Comments - कविता- जी एस टी - Open Books Online2024-03-29T08:44:05Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A892719&xn_auth=noआदरणीया जयति जैन जी आदाब, जीए…tag:openbooksonline.com,2017-10-29:5170231:Comment:8931362017-10-29T12:16:14.743ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीया जयति जैन जी आदाब, जीएसटी के दंश को पूरा देश झेल रहा है । जीएसटी ने पूरे देश के उद्योग जगत् को तहस-नहस करके रख दिया है । छोटे कारोबारी सब मारे गए हैं । सरकार का विकास का झूठा झुनझुना बिका हुआ मीडिया रात-दिन बजा रहा है । यह केवल आपकी या मेरी पीड़ा नहीं है हर भारतीय की पीड़ा है । बहुत अच्छी पीड़ा बयाँ की आपने । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीया जयति जैन जी आदाब, जीएसटी के दंश को पूरा देश झेल रहा है । जीएसटी ने पूरे देश के उद्योग जगत् को तहस-नहस करके रख दिया है । छोटे कारोबारी सब मारे गए हैं । सरकार का विकास का झूठा झुनझुना बिका हुआ मीडिया रात-दिन बजा रहा है । यह केवल आपकी या मेरी पीड़ा नहीं है हर भारतीय की पीड़ा है । बहुत अच्छी पीड़ा बयाँ की आपने । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।