Comments - जलकर करता उजियारा (गीत) - Open Books Online2024-03-28T08:13:13Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A894913&xn_auth=noप्रस्तुत गीत रचना का मुखड़ा और…tag:openbooksonline.com,2017-11-08:5170231:Comment:8954062017-11-08T10:34:08.994Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>प्रस्तुत गीत रचना का मुखड़ा और पूरक पंक्तियाँ कुकुभ छंद में (जिस्समे यति 22 मात्र भार में अनिवार्य होती है) और अंतरे लावणी छंद आधारित है जिसमे मात्रा भार १-2 या 22 दोनों हो सकते है | सादर आभार स्वीकारे |</p>
<p>प्रस्तुत गीत रचना का मुखड़ा और पूरक पंक्तियाँ कुकुभ छंद में (जिस्समे यति 22 मात्र भार में अनिवार्य होती है) और अंतरे लावणी छंद आधारित है जिसमे मात्रा भार १-2 या 22 दोनों हो सकते है | सादर आभार स्वीकारे |</p> भाव पक्ष सराहने के लिए हार्दि…tag:openbooksonline.com,2017-11-08:5170231:Comment:8956362017-11-08T10:29:05.237Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>भाव पक्ष सराहने के लिए हार्दिक आभार आपका डॉ. गोपाल नारायण जी, मुखड़ा और पूरक पंकियां 16-14 के अंतर्गत कुकुभ छंद में और अंतरे लावनी छंद में रचित है | सादर </p>
<p>भाव पक्ष सराहने के लिए हार्दिक आभार आपका डॉ. गोपाल नारायण जी, मुखड़ा और पूरक पंकियां 16-14 के अंतर्गत कुकुभ छंद में और अंतरे लावनी छंद में रचित है | सादर </p> बहुत बहुत आभार आपका श्री मोहम…tag:openbooksonline.com,2017-11-08:5170231:Comment:8956342017-11-08T10:21:22.529Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>बहुत बहुत आभार आपका श्री मोहम्मद आरिफ साहब |</p>
<p>बहुत बहुत आभार आपका श्री मोहम्मद आरिफ साहब |</p> गीत पर सापेक्ष प्रतिक्रया के…tag:openbooksonline.com,2017-11-08:5170231:Comment:8956302017-11-08T09:58:40.824Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>गीत पर सापेक्ष प्रतिक्रया के लिए हार्दिक आभार आपका श्री सुशील सरना जी |</p>
<p>गीत पर सापेक्ष प्रतिक्रया के लिए हार्दिक आभार आपका श्री सुशील सरना जी |</p> सुन्दर गीत रचना आदरणीय..tag:openbooksonline.com,2017-11-06:5170231:Comment:8953612017-11-06T15:12:17.206Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
सुन्दर गीत रचना आदरणीय..
सुन्दर गीत रचना आदरणीय.. जनाब लक्ष्मण रामानुज जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2017-11-05:5170231:Comment:8951022017-11-05T15:20:07.816ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब लक्ष्मण रामानुज जी आदाब,गीत का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
जनाब गोपाल नारायण जी की बातों का संज्ञान लें ।
जनाब लक्ष्मण रामानुज जी आदाब,गीत का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
जनाब गोपाल नारायण जी की बातों का संज्ञान लें । आदरणीय लक्ष्मण रामानुज जु आदा…tag:openbooksonline.com,2017-11-05:5170231:Comment:8950812017-11-05T02:14:32.756ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
आदरणीय लक्ष्मण रामानुज जु आदाब, बहुत ही सुंदर गीत की पेशकश । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीय लक्ष्मण रामानुज जु आदाब, बहुत ही सुंदर गीत की पेशकश । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । आ० आपकी शुरुआत ककुभ छंद [ १६…tag:openbooksonline.com,2017-11-04:5170231:Comment:8948982017-11-04T13:31:14.925Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० आपकी शुरुआत ककुभ छंद [ १६ १४ ] अंत में दो गुरु से हुयी पर पूर गीत में यह विन्यास कायम नहीं रह पाया . शिल्प के सापेक्ष भाव को सराहनीय कहा जाएगा . सादर .</p>
<p>आ० आपकी शुरुआत ककुभ छंद [ १६ १४ ] अंत में दो गुरु से हुयी पर पूर गीत में यह विन्यास कायम नहीं रह पाया . शिल्प के सापेक्ष भाव को सराहनीय कहा जाएगा . सादर .</p> एक सुंदर और भावपूर्ण तथा संदे…tag:openbooksonline.com,2017-11-03:5170231:Comment:8948682017-11-03T14:36:16.724ZSushil Sarnahttp://openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>एक सुंदर और भावपूर्ण तथा संदेशप्रद गीत ... हार्दिक बधाई आदरणीय लाड़ीवाला जी। </p>
<p>एक सुंदर और भावपूर्ण तथा संदेशप्रद गीत ... हार्दिक बधाई आदरणीय लाड़ीवाला जी। </p>