Comments - दीवाली (सरसी छन्द) - Open Books Online2024-03-29T01:38:48Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A892010&xn_auth=noआदरणीया कल्पना भट्ट जी बहुत ब…tag:openbooksonline.com,2017-10-30:5170231:Comment:8932322017-10-30T16:06:37.428ZRam Awadh VIshwakarmahttp://openbooksonline.com/profile/RamAwadhVIshwakarma
आदरणीया कल्पना भट्ट जी बहुत बहुत शुक्रिया
आदरणीया कल्पना भट्ट जी बहुत बहुत शुक्रिया बहुत ही सुंदर रचना हुई है आदर…tag:openbooksonline.com,2017-10-30:5170231:Comment:8930972017-10-30T15:37:01.821ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
<p>बहुत ही सुंदर रचना हुई है आदरणीय, हार्दिक बधाई आपको|</p>
<p>बहुत ही सुंदर रचना हुई है आदरणीय, हार्दिक बधाई आपको|</p> बहुत ही सुंदर रचना हुई आदरणीय…tag:openbooksonline.com,2017-10-29:5170231:Comment:8927962017-10-29T06:14:50.276Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
बहुत ही सुंदर रचना हुई आदरणीय..सादर
बहुत ही सुंदर रचना हुई आदरणीय..सादर आदरणीय सलीम रजा साहब ,आदरणीय…tag:openbooksonline.com,2017-10-26:5170231:Comment:8922272017-10-26T16:27:49.968Zडॉ छोटेलाल सिंहhttp://openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx
आदरणीय सलीम रजा साहब ,आदरणीय आरिफ साहब और भाई सुरेन्द्र जी आप सभी को दिल से शुक्रिया
आदरणीय सलीम रजा साहब ,आदरणीय आरिफ साहब और भाई सुरेन्द्र जी आप सभी को दिल से शुक्रिया परम आदरणीय समर साहब जी आपने ह…tag:openbooksonline.com,2017-10-26:5170231:Comment:8919902017-10-26T16:23:02.234Zडॉ छोटेलाल सिंहhttp://openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx
परम आदरणीय समर साहब जी आपने हमें मान दिया और मार्गदर्शन भी किया इसके लिए आपको शत शत नमन
परम आदरणीय समर साहब जी आपने हमें मान दिया और मार्गदर्शन भी किया इसके लिए आपको शत शत नमन जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2017-10-26:5170231:Comment:8919542017-10-26T11:59:08.505ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,दीपावली के मौक़े पर बहुत उम्दा सरसी छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।<br />
पहले छन्द के दूसरे पद में 'उल्लास'और 'प्रकाश'की तुकान्तता सही नहीं है,देखियेगा ।
जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,दीपावली के मौक़े पर बहुत उम्दा सरसी छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।<br />
पहले छन्द के दूसरे पद में 'उल्लास'और 'प्रकाश'की तुकान्तता सही नहीं है,देखियेगा । आo ख़ूबसूरत रचना के लिए मुबार…tag:openbooksonline.com,2017-10-26:5170231:Comment:8920392017-10-26T09:45:49.994ZSALIM RAZA REWAhttp://openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
आo ख़ूबसूरत रचना के लिए मुबारक़बाद
आo ख़ूबसूरत रचना के लिए मुबारक़बाद आदरणीय छोटे लाल जी आदाब, दीपा…tag:openbooksonline.com,2017-10-26:5170231:Comment:8918812017-10-26T02:03:00.627ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीय छोटे लाल जी आदाब, दीपावली पर्व को आधार बना बेहतरीन सरसी छंद की रचना । अच्छा संदेश देने का प्रयास किया गया । जनमानस में अवश्य ही सीख लेगा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीय छोटे लाल जी आदाब, दीपावली पर्व को आधार बना बेहतरीन सरसी छंद की रचना । अच्छा संदेश देने का प्रयास किया गया । जनमानस में अवश्य ही सीख लेगा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । आद0 भैया डॉ छोटेलाल सिंह जी स…tag:openbooksonline.com,2017-10-25:5170231:Comment:8920272017-10-25T23:42:48.860Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 भैया डॉ छोटेलाल सिंह जी सादर अभिवादन। बहुत बढ़िया सरसी छःन्द का अभ्यास हुआ है। कोटिश बधाइयाँ इस सृजन पर।
आद0 भैया डॉ छोटेलाल सिंह जी सादर अभिवादन। बहुत बढ़िया सरसी छःन्द का अभ्यास हुआ है। कोटिश बधाइयाँ इस सृजन पर।