधाई आद० नीलम जी .</p>
<p>न जाने कितनी कमली आज भी इन अंधविश्वासों की भेंट चढ़ जाती हैं .एक अच्छे विषय पर बहुत अच्छी लघु कथा जिसका सन्देश पूर्णतः स्पष्ट है .बहुत बहुत बधाई आद० नीलम जी .</p> आदरणीया नीलम जी आदाब,सचमुच आज…tag:openbooksonline.com,2017-02-15:5170231:Comment:8370122017-02-15T11:23:26.667ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीया नीलम जी आदाब,सचमुच आज भी बीमारी को लेकर अंधविश्वास प्रचलन में हैं जिसके कारण मौत हो जाती है । कमली भी इसी। का शिकार हो गयी । बेहतरीन लघुकथा । बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीया नीलम जी आदाब,सचमुच आज भी बीमारी को लेकर अंधविश्वास प्रचलन में हैं जिसके कारण मौत हो जाती है । कमली भी इसी। का शिकार हो गयी । बेहतरीन लघुकथा । बधाई स्वीकार करें ।