Comments - भूल गया जो मै खुद (कविता)"मल्हार" - Open Books Online2024-03-29T09:37:17Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A852611&xn_auth=noआ० रोहित जी, बढ़िया भावाभिव्यक…tag:openbooksonline.com,2017-05-04:5170231:Comment:8544282017-05-04T14:31:39.374ZMahendra Kumarhttp://openbooksonline.com/profile/Mahendra
<p>आ० रोहित जी, बढ़िया भावाभिव्यक्ति है<span>। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए<span>। आ० मोहम्मद आरिफ जी की तरह मेरा भी यही सुझाव है कि आप छंदबद्ध रचना प्रस्तुत करने का प्रयास करें<span>। इसके लिए आपको इस वेबसाइट पर ही ढेर सारी सामग्री मिल जाएगी<span>। आप एक-एक कर उनका अध्ययन करें<span>। यदि लिखना ही है तो छंदयुक्त या छंदमुक्त रचना लिखें,</span></span></span> "छंदबद्ध जैसी" रचना नहीं<span>। ढेर सारी शुभकामनाएं<span>। सादर<span>।</span></span></span><br/></span></span></p>
<p>आ० रोहित जी, बढ़िया भावाभिव्यक्ति है<span>। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए<span>। आ० मोहम्मद आरिफ जी की तरह मेरा भी यही सुझाव है कि आप छंदबद्ध रचना प्रस्तुत करने का प्रयास करें<span>। इसके लिए आपको इस वेबसाइट पर ही ढेर सारी सामग्री मिल जाएगी<span>। आप एक-एक कर उनका अध्ययन करें<span>। यदि लिखना ही है तो छंदयुक्त या छंदमुक्त रचना लिखें,</span></span></span> "छंदबद्ध जैसी" रचना नहीं<span>। ढेर सारी शुभकामनाएं<span>। सादर<span>।</span></span></span><br/></span></span></p> Mohammad aarif# साहब आपकी अमू…tag:openbooksonline.com,2017-05-02:5170231:Comment:8542272017-05-02T14:35:32.953Zरोहित डोबरियाल "मल्हार"http://openbooksonline.com/profile/Rk78
<p>Mohammad aarif# साहब आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहेदिल से शुक्रिया , एवं छंदबद्ध रचना का ज्ञान न होने के कारण मुक्त रूप से ही लिखता हूँ।</p>
<p>Mohammad aarif# साहब आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहेदिल से शुक्रिया , एवं छंदबद्ध रचना का ज्ञान न होने के कारण मुक्त रूप से ही लिखता हूँ।</p> प्रिय रोहित जी आदाब, एक बेहतर…tag:openbooksonline.com,2017-05-01:5170231:Comment:8540122017-05-01T08:21:33.560ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
प्रिय रोहित जी आदाब, एक बेहतरीन रचना कहने का प्रयास किया आपने । आपको मैं पहले भी सलाह दे चुका हूँ कि आप छंदबद्ध रचना करें तो रचना उभरकर आयेगी । अगर बात इस रचना की की जाय तो यह बेहतरीन ग़ज़ल का रूप अख़्तियार सकती है । ख़ैर, बधाई स्वीकार करें ।
प्रिय रोहित जी आदाब, एक बेहतरीन रचना कहने का प्रयास किया आपने । आपको मैं पहले भी सलाह दे चुका हूँ कि आप छंदबद्ध रचना करें तो रचना उभरकर आयेगी । अगर बात इस रचना की की जाय तो यह बेहतरीन ग़ज़ल का रूप अख़्तियार सकती है । ख़ैर, बधाई स्वीकार करें ।