Comments - ग़ज़ल / बह्र -22/22/22/22 - Open Books Online2024-03-29T09:45:22Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A865402&xn_auth=noआदरणीय वीजय निकोर जी ग़ज़ल में…tag:openbooksonline.com,2017-07-13:5170231:Comment:8663492017-07-13T18:34:14.865ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीय वीजय निकोर जी ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया । लेखन सार्थक हुआ ।
आदरणीय वीजय निकोर जी ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया । लेखन सार्थक हुआ । आपकी गज़ल पढ़ कर दिल खुश हुआ...…tag:openbooksonline.com,2017-07-13:5170231:Comment:8666122017-07-13T14:14:56.116Zvijay nikorehttp://openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>आपकी गज़ल पढ़ कर दिल खुश हुआ... बहुत-बहुत बधाई, आरिफ़ भाई</p>
<p>आपकी गज़ल पढ़ कर दिल खुश हुआ... बहुत-बहुत बधाई, आरिफ़ भाई</p> बहुत-बहुत आभार आदरणीय महेंद्र…tag:openbooksonline.com,2017-07-12:5170231:Comment:8663202017-07-12T16:50:27.862ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
बहुत-बहुत आभार आदरणीय महेंद्र कुमार जी । सुख़न नवाज़ी का शुक्रिया ।
बहुत-बहुत आभार आदरणीय महेंद्र कुमार जी । सुख़न नवाज़ी का शुक्रिया । आ. मोहम्मद आरिफ़ जी, बहुत ही ब…tag:openbooksonline.com,2017-07-12:5170231:Comment:8662832017-07-12T13:54:54.602ZMahendra Kumarhttp://openbooksonline.com/profile/Mahendra
<p>आ. मोहम्मद आरिफ़ जी, बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.</p>
<p>आ. मोहम्मद आरिफ़ जी, बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.</p> आदरणीय रवि शुक्ला जी ग़ज़ल पर प…tag:openbooksonline.com,2017-07-11:5170231:Comment:8659522017-07-11T12:54:56.939ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीय रवि शुक्ला जी ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया देने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत आभार । ओबीओ के मंच पर मैं एक पाठक की हैसियत से ही नहीं अपितु अपनी रचनाधर्मिता का भी परिचय देता हूँ ।
आदरणीय रवि शुक्ला जी ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया देने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत आभार । ओबीओ के मंच पर मैं एक पाठक की हैसियत से ही नहीं अपितु अपनी रचनाधर्मिता का भी परिचय देता हूँ । आदरणीय बृजेश कुमार जी ग़ज़ल पर…tag:openbooksonline.com,2017-07-11:5170231:Comment:8661692017-07-11T12:49:59.905ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीय बृजेश कुमार जी ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया देने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत आभार ।
आदरणीय बृजेश कुमार जी ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया देने और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत आभार । बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल कही आदरणीय…tag:openbooksonline.com,2017-07-11:5170231:Comment:8662512017-07-11T10:05:07.166Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल कही आदरणीय आरिफ..सादर
बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल कही आदरणीय आरिफ..सादर आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब आपन…tag:openbooksonline.com,2017-07-11:5170231:Comment:8659412017-07-11T09:12:28.263ZRavi Shuklahttp://openbooksonline.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब आपने अच्छी गजल कही बधाई कुबूल करे । एक पाठक होने से आगे बढ़ कर एक शाइर के रूप में भी आपकी पहचान बन रही है अच्छा है । सादर</p>
<p>आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब आपने अच्छी गजल कही बधाई कुबूल करे । एक पाठक होने से आगे बढ़ कर एक शाइर के रूप में भी आपकी पहचान बन रही है अच्छा है । सादर</p> आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब…tag:openbooksonline.com,2017-07-11:5170231:Comment:8660522017-07-11T06:48:32.159ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ग़ज़ल की सराहना और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया । सुधार कर लिया है ।
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ग़ज़ल की सराहना और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया । सुधार कर लिया है । जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,…tag:openbooksonline.com,2017-07-10:5170231:Comment:8655342017-07-10T09:14:41.229ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।<br />
चौथे शैर के ऊला मिसरे में 'वादें' को "वादे" कर लें ।
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।<br />
चौथे शैर के ऊला मिसरे में 'वादें' को "वादे" कर लें ।